Teaching Aptitude - Teaching Aptitude In Hindi - Teaching Aptitude Question
शिक्षण अभिवृति एवं शिक्षण अभिरुचि से संबंधित समान्य ज्ञान के सवाल। शिक्षण अभिक्षमता को बढ़ाने के लिए सामान्य ज्ञान के सवाल का संग्रह जो सभी प्रतियोगिया जैसे CTET, UCG, CSIR, TET, TGT, BED, सेट, केंद्रीय विद्यालय, नबोदया विद्यालय, पीजीटी आदि के तयारी में सहयोग करेगी ।
शिक्षण अभिवृत्ति एवं शिक्षण अभिरुचि प्रश्नोत्तरी | Teacher Aptitude Test | Teaching Aptitude GK
1. कितने माह का शिशु व्यक्ति की मुख मुद्रा को पहचानने लगता है ?
(A) 5-7 मास का शिशु
(B) 4-5 मास का शिशु
(C) 8-9 मास का शिशु
(D) 3 मास का शिशु
Solution:
शिशु व्यक्ति की मुख मुद्रा (जैसे कि हँसी या क्रोध) को पहचानना लगभग 3-4 महीने की उम्र में शुरू कर देते हैं। इस दौरान, वे अपनी देखभाल करने वालों की भावनात्मक अभिव्यक्तियों का अवलोकन करते हैं और उन्हें अपनी प्रतिक्रियाओं से जोड़ना सीखते हैं। यह सामाजिक विकास का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो शिशुओं को अपनी भावनाओं को समझने और दूसरों के साथ जुड़ने में मदद करता है।
2. स्कूलों में शिक्षकों में असन्तोष का प्रमुख कारण होता है ?
(A) प्रधानाचार्य या प्रबन्धन समिति द्वारा पक्षपात
(B) शिक्षकों पर अधिक कार्यभार
(C) शिक्षकों का कम वेतन
(D) ये सभी
Solution:
शिक्षकों में असंतोष के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
* **कम वेतन और लाभ:** अन्य पेशेवरों की तुलना में कम वेतन और अपर्याप्त लाभ।
* **अतिरिक्त कार्यभार:** पाठ्येतर गतिविधियों, प्रशासनिक कार्यों और मूल्यांकन की बढ़ती अपेक्षाओं के साथ अत्यधिक कार्यभार।
* **न्यून सम्मान:** माता-पिता और प्रशासकों से कम सम्मान और मान्यता।
* **संसाधनों की कमी:** पर्याप्त पाठ्यपुस्तकों, शैक्षिक सामग्री और तकनीकी सहायता तक सीमित पहुंच।
* **वृद्धि की सीमित संभावनाएं:** पदोन्नति और वेतन वृद्धि के सीमित अवसर।
* **बदलते शैक्षणिक मानक:** लगातार बदलते शैक्षणिक मानक और जवाबदेही आवश्यकताएं जो शिक्षकों पर दबाव डालती हैं।
* **अनुशासनात्मक समस्याएं:** छात्र व्यवहार की समस्याओं से निपटने में कठिनाई।
* **व्यक्तिगत समस्याएं:** व्यक्तिगत तनाव, पारिवारिक मुद्दे या स्वास्थ्य समस्याएं जो शिक्षण में हस्तक्षेप कर सकती हैं।
3. ऎसे प्रेरक जो विभिन्न व्यक्तियों के विभिन्न परिस्थितियों में पलने के कारण विकसित होते हैं वे कहलाते हैं ?
(A) सामाजिक प्रेरक
(B) जन्मजात प्रेरक
(C) व्यक्तित्व प्रेरक
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
भिन्न-भिन्न प्रेरक, जो व्यक्तियों के अनुभवों और परिस्थितियों के आधार पर विकसित होते हैं, उन्हें **आंतरिक प्रेरक** कहते हैं। ये प्रेरक किसी बाहरी पुरस्कार या दंड से स्वतंत्र होते हैं, और आंतरिक इच्छाओं, रुचियों और मूल्यों से उत्पन्न होते हैं। आंतरिक प्रेरक व्यक्तिगत संतुष्टि, जिज्ञासा और विकास की इच्छा से प्रेरित होते हैं। वे दीर्घकालिक प्रेरणा और जीवन भर सीखने और बढ़ने की इच्छा को बढ़ावा देते हैं।
4. सीखने का मुख्य तत्त्व है ?
