Electronics Gk - Electronics Gk In Hindi - Electrical GK Questions
इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ और समान्य ज्ञान के सवाल, जो सभी तरह के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ना जरूरी है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान्य ज्ञान | इलेक्ट्रॉनिक जीके प्रश्नोत्तरी | Electronics Questions
591. निम्न में से किस इन्स्ट्रूमैन्ट को केवल a.c. राशियों के मापन के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है ?
(A) थर्मीकपल टाइप इन्स्ट्रूमैन्ट
(B) इलेक्टौस्टैटिक टाइप इन्स्ट्रूमैन्ट
(C) डायनेमोमीटर टाइप इन्स्ट्रूमैन्ट
(D) इण्डक्शन टाइप इन्स्ट्रूमैन्ट
Solution:
केवल AC राशियों को मापने के लिए प्रयुक्त एकमात्र उपकरण **माइक्रोएमीटर** है। इसका कारण यह है कि इसका संचालन चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित होता है, जो केवल प्रत्यावर्ती धारा (AC) में ही मौजूद होता है। DC धारा में चुंबकीय प्रेरण नहीं होती है, इसलिए माइक्रोएमीटर इसका पता नहीं लगा सकता है।
592. एक संधारित्र प्रकार के पंखॆ की मोटर के ध्रुवों की संख्या 8 है और कुण्डलियों की संख्या 16 है (प्रारम्भी तथा कार्यरत वे ठनों मेंबराबर संख्या में कुण्डलियाँ हैं।) इस वाइण्डिंग की किस्म है ?
(A) दुहरी परत वाइण्डिंग
(B) पूर्ण कुण्डली वाइण्डिंग
(C) अर्द्ध कुण्डली वाइण्डिंग
(D) एकल परत वाइण्डिंग
Solution:
इस वाइंडिंग की किस्म **8/16 दोहरी परत लैप वाइंडिंग** है।
* यह एक वाइंडिंग कॉन्फ़िगरेशन है जिसमें 8 ध्रुवों के लिए 16 कॉइल का उपयोग किया जाता है।
* कॉइल दो परतों में व्यवस्थित होते हैं, प्रत्येक परत में 8 कॉइल होते हैं।
* यह व्यवस्था कम स्पंदन और सुचारू संचालन प्रदान करती है।
593. सामान्य रुप से किस मोटर में गति 3000r.p.m. से अधिक प्राप्त हो सकती है ?
(A) तुल्यकाली मोटर
(B) यूनिवर्सल मोटर
(C) प्रेरण मोटर
(D) डी.सी. शण्ट मोटर
Solution:
इंडक्शन मोटर में आम तौर पर 3000 आरपीएम से अधिक की गति प्राप्त की जा सकती है। इसकी उच्च गति दो ध्रुव वाले स्टेटर डिजाइन के कारण होती है, जो मोटर के चुंबकीय क्षेत्र में उच्च आवृत्ति वाले परिवर्तन उत्पन्न करती है। यह उच्च आवृत्ति रोटर में एक मजबूत ईएमएफ को प्रेरित करती है, जिससे उच्च गति प्राप्त होती है।
594. शुद्ध इंडक्टिव परिपथ का पावर फैक्टर होता है ?
(A) शून्य लीडिंग
(B) शून्य लैगिंग
(C) यूनिटी
(D) उपरोक्त सभी
Solution:
एक शुद्ध इंडक्टिव परिपथ में, पावर फैक्टर शून्य होता है। इसका मतलब है कि परिपथ में कोई वास्तविक शक्ति प्रवाहित नहीं होती है, केवल प्रतिक्रियाशील शक्ति प्रवाहित होती है। यह इंड्यूक्टर के चुंबकीय क्षेत्र में ऊर्जा के भंडारण और रिलीज के कारण होता है। चूंकि ऊर्जा का कोई शुद्ध स्थानांतरण नहीं होता है, इसलिए पावर फैक्टर शून्य होता है।
595. हाफ-वेव रैक्टीफायर परिपथ को आवश्यकता होती है
(A) एक डायोड की
(B) दो डायोडस की
(C) चार डायोडस की सेतु संयोजन के लिए
(D) चार मैटल रेक्टीफायर्स की सेतु संयोजन के लिए
Solution:
एक हाफ-वेव रैक्टीफायर परिपथ को पूर्ण तरंग रैक्टीफायर की तुलना में कम घटकों की आवश्यकता होती है, जिससे यह सरल और लागत प्रभावी हो जाता है। सर्किट में केवल एक डायोड का उपयोग करता है, जो AC तरंग के केवल एक आधे चक्र को सीधा करता है, जिसके परिणामस्वरूप स्पंदित DC आउटपुट होता है। इस डिजाइन की सादगी इसे छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और निम्न-शक्ति अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाती है जहाँ पूर्ण तरंग रैक्टीफायर की जटिलता और लागत अनावश्यक है।
