CTET GK - TET GK - CTET Question - CTET And TET Gk In Hindi
CTET 2021 के लिए महत्वपूर्ण सवाल और उनके उत्तर। CTET एवं TET में पूछे गए सवाल का संग्रह जो आपको शिक्षण प्रतियोगिया परीक्षा तैयारी में सहयोग करेगी । CTET परीक्षा से संबन्धित प्रशनोत्तर और TET परीक्षा से संबन्धित प्रशनोत्तर
।
CTET एवं TET से संबन्धित सामान्य ज्ञान | CTET/TET General Knowledge In Hindi
81. शिक्षक समाज के परिवर्तन का मुख्य घटक है, यह कथन ?
(A) आंशिक सत्य
(B) असत्य
(C) पूर्ण सत्य
(D) कुछ नहीं कह सकते
Solution:
शिक्षक समाज के परिवर्तन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे छात्रों के ज्ञान, कौशल और मूल्यों को आकार देते हैं। वे छात्रों को महत्वपूर्ण सोच कौशल विकसित करने, दुनिया को समझने और सूचित निर्णय लेने में मदद करते हैं। शिक्षक सामाजिक न्याय और समानता के मूल्यों को भी बढ़ावा देते हैं, जो एक अधिक न्यायपूर्ण और समान समाज के निर्माण में योगदान देता है। शिक्षक भविष्य के नेताओं और नवोन्मेषकों को भी तैयार करते हैं, जो सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाते हैं। इस प्रकार, शिक्षकों को समाज के परिवर्तन का एक मुख्य घटक माना जाता है क्योंकि वे व्यक्तियों और पूरे समाज को आकार देने में मदद करते हैं।
82. निम्न में से कौन-सा बुद्धिमान बच्चे का लक्षण नहीं है ?
(A) वह जो लम्बे निबंन्धों को बहुत जल्दी रटने की क्षमता रखता है
(B) वह जो प्रवाहपूर्ण एवं उचित तरीके से संप्रेषण करने की क्षमता रखता है
(C) वह जो अमूर्त रूप से सोचता रहता है
(D) वह जो नये परिवेश में स्वयं को समायोजित कर सकता है
Solution:
बुद्धिमान बच्चों में कई लक्षण होते हैं, जिनमें शामिल नहीं है:
* **सीमित शब्दावली:** बुद्धिमान बच्चे आमतौर पर विस्तृत शब्दावली वाले होते हैं।
* **खराब याददाश्त:** बुद्धिमान बच्चों की याददाश्त अच्छी होती है और वे जानकारी को आसानी से याद कर सकते हैं।
* **सामाजिक कौशल की कमी:** बुद्धिमान बच्चे अक्सर अच्छे सामाजिक कौशल वाले होते हैं और वे दूसरों के साथ अच्छी तरह से बातचीत कर सकते हैं।
* **जिज्ञासु प्रकृति:** बुद्धिमान बच्चे जिज्ञासु होते हैं और वे दुनिया के बारे में सीखने और खोजने के लिए उत्सुक होते हैं।
* **समस्या-समाधान कौशल:** बुद्धिमान बच्चों में समस्याओं को हल करने और नई चुनौतियों से निपटने की क्षमता होती है।
83. शिक्षण की कौन-सी विधि सर्वोत्तम है ?
(A) खेल विधि
(B) करके सीखने की विधि
(C) दृश्य-श्रव्य विधि
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
शिक्षण की सर्वोत्तम विधि छात्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं और सीखने के उद्देश्यों के आधार पर भिन्न होती है। कोई एक आकार-फिट-सभी दृष्टिकोण नहीं है। प्रभावी शिक्षण में विभिन्न विधियों का उपयोग शामिल हो सकता है, जैसे:
* **व्याख्यान:** ज्ञान प्रस्तुत करना और चर्चा को सुविधाजनक बनाना।
* **समस्या-आधारित सीखना:** छात्रों की समस्या-समाधान कौशल को विकसित करना।
* **प्रोजेक्ट-आधारित सीखना:** सहयोगी कौशल और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों को बढ़ावा देना।
* **सहयोगी सीखना:** छात्रों के बीच सहयोग और सामाजिक कौशल को प्रोत्साहित करना।
* **खेल-आधारित शिक्षा:** मज़ेदार और आकर्षक तरीके से अवधारणाओं को सिखाना।
शिक्षकों को छात्रों की सीखने की शैलियों, संज्ञानात्मक क्षमताओं और रुचियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न शिक्षण विधियों को एकीकृत करना चाहिए।
84. घनिष्ठ और व्यक्तिगत मित्रता उत्तम किशोरावस्था की विशेषता है, यह कथन है ?
