Electronics Gk - Electronics Gk In Hindi - Electrical GK Questions
इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ और समान्य ज्ञान के सवाल, जो सभी तरह के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ना जरूरी है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान्य ज्ञान | इलेक्ट्रॉनिक जीके प्रश्नोत्तरी | Electronics Questions
611. जीनर डायोड सामान्यतः प्रयोग में आते हैं ?
(A) आटो ट्रांसफार्मर में
(B) एम्प्लीफिकेशन परिपथ में
(C) वोल्टेज स्टॆपलाइजर में
(D) उपयुक्त में से कोई नहीं
Solution:
ज़ेनर डायोड का उपयोग आमतौर पर वोल्टेज रेगुलेटर, वोल्टेज संदर्भ, और क्लैंपिंग सर्किट में किया जाता है।
वोल्टेज रेगुलेटर में, ये एक स्थिर वोल्टेज आउटपुट प्रदान करते हैं, चाहे इनपुट वोल्टेज कुछ भी हो। वोल्टेज संदर्भ में, वे एक सटीक वोल्टेज बिंदु प्रदान करते हैं, जिसका उपयोग अन्य सर्किट घटकों की तुलना के लिए किया जा सकता है। क्लैंपिंग सर्किट में, वे एक निश्चित वोल्टेज स्तर पर संकेतों को सीमित करते हैं, जिससे ओवरवॉल्टेज क्षति को रोका जा सकता है।
612. सामान्यतः स्लिपरिंघ थ्री फेज इंडक्षन मोटर को किसके द्वारा स्टार्ट किया जाता है ?
(A) D.O.L. स्टार्टार
(B) आटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर
(C) स्टार-डॆल्टा स्टार्टर
(D) स्टेटर-रोटर प्रतिरोध स्टार्टर
Solution:
स्टार-डेल्टा स्टार्टर आम तौर पर स्लिपरिंग थ्री-फेज इंडक्शन मोटर को स्टार्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह स्टार्टर दो स्टार्टर सर्किट और एक टाइमर का उपयोग करता है। पहला सर्किट मोटर को कम वोल्टेज प्रदान करता है, जिससे स्टार्टिंग करंट कम हो जाता है। एक बार जब मोटर एक निश्चित गति तक पहुंच जाती है, तो दूसरा सर्किट मोटर को पूर्ण वोल्टेज प्रदान करता है, जिससे यह पूर्ण गति से चलने लगता है।
613. ट्रांजिस्टर में कलेक्टर प्राय नहीं किया जाता ?
(A) शून्य बायस पर रखा जाता है
(B) रिवर्स बायस किया जाता है
(C) फारवर्ड बायस किया जाता है
(D) ग्राउण्ड किया जाता है
Solution:
कलेक्टर, ट्रांजिस्टर का एक टर्मिनल है जो बेस-एमिटर जंक्शन से आने वाले अधिकांश चार्ज वाहकों को एकत्र करता है। कलेक्टर को आमतौर पर पक्षपाती किया जाता है, जिसका अर्थ है कि इसे सकारात्मक वोल्टेज पर रखा जाता है ताकि ट्रांजिस्टर चालू (ऑन) हो सके। इस पक्षपाती के कारण ट्रांजिस्टर में उत्पन्न होने वाले अधिकांश चार्ज वाहक कलेक्टर की ओर आकर्षित होते हैं, जिससे ट्रांजिस्टर के माध्यम से करंट प्रवाहित होता है।
614. टिन का गलनांक होता है ?
(A) 200॰C
(B) 232॰C
(C) 332॰C
(D) 432॰C
Solution:
Tin का गलनांक 231.93 डिग्री सेल्सियस (449.47 डिग्री फ़ारेनहाइट) है। यह तापमान जिस पर टिन ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तित होता है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जाता है, टिन के अणु गतिमान होते जाते हैं और उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। एक विशिष्ट तापमान पर, टिन के अणुओं में पर्याप्त ऊर्जा होती है कि वे अपनी व्यवस्थित संरचना से अलग हो जाएं और द्रव अवस्था में चले जाएं।
615. ट्रांसफॉर्मर में जिन सिरों पर सप्लाई देंगे, वह वाइन्डिंग कहलाती है ?
(A) सैकण्डरी वाइंडिंग
(B) प्राइमरी वाइन्डिंग
(C) A व B दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
ट्रांसफार्मर में जहां प्राथमिक स्रोत से विद्युत आपूर्ति दी जाती है, उसे "प्राथमिक वाइंडिंग" कहा जाता है। प्राथमिक वाइंडिंग विद्युत ऊर्जा प्राप्त करती है और इसे ट्रांसफार्मर के माध्यमिक पक्ष में स्थानांतरित करती है। इसके विपरीत, जहां माध्यमिक वाइंडिंग आपूर्ति करती है, उसे "माध्यमिक वाइंडिंग" कहा जाता है। यह वाइंडिंग ट्रांसफार्मर के प्राथमिक पक्ष से स्थानांतरित प्रेरित विद्युत ऊर्जा को एक नए वोल्टेज स्तर पर वितरित करती है।
616. धनात्मक कक्ष के चारों ओर घूमता है ?
