CTET GK - TET GK - CTET Question - CTET And TET Gk In Hindi
CTET 2021 के लिए महत्वपूर्ण सवाल और उनके उत्तर। CTET एवं TET में पूछे गए सवाल का संग्रह जो आपको शिक्षण प्रतियोगिया परीक्षा तैयारी में सहयोग करेगी । CTET परीक्षा से संबन्धित प्रशनोत्तर और TET परीक्षा से संबन्धित प्रशनोत्तर
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CTET एवं TET से संबन्धित सामान्य ज्ञान | CTET/TET General Knowledge In Hindi
631. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 में निम्न में से किस परीक्षा सम्बन्धी सुधारों को सुझाया गया है ?
(A) प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं को ऎच्छिक
(B) कक्षा X की परीक्षा ऎच्छिक
(C) विद्यालयी शिक्षा की विभिन्न अवस्थाओं पर राज्य स्तर की परीक्षा संचालन
(D) इनमें से सभी
Solution:
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 ने निम्नलिखित परीक्षा सुधारों की सिफारिश की है:
* सतत और व्यापक मूल्यांकन पर ध्यान देना, जो छात्रों की समझ, कौशल और मूल्यों का समग्र मूल्यांकन करता है।
* यादगार से अधिक अवधारणात्मक समझ और उच्च-क्रम की सोच कौशल पर जोर।
* परीक्षाओं में अधिक रचनात्मकता और लचीलापन, जो छात्रों को अपने ज्ञान को विभिन्न तरीकों से प्रदर्शित करने की अनुमति देता है।
* निष्पक्षता और वैधता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षाओं का मानकीकरण।
* परीक्षा के परिणामों का उपयोग छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए करना।
632. अभ्यास से ?
(A) ज्ञानेन्द्रियों का प्रशिक्षण होता है
(B) याद होता है
(C) ज्ञान प्राप्त होता है
(D) गृह-कार्य नियमित करने की आदत पड़ती है
Solution:
अभ्यास से पूर्णता आती है। यह एक कहावत है जो बताती है कि किसी कौशल या गतिविधि को करने का निरंतर अभ्यास उसमें निपुणता और दक्षता की ओर ले जाता है। अभ्यास तंत्रिका पथ को मजबूत करता है, मांसपेशियों की मेमोरी में सुधार करता है और एक कार्य को अधिक कुशलता से करने के लिए मस्तिष्क को प्रशिक्षित करता है। बार-बार दोहराने से, मस्तिष्क अधिक प्रभावी ढंग से जानकारी संसाधित करता है, जिससे कार्यों को अधिक तेज़ी से और सटीक रूप से करना संभव हो जाता है।
633. वह अवस्था जब बच्चा तार्किक रूप से वस्तुओं व घटनाओं के विषय में चिंतन प्रारंभ करता हैं, कौन-सा है ?
(A) औपचारिक-संक्रियात्मक अवस्था
(B) पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था
(C) संवेदी-प्रेरक अवस्था
(D) मूर्त-संक्रियात्मक अवस्था
Solution:
संचालनात्मक अवस्था वह चरण है जहां बच्चे वस्तुओं और घटनाओं के बारे में तार्किक रूप से सोचना शुरू करते हैं। यह 7-11 वर्ष की आयु के बीच होता है और जीन पियाजे द्वारा वर्णित संज्ञानात्मक विकास के चरणों का तीसरा चरण है। इस अवस्था में, बच्चे संरक्षण, उलट और वर्गीकरण को समझने लगते हैं। वे ठोस वस्तुओं से परे सोच सकते हैं और मानसिक रूप से समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
634. विद्यार्थीयों के सीखने की कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है ?