596. RC परिपथ का समय नियतांक प्रतिरोध (R) बढ़ाने पर ?
(A) घटता है
(B) बढ़ता है
(C) उपरोक्त A व B
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution:
एक RC परिपथ में, समय स्थिरांक (τ) R (प्रतिरोध) और C (धारिता) का गुणनफल है: τ = RC
यदि प्रतिरोध (R) को बढ़ा दिया जाता है, तो समय स्थिरांक (τ) भी बढ़ जाएगा। यह इसलिए है क्योंकि प्रतिरोध धारा के प्रवाह का विरोध करता है, जो बदले में संधारित्र को धीरे-धीरे आवेशित या निर्वहन होने का कारण बनता है। इसलिए, उच्च प्रतिरोध परिपथ में धारा को बदलने में अधिक समय लगता है, जिसके परिणामस्वरूप समय स्थिरांक में वृद्धि होती है।
597. स्पैल्टर का गलनांक होता है ?
(A) 580॰C
(B) 600॰C
(C) 700॰C
(D) 730॰C
Solution:
स्पैल्टर का गलनांक **419.5 डिग्री सेल्सियस (787.1 डिग्री फ़ारेनहाइट)** होता है। स्पैल्टर जस्ता का एक अशुद्ध रूप है जिसमें आमतौर पर लोहा, सीसा और कैडमियम की थोड़ी मात्रा होती है। इसका उपयोग गैल्वनाइजिंग में किया जाता है, एक प्रक्रिया जिसमें लोहे या इस्पात को जंग से बचाने के लिए जस्ता की एक सुरक्षात्मक परत से लेपित किया जाता है।
598. ट्रांजिस्टर में कलेक्टर प्राय नहीं किया जाता ?
(A) शून्य बायस पर रखा जाता है
(B) रिवर्स बायस किया जाता है
(C) फारवर्ड बायस किया जाता है
(D) ग्राउण्ड किया जाता है
Solution:
कलेक्टर, ट्रांजिस्टर का एक टर्मिनल है जो बेस-एमिटर जंक्शन से आने वाले अधिकांश चार्ज वाहकों को एकत्र करता है। कलेक्टर को आमतौर पर पक्षपाती किया जाता है, जिसका अर्थ है कि इसे सकारात्मक वोल्टेज पर रखा जाता है ताकि ट्रांजिस्टर चालू (ऑन) हो सके। इस पक्षपाती के कारण ट्रांजिस्टर में उत्पन्न होने वाले अधिकांश चार्ज वाहक कलेक्टर की ओर आकर्षित होते हैं, जिससे ट्रांजिस्टर के माध्यम से करंट प्रवाहित होता है।
599. मास्टर स्विच कौन-सी वायरिंग में लगाया जाता है ?
(A) गोदास वायरिंग
(B) सुरंग वायरिंग
(C) कारीडोर वायरिंग
(D) होस्टल वायरिंग
Solution:
मास्टर स्विच मुख्य रूप से **पैरलल सर्किट** में लगाया जाता है। यह सभी स्विचों को नियंत्रित करता है और एक ही समय में सभी लाइटों को चालू या बंद करने की अनुमति देता है। यह एक सुविधाजनक विशेषता है क्योंकि यह एक ही समय में कई लाइटों को संचालित करने की अनुमति देता है, खासकर बड़े कमरों या भवनों में।
600. ओवर हैड लाइन पर अचानक धारा प्रवाह हो जाता है, यदि आप वहाँ पर हैं, तब आप क्या करेंगे ?
(A) अपने सुपरवाइजर को सूचित करेंगे
(B) विद्युत सम्पर्क में आए व्यक्ति को हाथ पकड़कर खींचेगें
(C) स्वयं सब-स्टेशन या मुख्य स्विच पर पहुँचकर सप्लाई बन्द करेंगे
(D) लोहे की चैन को तारों पर फेकेंगे
Solution:
यदि ओवरहेड लाइन पर अचानक धारा प्रवाह होता है और आप वहां हैं:
* **शांत रहें और तुरंत बिजली के स्रोत से दूर हटें।**
* **अपने पैरों को एक साथ करके खड़े हों और जमीन को न छुएं।**
* **यदि संभव हो तो, लाइन से कम से कम 20 मीटर की दूरी पर एक रबर की चटाई या अन्य गैर-प्रवाहकीय सामग्री पर खड़े हों।**
* **किसी को कॉल करें या 911 पर आपातकालीन सहायता के लिए फोन करें।**
* **लाइन को न छुएं या उसे हटाने का प्रयास न करें।**