Chemistry GK - Chemistry GK In Hindi - Chemistry Quiz
रसायन विज्ञान, विज्ञान की एक शाखा है जिसके अंतर्गत रासायनिक पदार्थों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है।
रसायन विज्ञान में हम प्राकृतिक ब्रह्मांड के बारे में सीखते हैं, परीक्षण करते हैं, और फिर ऐसे मॉडल बनाते हैं जो हमारी टिप्पणियों की व्याख्या करते हैं।
सभी तरह के
प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे SSC, IBPS Clerk, IBPS PO, RBI, RRB, CTET, TET, BED, UPSC इत्यादि में
रसायन विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यहाँ Chemistry के सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को Listed किया गया है जो सभी तरह के
प्रतियोगी परीक्षाओं में उपयोगी हो सकती है।
रसायन विज्ञान | रसायन सामान्य ज्ञान | रसायन विज्ञान प्रश्नोत्तरी
1821. सूचना अभियांत्रिकी एवं संबद्ध विज्ञानों के क्षेत्र में राष्ट्रीय उत्कृष्टता संस्थान कहाँ पर स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है?
(A) हैदराबाद
(B) बंगलुरु
(C) इलाहबाद
(D) पुणे
Solution:
सूचना अभियांत्रिकी एवं संबद्ध विज्ञानों के क्षेत्र में राष्ट्रीय उत्कृष्टता संस्थान (NIAS) की स्थापना नई दिल्ली में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), दिल्ली के परिसर में की जानी प्रस्तावित है। इसका उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा विज्ञान और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान, शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देना है। एनआईएएस एक प्रमुख संस्थान बनेगा जो भारत की डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
1822. निम्न में से कौन-सा पदार्थ अमोनिया कीहैबर विधि में आयरन (Fe) उत्प्रेरक के लिए निरोधक का कार्य करता है ?
(A) NO
(B) H₂
(C) CO
(D) CO₂
Solution:
आयरन (Fe) उत्प्रेरक को अमोनिया की हैबर विधि में निष्क्रिय करने वाला पदार्थ ऑक्सीजन (O2) है। ऑक्सीजन आयरन की सतह पर एक ऑक्साइड परत बनाता है, जो हाइड्रोजन और नाइट्रोजन की प्रतिक्रिया के लिए उत्प्रेरक की सक्रिय साइटों को अवरुद्ध कर देता है। इसलिए, ऑक्सीजन की उपस्थिति अमोनिया उत्पादन की दर को कम करती है और उत्प्रेरक के जीवनकाल को छोटा करती है।
1823. शैम्पेन और सोडा में बुलबुले होते हैं ?
(A) हाइड्रोजन
(B) नाइट्रोजन
(C) ऑक्सीजन
(D) कार्बन डाईऑकसाइड
Solution:
**शैंपेन और सोडा में बुलबुले कार्बन डाइऑक्साइड गैस के विघटन के कारण बनते हैं।**
**शैंपेन:**
* प्राकृतिक रूप से किण्वित अंगूर के रस से बनाया जाता है, जो कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन करता है। इसे बोतल में सील कर दिया जाता है, जिससे गैस घुल जाती है और बुलबुले बन जाते हैं।
**सोडा:**
* कार्बन डाइऑक्साइड पानी में कृत्रिम रूप से घुल जाता है। दबाव इसे घुलनशील बनाता है, और जब दबाव छोड़ा जाता है, तो गैस बुलबुले के रूप में निकलती है।
1824. खाना पकाने के तेल को किस प्रक्रिया द्वारा वनस्पति घी में परिवर्तित किया जा सकता है ?
(A) आसवन
(B) उपचयन
(C) हाइड्रोजनीकरण
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
वनस्पति घी बनाने की प्रक्रिया हाइड्रोजनीकरण कहलाती है। इसमें तरल वनस्पति तेल को उच्च दबाव और तापमान पर हाइड्रोजन गैस के संपर्क में लाया जाता है, जिससे तेल के असंतृप्त वसा को संतृप्त वसा में परिवर्तित किया जाता है। यह प्रक्रिया तेल को अधिक ठोस और कम खराब होने वाला बना देती है, जिससे यह घी की बनावट प्राप्त कर लेता है।
1825. पी°एच°(pH) दर्शाता है ?
(A) किसी घोल के अम्लीय या क्षारीय होने का मुल्यांक
(B) नेगेटिव से फोटो बनाने में काम में लाए जाने वाले रसायन में
(C) भूकंप की तीव्रता का मूल्यांक
(D) दूध की शुद्धता का मुल्यांक
Solution:
पीएच (pH) एक संख्यात्मक पैमाना है जो किसी पदार्थ की अम्लता या क्षारीयता को मापता है। यह 0 से 14 के पैमाने पर मापा जाता है, जहां 0 सबसे अम्लीय होता है, 14 सबसे क्षारीय होता है और 7 तटस्थ होता है। पीएच पदार्थ में हाइड्रोजन आयनों (एच+) की सांद्रता का लघुगणक है। निचला पीएच मान अधिक हाइड्रोजन आयनों को इंगित करता है और अधिक अम्लता को दर्शाता है, जबकि उच्च पीएच मान कम हाइड्रोजन आयनों को इंगित करता है और अधिक क्षारीयता को दर्शाता है।
1826. यूरोट्रोपीन है ?