(A) कारणॊं को जानकर और उसके अनुसार योजना बनाकर
(B) अधिक सुविधाएं प्रदान करके
(C) अधिक अभ्यास कराकर
(D) अधिक समय देकर
Solution:
विद्यार्थियों की सीखने की कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण आवश्यक है, जिसमें शामिल हैं:
* **समस्या की पहचान:** कठिनाई के कारणों का आकलन करना, जैसे कि संज्ञानात्मक, शैक्षणिक या भावनात्मक कारक।
* **वैयक्तिकृत हस्तक्षेप:** छात्र की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए निर्देशात्मक समर्थन प्रदान करना, जैसे कि उपचारात्मक शिक्षण या विशेष शिक्षण सेवाएँ।
* **भावनात्मक सहायता और प्रेरणा:** एक सकारात्मक और सहायक सीखने का माहौल बनाना, सफलता की भावना का निर्माण करना और सीखने की प्रेरणा को बढ़ावा देना।
* **सहयोग और संचार:** छात्रों, शिक्षकों, माता-पिता और अन्य पेशेवरों के बीच खुले और चल रहे संचार को प्रोत्साहित करना।
* **सतत मूल्यांकन:** छात्र की प्रगति की निगरानी करना और हस्तक्षेपों की प्रभावशीलता का आकलन करना, आवश्यकतानुसार समायोजन करना।
635. अध्यापक को अपनी जानकारी नवीनतम बनाने के लिए ?
(A) शैक्षिक गोष्ठियों में भाग लेना चाहिए
(B) दैनिक समाचार-पत्रों को नियमित पढना चाहिए
(C) विषय से सम्बन्धित नवीन साहित्य का अध्ययन करना चाहिए
(D) उपरोक्त सभी कार्य करने चाहिए
Solution:
**शिक्षकों के लिए जानकारी को नवीनतम बनाने के लिए रणनीतियाँ:**
* **पेशेवर विकास गतिविधियों में भाग लें:** कार्यशालाएँ, सम्मेलन और ऑनलाइन पाठ्यक्रम शिक्षकों को नए शिक्षण विधियों, सामग्री और शैक्षणिक सिद्धांतों से अवगत कराते हैं।
* **पेशेवर साहित्य पढ़ें:** शोध पत्र, जर्नल और पुस्तकें नवीनतम शिक्षण अनुसंधान और प्रथाओं की एक खान प्रदान करती हैं।
* **अन्य शिक्षकों के साथ नेटवर्क:** सहयोगियों से जुड़ना विचारों के आदान-प्रदान और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की अनुमति देता है।
* **प्रौद्योगिकी का उपयोग करें:** शैक्षिक ऐप्स और वेबसाइटें शिक्षकों को संसाधनों तक पहुँच प्रदान करती हैं, छात्रों को जोड़ती हैं और शिक्षण प्रक्रियाओं को बढ़ाती हैं।
* **छात्र प्रतिक्रिया मांगें:** छात्रों की जरूरतों और हितों को समझने से शिक्षक अपनी शिक्षा को तदनुसार समायोजित कर सकते हैं।
636. रक्षा तंत्र बहुत सहायता करता है ?
(A) हिंसा से निपटने में
(B) अजनबियों से निपटने में
(C) थकान से निपटने में
(D) दबाव से निपटने में
Solution:
Defense mechanisms are unconscious mental processes that protect the ego from anxiety and maintain self-esteem. They operate automatically and can be healthy or unhealthy. Healthy mechanisms, such as sublimation, displacement, and humor, help us cope with stress and adapt to our environment. Unhealthy mechanisms, such as denial, projection, and rationalization, can lead to self-deception and maladaptive behavior. Defense mechanisms play a crucial role in protecting our mental health and well-being.
637. विशेष रूप से प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों की सीखने सम्बन्धी समस्याओं को संबोधित करने का सबसे बेहतर तरीका है ?