(A) प्रोटाॅन
(B) अणु
(C) न्यूट्रान
(D) इलेक्टाॅन
Solution:
धनात्मक कक्ष परमाणु के नाभिक के चारों ओर स्थित एक आयतन होता है जिसमें इलेक्ट्रॉन पाए जाने की सबसे अधिक संभावना होती है। यह परमाणु के आकार का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है और इसमें कई इलेक्ट्रॉन होते हैं जो नाभिक के प्रोटॉन द्वारा आकर्षित होते हैं। प्रत्येक धनात्मक कक्ष एक अद्वितीय आकार और ऊर्जा स्तर से संबंधित होता है, जो आवर्त सारणी में तत्व के गुणों को प्रभावित करता है। धनात्मक कक्ष इलेक्ट्रॉनिक संरचना की नींव बनाते हैं और रासायनिक प्रतिक्रियाओं और परमाणुओं के बीच अन्य अंतःक्रियाओं को समझने के लिए आवश्यक होते हैं।
617. स्ट्रेन्डिड तार लगाए जाते हैं ?
(A) आवेर हैड लाइन में
(B) चौक की बाइंडिंग में
(C) बाइंडिंग में
(D) घरों में वायरिंग में
Solution:
स्ट्रेन्डिड तार कई छोटे, लचीले तारों को एक साथ जोड़कर बनाए जाते हैं। यह उन्हें असॉलिड तारों की तुलना में अधिक लचीला और टिकाऊ बनाता है, जो आसानी से टूट सकते हैं। स्ट्रेन्डिड तार आमतौर पर विद्युत संचालन, संचार और अन्य अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किए जाते हैं जहां लचीलापन और स्थायित्व महत्वपूर्ण हैं।
618. एक तुल्यकाली मोटर शून्य लोड एवं अति उत्तेजन पर प्रचालित है। इस अवस्था में मोटर ?
(A) प्रेरण मोटर की तरह कार्य कर रही है
(B) तुल्यकाली संधारित्र है
(C) प्रत्यावर्तक कहलाती है
(D) डी.सी. जनरेटर की भाँति प्रचलित है
Solution:
एक तुल्यकाली मोटर शून्य लोड पर अति उत्तेजन की स्थिति में अग्रगामी शक्ति गुणांक पर कार्य करती है। इस अवस्था में:
* मोटर विद्युत प्रणाली में अग्रगामी वोल्ट-एम्पीयर (VAR) को इंजेक्ट करती है।
* क्षेत्र धारा अधिष्ठापित धारा से अधिक होती है, जिससे फ्लेमिंग के दाएँ हाथ के नियम के अनुसार चुंबकीय क्षेत्र घूर्णन दिशा में विपरीत दिशा में स्थानांतरित होता है।
* मोटर एक संधारित्र की तरह व्यवहार करती है, जो वोल्टेज को धारा से आगे बढ़ाती है, जिसके परिणामस्वरूप अग्रगामी शक्ति गुणांक होता है।
619. तुल्यकाली मोटर में विकसित अधिकतम शक्ति निर्भर करती है ?
(A) रोटर उत्तेजन एवं सप्लाई वोल्टेज दोनों पर
(B) रोटर उत्तेजन पर केवल
(C) सप्लाई वोल्टेज पर केवल
(D) भार कोण के अधिकतम मान, रोटर उत्तेजन एवं सप्लाई वोलटेज पर
Solution:
तुल्यकाली मोटर में विकसित अधिकतम शक्ति निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है:
* **आर्मेचर धारा (If):** अधिक आर्मेचर धारा, अधिक शक्ति विकसित की जाती है।
* **क्षेत्र धारा (If):** उच्च क्षेत्र धारा, उच्च प्रतिरोधक टॉर्क, जो अधिक शक्ति उत्पादन की अनुमति देता है।
* **शक्ति गुणांक (pf):** उच्च शक्ति गुणांक, कम लाइन हानि और अधिक सक्रिय शक्ति उत्पादन का संकेत देता है।
* **आघूर्णन (T):** मोटर द्वारा विकसित टॉर्क सीधे आर्मेचर और क्षेत्र धाराओं के अनुपात से संबंधित होता है।
* **विद्युत वोल्टेज (V):** आपूर्ति वोल्टेज में वृद्धि से आर्मेचर धारा बढ़ती है, जिससे शक्ति उत्पादन बढ़ता है।
620. 3ϕ सैकण्डरी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन होती है ?
(A) 230 V
(B) 440 V
(C) 1100 V
(D) उपयुक्त सभी
Solution:
A 3-phase secondary distribution line is a type of electrical distribution line that carries electricity from a substation to homes and businesses. It is typically used in low-voltage applications, such as those found in residential and commercial areas. The three phases of the line are typically carried on separate conductors, which are arranged in a triangular configuration. The voltage between each phase and neutral is typically around 120 volts, while the voltage between any two phases is typically around 240 volts.