(A) हेक्सामिथिलीन टेट्राएमिन
(B) हेक्सामिथिलीन ट्राइएमिन
(C) हेक्सामिथिलीन पेंटाएमिन
(D) हेक्सामिथिलीन डाइएमिन
Solution:
यूरोट्रोपीन, जिसे हेक्सामाइन भी कहा जाता है, एक कार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (CH₂)₆N₄ है। यह एक क्रिस्टलीय सफेद ठोस है जो पानी में घुलनशील होता है। इसका उपयोग औषधीय उद्देश्यों के लिए मूत्र संबंधी कीटाणुनाशक के रूप में और औद्योगिक अनुप्रयोगों में रेजिन और प्लास्टिक के उत्पादन में किया जाता है। यूरोट्रोपीन एक यूरिक एसिड एंटीसेप्टिक है जिसका उपयोग यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। यह मूत्र की अम्लता को बढ़ाकर और मूत्र पथ में बैक्टीरिया के विकास को रोककर काम करता है।
1827. किसी परमाणु के गुण निर्भर करते हैं ?
(A) प्रोटॉनों की संख्या पर
(B) न्यूट्रॉनों की संख्या पर
(C) परमाणु भार पर
(D) इलेक्ट्रॉनिक संरचना पर
Solution:
एक परमाणु के गुण उसके नाभिक में प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या पर निर्भर करते हैं। प्रोटॉनों की संख्या परमाणु के परमाणु क्रमांक को निर्धारित करती है और तत्व की पहचान करती है। न्यूट्रॉनों की संख्या समस्थानिकों को अलग करती है, जो एक ही तत्व के परमाणु होते हैं लेकिन न्यूट्रॉन संख्या में भिन्न होते हैं। प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या एक साथ परमाणु द्रव्यमान की गणना करती है। नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था परमाणु के आकार, आयनन ऊर्जा, इलेक्ट्रॉन बंधुता और रासायनिक अभिक्रियाओं में प्रतिक्रियाशीलता जैसे गुणों को प्रभावित करती है।
1828. रबर निम्न में किसका बहुलक है ?
(A) आइसोप्रीन
(B) प्रोपीन
(C) एथिलीन
(D) ऐसीटिलीन
Solution:
रबर एक प्राकृतिक बहुलक है जो इसोप्रीन नामक एक मोनोमर से निर्मित होता है। आइसोप्रीन को रसायन 2-मिथाइल-1,3-ब्यूटाडीन के रूप में भी जाना जाता है। यह एक डाइटरपेनॉइड है, जिसका अर्थ है कि यह दो आइसोप्रीन इकाइयों से बना है। रबर के बहुलकीकरण की प्रक्रिया को वल्कनाइजेशन कहा जाता है, जिसमें सल्फर को रबर में मिलाया जाता है ताकि आणविक श्रृंखलाओं के बीच क्रॉस-लिंक बनाए जा सकें, जिससे रबर को अधिक मजबूत, लचीला और टिकाऊ बनाया जा सके।
1829. समुद्री जल से शुद्ध जल को किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है ?
(A) संघनन द्वारा
(B) वाष्पन के द्वारा
(C) प्रभाजी आसवन के द्वारा
(D) आसवन द्वारा
Solution:
**समुद्री जल से शुद्ध जल प्राप्ति:**
समुद्री जल से शुद्ध जल प्राप्त करने के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) का उपयोग किया जाता है:
* समुद्री जल को एक अर्ध-पारगम्य झिल्ली से गुजारा जाता है जो नमक कणों को रोकती है लेकिन पानी के अणुओं को गुजरने देती है।
* नमक और अन्य अशुद्धियाँ झिल्ली के एक तरफ एकत्र हो जाती हैं, जिससे दूसरी तरफ शुद्ध पानी निकलता है।
* आरओ प्रक्रिया समुद्री जल से लगभग 99% नमक और अशुद्धियों को हटा सकती है, जिसके परिणामस्वरूप ताजा पानी होता है जो पीने और घरेलू उपयोग के लिए उपयुक्त होता है।
1830. वह तत्व जिसमे सबसे अधिक श्रृंखलन गुण दिखाई देते हैं ?
(A) Si
(B) Ge
(C) Pb
(D) C
Solution:
आवर्त सारणी में सबसे अधिक श्रृंखलन गुण प्रदर्शित करने वाला तत्व कार्बन (C) है। इसका श्रेय इसकी वैलेंस इलेक्ट्रॉनों की संख्या (चार) को जाता है, जो इसे अन्य परमाणुओं के साथ विविध प्रकार के सहसंयोजक बंधन बनाने की अनुमति देता है। इस श्रृंखलन क्षमता के परिणामस्वरूप कार्बन-आधारित यौगिकों की एक विशाल श्रृंखला का निर्माण होता है, जिसके कारण जीवित जीवों के लिए आवश्यक जैविक अणु बनते हैं और साथ ही सिंथेटिक सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला होती है।