Hindi Grammar Gk - Hindi Vyakaran Gk - Hindi Grammar Quiz
Hindi Grammar Gk - Hindi Vyakaran Gk - Hindi Grammar Quiz
हिंदी व्याकरण, हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है । यह हिंदी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है ।
सभी तरह के प्रतियोगिता परीक्षा में जैसे SSC, IBPS Clerk, IBPS PO, RBI Assistant, IBPS SO, RRB, CTET, TET, BED, SCRA, UPSC में हिंदी व्याकरण से पूछे गए सामान्य ज्ञान के प्रश्न।
हिंदी व्याकरण सामान्य ज्ञान | Hindi Grammar Objective | Gk Hindi Grammar
751. तवर्ग का उच्चारण-स्थान है ?
(A) मूर्धा
(B) दन्त
(C) ओष्ठ
(D) कण्ठ
Solution:
तवर्ग के व्यंजनों (त, थ, द, ध) का उच्चारण-स्थान दंतमूल है। इस स्थान पर जीभ के अग्रभाग का निचला हिस्सा ऊपरी दांतों की जड़ों से स्पर्श करता है, जिससे वायु प्रवाह बाधित होता है और एक ध्वनिरहित या ध्वनियुक्त व्यंजन का निर्माण होता है।
752. निम्नलिखित में से विराम चिह्न नहीं है ?
(A) अवतरण
(B) पूर्ण विराम
(C) निर्देशक चिह्न
(D) अलप विराम
Solution:
विराम चिह्न भाषा में प्रयुक्त वर्ण हैं जो पाठ के अर्थ को स्पष्ट करने में मदद करते हैं। निम्नलिखित में से "और" एक विराम चिह्न नहीं है, क्योंकि यह एक जोड़ने वाला शब्द है जिसका उपयोग शब्दों, वाक्यांशों या खंडों को जोड़ने के लिए किया जाता है।
753. इनमें से किस शब्द में लिंगप्रत्यय-संबंधी अशुद्धियाँ है?
(A) गायिका
(B) नारि
(C) अनाथा
(D) गोपी
Solution:
शब्द: "पुत्री"
अशुद्धि: पुत्री शब्द एक स्त्रीलिंग शब्द है, लेकिन इसमें लिंगप्रत्यय "-पुत्र" का प्रयोग किया गया है जो पुल्लिंग शब्दों के लिए प्रयोग किया जाता है। सही लिंगप्रत्यय "-पुत्री" होना चाहिए।
इसलिए, "पुत्री" शब्द में लिंगप्रत्यय-संबंधी अशुद्धता है।
754. जिनके उच्चारण में स्वरतन्त्रियों में कम्पन न हो, वे कहलाते हैं ?
(A) घोष ध्वनियाँ
(B) अघोष ध्वनियाँ
(C) महाप्राण ध्वनियाँ
(D) अल्पप्राण ध्वनियाँ
Solution:
**अघोष व्यंजन**
जिन व्यंजनों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कम्पन नहीं होता है, उन्हें अघोष व्यंजन कहा जाता है। इन व्यंजनों का उच्चारण करते समय वायु श्वास नली से बिना रुके निकलती है, जिससे स्वरतंत्रियों में कोई कम्पन नहीं होता है। उदाहरण के लिए, क, ख, त, थ, प, फ आदि अघोष व्यंजन हैं।
755. सही रूप है ?
(A) एतिहासिक
(B) ऐतिहसिक
(C) ऐतिहासिक
(D) इतिहासिक
Solution:
"सही रूप है" का अर्थ है किसी शब्द, वाक्य या अभिव्यक्ति का वर्तमान या मानक रूप। यह व्याकरण, वर्तनी और विराम चिह्न के नियमों का पालन करता है।
मानक रूप समय के साथ बदल सकता है, जैसे जैसे भाषा विकसित होती है। आधिकारिक संदर्भ, जैसे शब्दकोश और व्याकरण पुस्तकें, सही रूप प्रदान करते हैं।
सही रूप का उपयोग करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्पष्ट और सटीक संचार को सुनिश्चित करता है। यह व्यावसायिक दस्तावेजों, शैक्षणिक लेखन और अन्य औपचारिक संदर्भों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
756. जिस समास के दोनों पद अप्रधान होते है, वहाँ पर कौन-सा समास होता है ?
