Indian Polity Mcq - Indian Constitution Quiz - Indian Polity Quiz
भारतीय राजनीति जीके प्रश्न: FSSAI, RRB NTPC, FCI, CWC, LIC, ESIC, IBPS, SBI, RBI, AAI, DRDO, ISRO, NTRO,
राज्य स्तरीय परीक्षा, यूपीएससी जैसी लगभग हर प्रतियोगी परीक्षाओं में एक बहुत ही महत्वपूर्ण है।
Mcq Constitution Of India | Indian Polity Quiz In Hindi
731. भारतीय संविधान में सिविल सेवाओं की कौन-सी तीन श्रेणियों का प्रावधान किया गया है ?
(A) प्रशासनिक, रेलवे और पुलिस सेवाएँ
(B) प्रशासनिक, पुलिस और राजस्व सेवाएँ
(C) प्रशासनिक , पुलिस और विदेश सेवाएं
(D) अखिल भारतीय, केन्द्र एवं राज्य सेवाएँ
Solution:
भारतीय संविधान में सिविल सेवाओं को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:
* **अखिल भारतीय सेवाएं:** केंद्र और राज्यों दोनों द्वारा भर्ती किया जाता है, जैसे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), और भारतीय विदेश सेवा (IFS)।
* **केंद्रीय सेवाएं:** केवल केंद्र सरकार द्वारा भर्ती किया जाता है, जैसे भारतीय राजस्व सेवा (IRS) और भारतीय लेखांकन और लेखा सेवा (IA&AS)।
* **राज्य सेवाएं:** केवल एक विशेष राज्य द्वारा भर्ती किया जाता है, जैसे राज्य प्रशासनिक सेवाएं और राज्य पुलिस सेवाएं।
732. दबाव समूह राजनीतिक दलों से किस अर्थ में भिन्न होता है ?
(A) वे संख्या में अधिक होते हैं
(B) वे सुसंगठित होते हैं
(C) वे सत्ता प्राप्ति का प्रयत्न नहीं करते हैं
(D) वे जनता से कटे रहते हैं
Solution:
दबाव समूह राजनीतिक दलों से निम्न अर्थों में भिन्न होते हैं:
* **लक्ष्य:** दबाव समूह विशिष्ट हितों की वकालत करते हैं, जबकि राजनीतिक दल सत्ता प्राप्त करने और व्यापक नीतियां बनाने का लक्ष्य रखते हैं।
* **सदस्यता:** दबाव समूहों में विशिष्ट रुचियों वाले सदस्य होते हैं, जबकि राजनीतिक दलों में विविध सदस्य होते हैं।
* **संगठन:** दबाव समूह आमतौर पर एक मुद्दे पर केंद्रित होते हैं और केंद्रीकृत संगठन नहीं होते हैं, जबकि राजनीतिक दल पदानुक्रमित होते हैं और देशव्यापी संगठन होते हैं।
* **चुनावी भागीदारी:** दबाव समूह आम तौर पर चुनाव नहीं लड़ते हैं, जबकि राजनीतिक दल चुनाव लड़कर सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं।
* **विधायी प्रभाव:** दबाव समूह नीति निर्माण को प्रभावित करने के लिए लॉबिंग और दबाव रणनीति का उपयोग करते हैं, जबकि राजनीतिक दल कानून बनाने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होते हैं।
733. अखिल भारतीय सेवा नहीं है ?
(A) भारतीय प्रशासनिक सेवा
(B) भारतीय राजस्व सेवा
(C) भारतीय पुलिस सेवा
(D) भारतीय वन सेवा
Solution:
अखिल भारतीय सेवा एक प्रशासनिक सेवा नहीं है, बल्कि भारत की विभिन्न सरकारी सेवाओं का एक समूह है जो पूरे देश में काम करती है। ये सेवाएँ भारत सरकार द्वारा प्रशासित की जाती हैं और उनकी स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 312 के तहत की गई थी। अखिल भारतीय सेवाओं में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय विदेश सेवा (IFS) शामिल हैं।
734. निम्न में से कौन भारतीय संविधान की प्रारूपण समिति के सदस्य नहीं थे ?
(A) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(B) गोपालाचारी आयंगर
(C) बी. आर. अंबेडकर
(D) अलादि कृष्णास्वामी
Solution:
नारायण मालहर जोशी भारतीय संविधान की प्रारूपण समिति के सदस्य नहीं थे। समिति में 389 सदस्य थे, लेकिन जोशी इनमें शामिल नहीं थे। वह भारतीय जनसंघ के राजनीतिज्ञ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे।
735. राष्ट्रीय विकास परिषद का सदस्य नहीं है ?