(A) सीखने की इच्छा
(B) अनुकूल परिवेश
(C) प्रेरणा
(D) ये सभी
Solution:
सीखने का मुख्य तत्व **अभ्यास** है। दोहराव और नियमितता से मस्तिष्क नई जानकारी को मजबूत करता है, स्थायी यादें बनाता है और कौशल को विकसित करता है। अभ्यास के माध्यम से, तंत्रिका मार्ग मजबूत होते हैं, जिससे जानकारी को तेजी से और अधिक सटीक रूप से पुनः प्राप्त किया जा सकता है। चाहे वह शैक्षणिक विषय हो, शारीरिक कौशल हो या जीवन कौशल हो, निरंतर अभ्यास सीखने और विकास के लिए आवश्यक है।
5. छोटे बच्चों को पाठशाला में एक ही अध्यापक पुरे समय तक पढ़ाता है, क्या आप उसे लाभप्रद मानते हैं ?
(A) इससे कोई अंतर नहीं पड़ता
(B) इसमें अध्यापक और छात्र दोनों को हानि होती है
(C) यह प्रथा उबाऊ है
(D) यह लाभप्रद है
Solution:
एक ही शिक्षक द्वारा छोटे बच्चों को लगातार पढ़ाना कई लाभ प्रदान करता है:
* **संबंध निर्माण:** एक शिक्षक निरंतरता से एक मजबूत छात्र-शिक्षक संबंध स्थापित कर सकता है, जो छात्रों के सीखने और सामाजिक-भावनात्मक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
* **अनुकूलित शिक्षा:** शिक्षक छात्रों की व्यक्तिगत शैक्षणिक और सामाजिक-भावनात्मक ज़रूरतों के लिए पाठ्यक्रम को अनुकूलित कर सकता है।
* **निरंतरता:** एक ही शिक्षक होने से पाठों में निरंतरता बनाए रखने और अवधारणाओं की गहरी समझ विकसित करने में मदद मिलती है।
* **छात्रों की प्रगति की निगरानी:** शिक्षक लगातार छात्रों की प्रगति की निगरानी कर सकता है और आवश्यक सहायता और समर्थन प्रदान कर सकता है।
* **अभिभावक संचार:** एक ही शिक्षक अभिभावकों के साथ छात्रों की प्रगति और ज़रूरतों पर नियमित रूप से संवाद कर सकता है।
6. विद्यालय के सभी कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए क्योंकि इससे ?
(A) सीखने का अवसर मिलता है
(B) व्यक्तित्व का विकास होता है
(C) आत्मविश्वास के विकास में सहायता मिलती है
(D) ये सभी
Solution:
स्कूल के सभी कार्यक्रमों में भाग लेने से छात्रों को कई लाभ मिलते हैं:
* **सर्वगीण विकास:** विविध कार्यक्रम शैक्षणिक, सामाजिक और सह-पाठ्यचर्या कौशल विकसित करते हैं।
* **आत्मविश्वास बढ़ाना:** कार्यक्रमों में भाग लेने से छात्र अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलते हैं, आत्मविश्वास का निर्माण करते हैं।
* **नेतृत्व कौशल:** खेल, क्लब और समूह परियोजनाएं छात्रों को नेतृत्व की भूमिकाएँ निभाने का अवसर देती हैं।
* **सहयोग और टीम वर्क:** कार्यक्रम छात्रों को दूसरों के साथ सहयोग करना और टीमों में प्रभावी ढंग से काम करना सिखाते हैं।
* **संस्कृति और विविधता को समझना:** सांस्कृतिक और अंतर्राष्ट्रीय आयोजन छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों और दृष्टिकोणों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
7. अगर कोई खिलाड़ी खेल के नियमों को भंग करता है तो आप ?