(A) बी. एन. झा का
(B) रॉस का
(C) वैलेन्टिन का
(D) कोलसनिक का
Solution:
यह कथन गलत है। घनिष्ठ और व्यक्तिगत मित्रता किसी भी उम्र में हो सकती है, न कि केवल किशोरावस्था में। हालांकि, किशोरावस्था अक्सर घनिष्ठ मित्रता के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि किशोर अपनी पहचान का पता लगाते हैं और सहकर्मी समर्थन की तलाश करते हैं। फिर भी, घनिष्ठ मित्रता किसी भी उम्र के लोगों के लिए मूल्यवान और सार्थक हो सकती है।
85. शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए निम्नलिखित में से क्या आबश्यक है ?
(A) छात्रों का सतत मूल्यांकन
(B) पाठ्यक्रम में संशोधन
(C) अध्यापकों का उच्च वेतन
(D) पाठ्य-पुस्तक का सतत मूल्यांकन
Solution:
शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए निम्नलिखित आवश्यक हैं:
* **उच्च गुणवत्ता शिक्षक:** योग्य, उत्साही और समर्थन करने वाले शिक्षक
* **पाठ्यक्रम प्रासंगिकता:** वास्तविक दुनिया की कौशल और ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने वाले पाठ्यक्रम
* **पर्याप्त वित्त पोषण:** बुनियादी ढांचे, संसाधनों और शिक्षक वेतन में निवेश
* **प्रौद्योगिकी का एकीकरण:** छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाने और अनुकूलित करने के लिए
* **छात्र सगाई:** छात्रों की रुचि और सीखने के परिणामों को बढ़ाने के लिए सक्रिय शिक्षण पद्धति
* **मूल्यांकन और जवाबदेही:** छात्र प्रगति को ट्रैक करने और सुधार क्षेत्रों की पहचान करने के लिए प्रभावी मूल्यांकन प्रणाली
* **माता-पिता और समुदाय की भागीदारी:** छात्रों की सफलता को बढ़ावा देने के लिए परिवारों और समुदाय के साथ सहयोग
86. सम्मान प्राप्त करने के लिए दूसरों को सम्मान देना अति आवश्यक है यह उक्ति लागू होती है ?
(A) स्कूलों सहित सभी स्थानों पर सामान रूप से
(B) कार्यालयों एवं कार्यस्थलों में
(C) केवल सामाजिक परिस्थितियों में
(D) केवल स्कूलों में
Solution:
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना अनिवार्य है क्योंकि यह सामाजिक पारस्परिकता के सिद्धांत पर आधारित है। दूसरों का सम्मान करके, हम उन्हें मूल्यवान और महत्वपूर्ण महसूस कराते हैं, जो बदले में उनके लिए हमें सम्मान करना स्वाभाविक बनाता है। जब हम सम्मान दिखाते हैं, तो हम एक सकारात्मक और सम्मानजनक वातावरण बनाते हैं, जो सभी को सम्मानित महसूस कराने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह सभी के लिए एक खुला और समावेशी समाज बनाने में योगदान देता है जहां सभी व्यक्तियों की गरिमा की रक्षा की जाती है।
87. वर्तमान में किस प्रकार की शिक्षा छात्रों तथा समाज के लिए लाभप्रद है ?