(A) महँगी और चमकदार सहायक सामग्री का प्रयोग करना
(B) सरल और रोचक पाठ्य-पुस्तकों का प्रयोग करना
(C) कहानी-कथन पद्धति का प्रयोग करना
(D) अक्षमता के अनुरूप विभिन्न शिक्षण-पद्धतियों का प्रयोग करना
Solution:
प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों की सीखने संबंधी समस्याओं को संबोधित करने के लिए व्यक्तिगत जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। प्रारंभिक हस्तक्षेप, समय पर मूल्यांकन और निदान, व्यक्तिगत शिक्षा योजनाएं (IEP), विभेदित निर्देश और विशेष शिक्षा सेवाएं समस्या वाले छात्रों को उनके सीखने की बाधाओं को दूर करने में सहायता कर सकती हैं। सहयोगात्मक अध्यापन, माता-पिता की भागीदारी और शिक्षक प्रशिक्षण भी महत्वपूर्ण हैं। एक समग्र दृष्टिकोण जो शैक्षणिक, सामाजिक-भावनात्मक और व्यवहार संबंधी जरूरतों को पूरा करता है, सर्वोत्तम परिणाम प्रदान कर सकता है।
638. साइकी का अर्थ है ?
(A) ज्ञान का पिण्ड
(B) बुद्धि व मन को जानना
(C) मानवीय आत्मा या मन
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
"साइकी" एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है "मन", "आत्मा" या "व्यक्तित्व"। यह मनोविज्ञान का मूल शब्द भी है, जो मन और व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन है। साइकी अवधारणा में विचार, भावनाएं, संज्ञान, व्यवहार, प्रेरणा और व्यक्तित्व लक्षण शामिल हैं जो किसी व्यक्ति के समग्र मानसिक और भावनात्मक अनुभव को आकार देते हैं। साइकी को अक्सर एक अदृश्य या अमूर्त इकाई के रूप में देखा जाता है जो किसी व्यक्ति के बाहरी कार्यों और व्यवहार को प्रभावित करती है।
639. पाठयक्रम निर्माण में किस बात को मुख्य रूप से ध्यान में रखा जाता है?
(A) शिक्षण विधियों का
(B) शिक्षा के उद्देश्यों को
(C) छात्रों को
(D) पाठयवस्तु को
Solution:
पाठ्यक्रम निर्माण मुख्य रूप से सीखने वाले की आवश्यकताओं और हितों पर केंद्रित होता है। इसमें निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखा जाता है:
* **विद्यार्थी की ज़रूरतें:** पाठ्यक्रम उनके ज्ञान, कौशल और विकासात्मक स्तर के अनुरूप होना चाहिए।
* **शिक्षा के उद्देश्य:** पाठ्यक्रम विशिष्ट शिक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया जाना चाहिए।
* **संसाधन और गतिविधियाँ:** पाठ्यक्रम में उन संसाधनों और गतिविधियों को शामिल किया जाना चाहिए जो सीखने का समर्थन करते हैं।
* **आकलन:** पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों की प्रगति का आकलन करने के लिए मूल्यांकन रणनीतियाँ शामिल होनी चाहिए।
* **लचीलापन:** पाठ्यक्रम को विभिन्न सीखने की शैलियों और ज़रूरतों को समायोजित करने के लिए लचीला होना चाहिए।
640. बच्चों में आपसमायोजना और कुंठा तब उतपन्न होता है, जब ?
(A) उनकी मनोवैज्ञानिक या भौतिक आवश्यकताओं की उपेक्षा की जाती है
(B) वे परीक्षा में पास नहीं हो पाते
(C) उन्हें पाठशाला नहीं भेजा जाता
(D) उनके माँ-बाप उन्हें अत्यधिक प्यार-दुलार देते हैं
Solution:
जब बच्चे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं, तो वे आपसमायोजन और कुंठा का अनुभव करते हैं। यह तब होता है जब उनके प्रयासों को बाधाओं या सीमाओं से रोका जाता है। कुंठा बच्चों में निराशा, क्रोध और तनाव को जन्म दे सकता है, जिससे उनकी समग्र भलाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, कुंठा से निपटने और अनुकूलन कौशल विकसित करने में उनकी मदद करना महत्वपूर्ण है।