(A) द्विगु
(B) बहुव्रीहि
(C) तत्पुरुष
(D) द्वन्द्व
Solution:
द्वंद्व समास वह समास है जिसमें दोनों पद अप्रधान होते हैं। इस प्रकार के समास में, दोनों पद समान स्तर के होते हैं और एक दूसरे की विशेषता या गुण का बोध कराते हैं। उदाहरण के लिए, "राम और लक्ष्मण" में, "राम" और "लक्ष्मण" दोनों ही अप्रधान शब्द हैं जो एक साथ मिलकर "राम-लक्ष्मण" युगल का निर्माण करते हैं।
757. टवर्ग का उच्चारण स्थान है ?
(A) कण्ठ
(B) दन्त
(C) मूर्धा
(D) ओष्ठ
Solution:
टवर्ग का उच्चारण स्थान दंत है। इसका अर्थ है कि उच्चारण दांतों (ऊपरी दांतों) और जीभ की नोक के बीच संपर्क से उत्पन्न होता है। जब टवर्ग के व्यंजन (त, ठ, ड, ढ, ण) का उच्चारण किया जाता है, तो जीभ की नोक ऊपरी दांतों के पीछे उठती है और थोड़े समय के लिए उनसे टकराती है, जिससे एक विशिष्ट दंतोच्चारण उत्पन्न होता है।
758. निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द तत्सम है ?
(A) खेत
(B) उद्गम
(C) अजीब
(D) कोर्ट
Solution:
तत्सम शब्द संस्कृत से सीधे लिए गए होते हैं। दिए गए विकल्पों में, "पुत्र" एक तत्सम शब्द है। यह संस्कृत शब्द "पुत्र" से लिया गया है, जिसका अर्थ "बच्चा" या "लड़का" होता है। अन्य विकल्प, जैसे "बालक", "लाडला" और "मामून", तद्भव शब्द हैं, जो समय के साथ तत्सम शब्दों से विकसित हुए हैं।
759. संस्कृत के ऐसे शब्द जिन्हें हम ज्यों-का-त्यों प्रयोग में लाते हैं, कहलाते हैं ?
(A) तत्सम
(B) तद्भव
(C) देशज
(D) विदेशज
Solution:
तद्भव शब्द संस्कृत शब्द होते हैं जिन्हें समय के साथ हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में आत्मसात किया गया है। इन शब्दों को उनके मूल संस्कृत रूप में ही प्रयोग किया जाता है, बिना किसी महत्वपूर्ण ध्वन्यात्मक या व्याकरणिक परिवर्तन के। तद्भव शब्द भारतीय भाषाओं की शब्दावली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और अक्सर दैनिक बातचीत और साहित्य में उपयोग किए जाते हैं।
760. हिन्दी भाषा का जन्म हुआ है ?
(A) वैदिक संस्कृत से
(B) पालि-प्राकृत से
(C) अपभ्रंश से
(D) लौकिक संस्कृत से
Solution:
हिंदी भाषा का विकास एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है जिसकी जड़ें प्राचीन भारत में इंडो-आर्य भाषाओं में निहित हैं। यह लगभग 1,500 वर्षों में संस्कृत और प्राकृत से विकसित हुई। 10वीं शताब्दी में अपभ्रंश भाषा के उदय के साथ हिंदी का जन्म हुआ। अपभ्रंश ने धीरे-धीरे क्षेत्रीय बोलियों को जन्म दिया, जिसमें से हिंदी उत्तरी भारत में सबसे प्रमुख बन गई। 13वीं शताब्दी के भक्ति आंदोलन ने हिंदी को साहित्यिक अभिव्यक्ति का एक शक्तिशाली माध्यम बनाया, जिससे तुलसीदास और कबीर जैसे महान संत-कवियों का उदय हुआ।