(A) राष्ट्रपति
(B) प्रधानमंत्री
(C) राज्यों के मुख्यमंत्री
(D) योजना आयोग के सदस्य
Solution:
राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) भारत का सर्वोच्च सलाहकार निकाय है जो आर्थिक और सामाजिक विकास से संबंधित मामलों पर विचार करता है। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें निम्नलिखित सदस्य होते हैं:
* राज्यपाल
* मुख्यमंत्री
* केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य
* संसद के निर्वाचित सदस्य
* योजना आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्य
इसलिए, NDC का सदस्य नहीं है:
* आम जनता
* निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि
* विदेशी सरकारों के प्रतिनिधि
736. भारतीय संविधान में मूल कर्तव्यों को शामिल करने का विचार किस देश के संविधान से लिया गया है ?
(A) फ्रांस
(B) पूर्व सोवियत संघ
(C) आयरलैंड
(D) अमेरिका
Solution:
भारतीय संविधान में मूल कर्तव्यों को शामिल करने का विचार आयरलैंड के संविधान से लिया गया था। आयरलैंड का संविधान, जो 1937 में अपनाया गया था, नागरिकों के लिए निर्देशात्मक सिद्धांतों की एक सूची प्रदान करता था जिसे बाद में "मूल कर्तव्य" के रूप में जाना जाने लगा। भारतीय संविधान सभा ने इन सिद्धांतों को प्रेरणादायक पाया और उन्हें भारतीय संविधान में एक अलग भाग के रूप में शामिल किया, जिसे "मूल कर्तव्य" के रूप में जाना जाता है।
737. सन 1936 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा संविधान सभा के गठन की मांग कहाँ पर हुए अधिवेशन में रखी गई ?
(A) लाहौर
(B) कानपुर
(C) फैजपुर
(D) मुम्बई
Solution:
लखनऊ अधिवेशन, 1936 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक संविधान सभा के गठन की मांग रखी। इस अधिवेशन का नेतृत्व पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया, जिन्होंने घोषणा की कि "भारत के भविष्य के संविधान को भारत के लोगों द्वारा ही तैयार किया जाना चाहिए, न कि ब्रिटिश सरकार द्वारा।" इस मांग ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में संविधान सभा की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का संकेत दिया।
738. भारत में बाहरी आक्रमण अथवा सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा किसके अंतर्गत की गई ?
(A) अनुच्छेद-360
(B) अनुच्छेद-356
(C) अनुच्छेद-352
(D) अनुच्छेद-368
Solution:
भारत के संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं जब भारत या उसके किसी हिस्से को बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह का खतरा हो। यह घोषणा तभी की जा सकती है जब मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को संतुष्ट करती है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है या उत्पन्न होने की संभावना है। यह घोषणा राज्यसभा और लोकसभा दोनों को दी जाती है, और इसे संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
739. राज्य का उच्चतम विधि अधिकारी निम्नलिखित में से कौन होता है ?
(A) एडवोकेट जनरल
(B) एटॉर्नी जनरल
(C) सॉलिसिटर जनरल
(D) विधि विभाग का सेक्रेटरी जनरल
Solution:
राज्य का उच्चतम विधि अधिकारी महाधिवक्ता होता है। वह राज्य सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और राज्य की ओर से अदालतों में प्रस्तुत होता है। महाधिवक्ता राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाता है और उसकी भूमिका राज्य सरकार के कामकाज में कानूनी सहायता प्रदान करना है, कानूनी मामलों में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करना और राज्य के हितों की रक्षा करना है।
740. निम्न में से कौन सी एक वह मूल आधिकारिक हैं जिससे भारतीय संविधान विकसित हुआ ?
(A) ब्रिटिश संविधान
(B) US घोषणा पत्र
(C) भारत शासन अधिनियम 1935
(D) अमेरिका का संविधान
Solution:
भारतीय संविधान मसौदा समिति, जिसे संविधान सभा की प्रारूप समिति के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय संविधान के विकास के लिए मूल आधिकारिक निकाय थी। बी.आर. अंबेडकर की अध्यक्षता वाली इस समिति ने संविधान का मसौदा तैयार किया, जिसमें मौलिक अधिकार, संघवाद का ढांचा और शासन की प्रणाली सहित संविधान की मुख्य विशेषताएं शामिल थीं।