CTET GK - TET GK - CTET Question - CTET And TET Gk In Hindi
CTET 2021 के लिए महत्वपूर्ण सवाल और उनके उत्तर। CTET एवं TET में पूछे गए सवाल का संग्रह जो आपको शिक्षण प्रतियोगिया परीक्षा तैयारी में सहयोग करेगी । CTET परीक्षा से संबन्धित प्रशनोत्तर और TET परीक्षा से संबन्धित प्रशनोत्तर
।
CTET एवं TET से संबन्धित सामान्य ज्ञान | CTET/TET General Knowledge In Hindi
1. आपके विचार में चिन्तन शक्ति विकसित करने का क्या उपाय है ?
(A) छात्रों को समस्या समाधान विधि से पढ़ाया जाये
(B) छात्रों में स्व-अध्ययन की आदत का विकास किया जाये
(C) छात्रों को खोज एवं व्रेन स्टार्मिंग विधि से पढ़ाया जाये
(D) ये सभी
Solution:
चिंतन शक्ति विकसित करने के लिए निम्नलिखित उपाय लाभदायक हैं:
* **सतर्कतापूर्वक अवलोकन:** अपने आस-पास की दुनिया पर ध्यान दें और अपने विचारों और अनुभवों को प्रतिबिंबित करें।
* **प्रश्न पूछें:** जिज्ञासु बनें और चीजों के मूल कारणों की खोज करें। "क्यों?" और "कैसे?" जैसे प्रश्न पूछें।
* **मानसिक अभ्यास:** पहेलियाँ, क्रॉसवर्ड या गणितीय समस्याओं को हल करें जो आपके तार्किक कौशल को चुनौती देते हैं।
* **पढ़ना और लिखना:** विभिन्न विषयों की किताबें पढ़ें और अपने विचारों को लेखन के माध्यम से व्यक्त करें।
* **ध्यान:** मन को शांत करके और वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करके, ध्यान आपके विचारों पर स्पष्टता और नियंत्रण ला सकता है।
2. सूचनाओं एवं ज्ञान की प्राप्ति है ?
(A) समायोजना की योग्यता
(B) सीखने की योग्यता
(C) स्मृति में लाने की योग्यता
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
**सूचनाओं और ज्ञान की प्राप्ति**
सूचनाएँ कच्चे तथ्य या आंकड़े होते हैं जो अक्सर विशिष्ट होते हैं। दूसरी ओर, ज्ञान एक व्याख्यात्मक और सार्थक समझ है जो सूचनाओं के विश्लेषण और संदर्भ से प्राप्त होता है। सूचनाओं और ज्ञान की प्राप्ति में निम्नलिखित कदम शामिल हैं:
1. **संवेदना**: दुनिया की प्रत्यक्ष अनुभूति
2. **अवधारणा**: संवेदनाओं को अर्थपूर्ण पैटर्न में व्यवस्थित करना
3. **विश्लेषण**: जानकारी को इसके घटक भागों में तोड़ना
4. **सिंथेसिस**: जानकारी को नए ज्ञान में पुन: जोड़ना
5. **मूल्यांकन**: ज्ञान की सटीकता और प्रासंगिकता का आकलन करना
3. आज की इस तेज गति से बदलते हुए समाज में जहाँ चारों तरफ मशीनों और औद्योगिकरण का ही महत्व है, छात्रों को मानव मूल्यों और आध्यात्मिकता के बारे में अवगत कराना?
(A) रूढिवादिता का द्योतक है
(B) अनावश्यक है
(C) आवश्यक है
(D) असम्भव है
Solution:
आज की तीव्र-गति वाली दुनिया में, प्रौद्योगिकी और भौतिकवाद प्रमुखता रखते हैं। इस व्यस्त जीवन में, छात्रों को मानवीय मूल्यों और आध्यात्मिकता की शिक्षा प्रदान करना महत्वपूर्ण है।
सहानुभूति, दया और करुणा जैसे मूल्यों को छात्रों में विकसित करना उन्हें समाज के जिम्मेदार सदस्य बनने में सक्षम बनाता है। आध्यात्मिकता उन्हें अपने भीतर की शांति और उद्देश्य खोजने में मदद करती है।
पाठ्यक्रम में नैतिकता, मूल्यों और आध्यात्मिक अभ्यासों को शामिल करके, स्कूल छात्रों को एक संतुलित दृष्टिकोण विकसित करने और आज के जटिल समाज में मानवीयता को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
4. आपके विचार में शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए ?