(A) रोजगार परक व्यावसायिक शिक्षा
(B) विशेषज्ञता प्रदान करने वाली शिक्षा
(C) प्रौद्योगिक का ज्ञान देने वाली शिक्षा
(D) नैतिक मूल्यों को उजागर करनेवाली धार्मिक शिक्षा
Solution:
आधुनिक छात्रों और समाज के लिए व्यापक और बहुआयामी शिक्षा महत्वपूर्ण है। यह शिक्षा महत्वपूर्ण सोच, समस्या-समाधान, संचार और सहयोग कौशल विकसित करती है। प्रौद्योगिकी और वैश्विकरण के साथ तालमेल बिठाने के लिए छात्रों को डिजिटल साक्षरता, वैश्विक जागरूकता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है। शिक्षा को व्यक्तिगत होना चाहिए, छात्रों की ताकत और जुनून का समर्थन करना चाहिए। यह जीवन भर सीखने और निरंतर अनुकूलन को भी बढ़ावा देना चाहिए। ऐसी शिक्षा सामाजिक नवाचार, आर्थिक विकास और सतत भविष्य को बढ़ावा देगी।
88. बाल्यावस्था में बालक दृष्टिकोण अपनाना आरम्भ करता है ?
(A) यथार्थवादी दृष्टिकोण
(B) कल्पनावादी दृष्टिकोण
(C) बहिर्मुखी दृष्टिकोण
(D) सांसारिक दृष्टिकोण
Solution:
बाल्यावस्था (6-12 वर्ष) में, बच्चे क्रमिक रूप से "अहं केंद्रित" दृष्टिकोण से "अहं-विषयक" दृष्टिकोण की ओर बढ़ते हैं। वे अपने स्वयं के विचारों और भावनाओं के प्रति जागरूक हो जाते हैं, लेकिन वे दूसरों के दृष्टिकोण को समझने और उनकी सराहना करने में भी सक्षम हो जाते हैं। यह संज्ञानात्मक विकास दूसरों के मन को समझने की उनकी क्षमता को बढ़ाता है और सामाजिक संपर्क में सुधार करता है।
89. निम्न कक्षाओं में शिक्षण की खेल विधि आधारित है ?
(A) शिक्षण की विधियों के सिद्धांत पर
(B) शिक्षण के सामाजिक सिद्धांतों पर
(C) विकास एवं वृद्धि के मनोवैज्ञानिक सिद्धांत पर
(D) शारीरिक शिक्षा कार्यक्रमों के सिद्धांत पर
Solution:
निम्न कक्षाओं में खेल विधि शिक्षण का एक महत्वपूर्ण आधार है क्योंकि यह:
* बच्चों की प्राकृतिक खेल-खेल की प्रवृत्ति को संलग्न करती है, सीखने को अधिक मनोरंजक और प्रेरक बनाती है।
* शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देती है क्योंकि यह सक्रिय भागीदारी, समस्या-समाधान और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती है।
* सामाजिक और भावनात्मक कौशल विकसित करती है जैसे सहयोग, संचार और सहानुभूति।
* अवधारणाओं और कौशलों को मजबूत करती है क्योंकि छात्र उन्हें व्यावहारिक और आकर्षक तरीके से अनुभव करते हैं।
90. आजकल विद्यालयों में योग-प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देना आपके विचार से है ?
(A) अध्यापकों पर बोझ
(B) समय की बरबादी
(C) एक अच्छा प्रयास
(D) छात्रों पर अतिरिक्त भार
Solution:
योग को स्कूलों में लागू करना सर्वोपरि महत्व रखता है क्योंकि यह छात्रों के समग्र कल्याण और शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ाता है। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, ध्यान और एकाग्रता में सुधार, तनाव प्रबंधन को बढ़ावा देता है, और आत्म-जागरूकता और अनुशासन को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त, योग बच्चों और किशोरों में स्वस्थ जीवन शैली की आदतों को स्थापित करने में मदद करता है, जिससे भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम कम होता है। स्कूलों में योग को एकीकृत करने से छात्रों को आजीवन लाभ प्राप्त होते हैं, जिससे वे स्वस्थ, संतुलित और सफल वयस्क बनते हैं।