(A) उसे खेल के मैदान से बाहर निकाल देंगे
(B) अनुशासन पर व्याख्यान देंगे
(C) उसको एक बार सुधरने का मौका देंगे
(D) उस पर आर्थिक जुर्माना लगा देंगे
Solution:
**यदि कोई खिलाड़ी खेल के नियमों का उल्लंघन करता है, तो उचित कार्यवाही निर्धारित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएँ:**
1. **उल्लंघन की पहचान करें:** स्पष्ट रूप से बताएं कि नियम का कौन सा हिस्सा तोड़ा गया है।
2. **खिलाड़ी से पूछताछ करें:** उल्लंघन के कारण और इरादे के बारे में पूछें।
3. **प्रासंगिक दंड का मूल्यांकन करें:** उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर संभावित दंड निर्धारित करें।
4. **दंड लागू करें:** निष्पक्ष और लगातार तरीके से उचित दंड लागू करें।
5. **खिलाड़ी से बात करें:** दंड के कारण और व्यापक नियमों को समझाएँ।
8. शिक्षा मनोविज्ञान का विषय क्षेत्र नहीं है ?
(A) शैक्षिक मूल्यांकन
(B) सीखने की प्रक्रिया
(C) खेलों का प्रशिक्षण
(D) व्यक्तित्व का व्यवस्थापन
Solution:
शिक्षा मनोविज्ञान, सीखने और सिखाने की प्रक्रियाओं से संबंधित एक उप-विषय है। यह मनोविज्ञान का एक क्षेत्र है जो शैक्षिक सेटिंग में मानव व्यवहार और संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है।
इसलिए, शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान का एक विषय क्षेत्र है, न कि कोई गैर-विषय क्षेत्र।
9. समाजमिति से जिस सामान्य तथ्य का पता चलता है, वह है ?
(A) तटस्थता
(B) नायक गुण
(C) तिरस्कार
(D) उपरोक्त सभी
Solution:
समाजमिति से पता चलता है कि सामाजिक व्यवहार एक जटिल और विविध घटना है जो व्यक्तिगत विशेषताओं, सामाजिक संदर्भ और सामाजिक संरचनाओं की जटिल परस्पर क्रिया से निर्धारित होती है। यह समझना कि सामाजिक व्यवहार कैसे निर्धारित होता है, सामाजिक समस्याओं को हल करने और मानवीय भलाई को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
10. छोटे बच्चों की ज्ञानेन्द्रियों को क्रियाशील व सक्षम बनाने हेतु ?
(A) उनके समक्ष सामग्री रखकर निरीक्षण कराएंगे
(B) उनसे वस्तुओं को उठाने-रखने का कार्य करायेंगे
(C) उनको क्रियाशील रखेंगे
(D) उनको कक्षा में शान्त बैठने को कहेंगे
Solution:
छोटे बच्चों की ज्ञानेन्द्रियों को क्रियाशील और सक्षम बनाने के लिए, माता-पिता और शिक्षकों को विभिन्न गतिविधियों और अनुभवों को प्रदान करना चाहिए। इसमें शामिल हैं:
* **स्पर्श अनुभव:** बनावट वाली वस्तुओं को छूने, रेत या पेंट के साथ खेलने और विभिन्न तापमान का पता लगाने के अवसर प्रदान करना।
* **श्रवण उत्तेजना:** अलग-अलग ध्वनियों को सुनना, संगीत बजाना और कहानियाँ पढ़ना।
* **दृष्टिगत उत्तेजना:** चमकीले रंग, आकार और पैटर्न दिखाना, और किताबें और चित्र पढ़ना।
* **घ्राण उत्तेजना:** विभिन्न प्रकार की गंधों का पता लगाना, जैसे फूलों, भोजन और सुरक्षित रसायनों की।
* **आस्वादन अनुभव:** सुरक्षित खाद्य पदार्थों को आज़माने का मौका देना और अलग-अलग स्वादों की पहचान करना।
इन अनुभवों से बच्चों को अपनी दुनिया का पता लगाने और उनकी ज्ञानेन्द्रियों को विकसित करने में मदद मिलती है, जो सीखने और विकास के लिए आवश्यक है।