(A) छात्रों को साक्षर बनाना
(B) शिक्षा ग्रहण करने के बाद नौकरी
(C) छात्रों की मानसिक योग्यता का विकास
(D) बालकों का सर्वांगीण विकास
Solution:
शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तियों को जीवन भर सीखने, समस्याओं को हल करने और उनके समुदायों और दुनिया में योगदान करने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और मूल्यों से लैस करना होना चाहिए। इसमें आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता, सहयोग, संचार और सांस्कृतिक समझ का विकास शामिल है। इसके अतिरिक्त, शिक्षा को सामाजिक जिम्मेदारी, नागरिक सगाई और व्यक्तिगत कल्याण को बढ़ावा देना चाहिए।
5. बच्चों के बौद्धिक विकास की चार विशिष्ट अवस्थाओं की पहचान की गई ?
(A) एरिकसन द्वारा
(B) पियाजे द्वारा
(C) स्किनर द्वारा
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
पियाजे ने बच्चों के बौद्धिक विकास में चार विशिष्ट अवस्थाओं की पहचान की:
**1. संवेदी-गतिज अवस्था (0-2 वर्ष):** बच्चे अनुभवात्मक जानकारियों पर निर्भर होते हैं, वस्तुओं को उनकी इंद्रियों के माध्यम से समझते हैं।
**2. पूर्व-परिचालन अवस्था (2-7 वर्ष):** बच्चे प्रतीकात्मक सोच विकसित करते हैं, लेकिन तार्किक तर्क और संरक्षण की अवधारणा में सीमित होते हैं।
**3. मूर्त परिचालन अवस्था (7-11 वर्ष):** बच्चे तार्किक सोच विकसित करते हैं, संरक्षण समझते हैं, लेकिन अमूर्त अवधारणाओं को समझने में संघर्ष करते हैं।
**4. औपचारिक परिचालन अवस्था (11 वर्ष के बाद):** बच्चे अमूर्त सोच विकसित करते हैं, तार्किक तर्क का उपयोग कर सकते हैं, और वैज्ञानिक समस्या समाधान में सक्षम होते हैं।
6. कक्षा में छात्र पढ़ाई में रूचि नहीं ले रहे हैं, ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे ?
(A) कक्षा छोड़ देंगे
(B) कहानियां सुनाएँगे
(C) रुचिपूर्ण शिक्षण विधि का प्रयोग करेंगे
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution:
छात्रों की पढ़ाई में रूचि बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
* **पाठ्यक्रम को प्रासंगिक और आकर्षक बनाएँ:** छात्रों को पाठ्यक्रम से जोड़ने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरणों और गतिविधियों को शामिल करें।
* **विविध शिक्षण विधियों का उपयोग करें:** विभिन्न सीखने की शैलियों को पूरा करने के लिए व्याख्यान, चर्चाओं, समूह कार्य और तकनीकी उपकरणों का उपयोग करें।
* **सकारात्मक और प्रेरक रहें:** छात्रों को सफल होने पर प्रोत्साहित करें और चुनौतियों के सामने उनकी मदद करें।
* **विद्यार्थियों से प्रतिक्रिया लें:** पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों में सुधार के लिए छात्रों से नियमित प्रतिक्रिया लें।
* **माता-पिता और अभिभावकों को शामिल करें:** छात्रों की प्रगति पर चर्चा करने और पढ़ाई में उनकी सहायता करने के लिए माता-पिता और अभिभावकों के साथ सहयोग करें।
7. प्राथमिक कक्षाओं में प्रायः सम्प्रेषण होना चाहिए ?
(A) विदेशी भाषा में
(B) अंग्रेजी में
(C) मातृभाषा में
(D) राष्ट्रभाषा में
Solution:
प्राथमिक कक्षाओं में प्रायः संवाद होना चाहिए क्योंकि यह युवा छात्रों की सीखने की प्रक्रिया के लिए आवश्यक है। संवाद छात्रों को अपनी समझ साझा करने, विचारों को व्यक्त करने और सहयोग करने में सक्षम बनाता है। इससे उनके संचार कौशल, महत्वपूर्ण सोच और समस्या-समाधान क्षमताओं में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त, संवाद एक सकारात्मक कक्षा संस्कृति को बढ़ावा देता है जहाँ छात्र सुरक्षित और मूल्यवान महसूस करते हैं।
8. छात्र के व्यावसायिक चयन पर माता-पिता का प्रभाव भी पड़ता है ?
(A) उनके व्यवहार का
(B) समाज में उनके पद का
(C) उनकी शिक्षा का
(D) उनकी आदतों का
Solution:
माता-पिता छात्रों के व्यावसायिक चयन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। वे अपने बच्चों के लिए मूल्य, रुचियां, आकांक्षाएं और विश्वासों को स्थापित करते हैं, जो उनके करियर के लक्ष्यों को आकार देते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को शैक्षिक संसाधन और अवसर प्रदान करते हैं, उनकी ताकत और कमजोरियों को उजागर करते हैं, और करियर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, माता-पिता अपने बच्चों के लिए नकली भूमिका मॉडल के रूप में काम करते हैं, जो अनजाने में उनकी व्यावसायिक आकांक्षाओं को प्रभावित करते हैं। कुल मिलाकर, माता-पिता छात्रों के व्यावसायिक चयन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, उनके निर्णयों को सूचित करते हैं और उनके भविष्य के करियर को आकार देते हैं।
9. छात्रों में असामाजिक गुण विकसित होते हैं आपका विचार है ?
(A) विद्यालय के परिसर में
(B) बुरी संगत में
(C) शिक्षकों तथा अभिभावकों के दण्डात्मक उपचार से
(D) घर की चार दीवारी के अंदर
Solution:
छात्र स्कूलों में सामाजिक मानदंड और मूल्य सीखते हैं। वे सहानुभूति, संचार और समस्या-समाधान कौशल विकसित करते हैं। हालांकि, कुछ छात्र ऐसे असामाजिक गुण विकसित कर सकते हैं जैसे आक्रामकता, अरुचि और दूसरों की भावनाओं के प्रति उदासीनता।
इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे परिवार की समस्याएं, सामाजिक अलगाव या स्कूल की संस्कृति। शिक्षकों और अभिभावकों को असामाजिक व्यवहार के संकेतों से अवगत होना चाहिए और छात्रों को सामाजिक कौशल विकसित करने और स्वस्थ संबंध बनाने में मदद करनी चाहिए।
10. खुला स्कूल व्यवस्था के सम्बंध में आपका क्या विचार है?
(A) इससे उन छात्रों को भी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल जाता है जो किसी कारणवश पढना छोड़ चुके होते हैं
(B) यह शिक्षा के प्रसार का अच्छा साधन है
(C) उपर के दोनों
(D) इससे घर बैठे पाठ्य सामग्री प्राप्त हो जाती है
Solution:
खुला स्कूल व्यवस्था एक लचीली और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली है जो पारंपरिक स्कूलों तक पहुंच रखने में असमर्थ छात्रों को शिक्षा प्रदान करती है। यह छात्रों को अपनी गति से सीखने की अनुमति देता है, उनके जीवन की परिस्थितियों के अनुरूप अपनी शिक्षा को समायोजित करता है। इस प्रणाली का उद्देश्य शिक्षा तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करना है, विशेष रूप से वंचित समुदायों के लिए। इससे छात्रों को कार्यबल में प्रवेश करने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अतिरिक्त अवसर मिलते हैं।