Electronics Gk - Electronics Gk In Hindi - Electrical GK Questions
इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ और समान्य ज्ञान के सवाल, जो सभी तरह के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ना जरूरी है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान्य ज्ञान | इलेक्ट्रॉनिक जीके प्रश्नोत्तरी | Electronics Questions
201. अपकेंद्रीय स्विच खुला होने का अर्थ है कि ?
(A) वाइण्डिंग शॉर्ट है
(B) स्विच शॉर्ट है
(C) वाइण्डिंग ग्राउण्डेड है
(D) वाइण्डिंग ओपन है
Solution:
एक अपकेंद्रीय स्विच एक विद्युत उपकरण है जो दूरस्थ रूप से एक सर्किट को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। जब अपकेंद्रीय स्विच खुला होता है, तो इसका मतलब है कि स्विच सर्किट के लिए ओपन सर्किट बना रहा है, जिससे विद्युत प्रवाह को सर्किट से गुजरने से रोका जा रहा है। परिणामस्वरूप, सर्किट में जुड़ा हुआ उपकरण या लोड बिजली प्राप्त नहीं कर रहा है और काम नहीं कर रहा है।
202. थ्री फ्रेज मोटर की टर्मिनल प्लेट बनी होती है ?
(A) बैकलाइट
(B) माइका
(C) रबड़
(D) एबोनाइट
Solution:
थ्री-फेज मोटर की टर्मिनल प्लेट एक इंसुलेटिंग सामग्री से बनी होती है, आमतौर पर बाकेलाइट या पॉलीमर, जो मोटर के टर्मिनलों से जुड़ी होती है। यह प्लेट मोटर के बाहरी कनेक्शन के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक बिंदु प्रदान करती है। टर्मिनल प्लेट में आमतौर पर तीन बड़े टर्मिनल होते हैं, जो मोटर की तीन चरणों की विंडिंग से जुड़े होते हैं, और दो छोटे टर्मिनल, जो मोटर के ग्राउंड और ओवरलोड प्रोटेक्टर से जुड़े होते हैं।
203. ट्रांसफार्मर में शून्य धारा ɪ˳ की प्रकृति ?
(A) प्रतिघाती होती है
(B) शुद्ध प्रतिघाती होती है
(C) शुद्ध प्रतिरोधी होती है
(D) प्राइमरी वोल्टेज से अग्रगामी रहने की होती है
Solution:
ट्रांसफॉर्मर में शून्य धारा (ɪ˳) एक विशेष प्रकार की धारा है जो तब होती है जब ट्रांसफॉर्मर के प्राथमिक और द्वितीयक कुंडलियों पर कोई भार नहीं होता है। यह एक बहुत छोटी धारा है जो ट्रांसफॉर्मर के चुंबकीय कोर में हिस्टैरिसीस और एड़ी धाराओं के कारण होती है। ɪ˳ मूल्यों में बहुत छोटी होती है, आमतौर पर रेटेड धारा के कुछ मिलीएम्पियर या माइक्रोएम्पियर के रूप में होती है।
204. अर्थ का प्रतिरोध कम किया जा सकता है ?
(A) दो अर्थ प्लेटों का प्रयोग करके
(B) प्लेट की गहराई बढाकर
(C) पानी डालकर
(D) उपयुक्त सभी
Solution:
The resistance of a conductor can be reduced by:
1. **Increasing the conductor cross-sectional area:** A wider conductor provides a larger path for electrons to flow, reducing resistance.
2. **Using a conductor with a lower resistivity:** Materials with low resistivity, such as copper and silver, offer less resistance to electron flow.
3. **Shortening the conductor length:** A shorter conductor provides a shorter path for electrons to travel, reducing resistance.
4. **Maintaining a lower temperature:** Resistance increases with temperature, so keeping the conductor cooler reduces resistance.
5. **Using superconducting materials:** Superconductors have zero resistance, eliminating resistance entirely at very low temperatures.
205. रिएक्टेंस के व्युत्क्रम को कहते हैं ?
(A) कंडक्टेन्स
(B) एडमिटेंस
(C) सस्सेप्टेंस
(D) उपर्युक्त सभी
Solution:
रिएक्टेंस के व्युत्क्रम को **सस्पेप्टेंस** कहते हैं। यह एक जटिल संख्या है जो एक विद्युत परिपथ में धारा प्रवाह के प्रति किसी घटक के प्रतिरोध का माप है। सस्पेप्टेंस रिएक्टेंस के पारस्परिक के रूप में व्यक्त किया जाता है, जो एक विद्युत परिपथ में धारा प्रवाह को बाधित करता है।
206. सिलीनियम रेक्टीफायर 'कमजोर' पड़ने का निम्नलिखित लक्षण से पता चल जाता है ?
(A) प्रचालन सुस्त अनुभव होना
(B) इनपुट करंट बढ जाना
(C) आउटपुट वोल्टता घट जाना
(D) उपयुक्त सभी लक्षण
Solution:
सिलीनियम रेक्टीफायर कमजोर पड़ने का पता निम्नलिखित लक्षणों से चलता है:
* **कम आउटपुट वोल्टेज:** रेक्टीफायर का आउटपुट वोल्टेज कम हो जाता है, जिससे कमजोर डीसी आपूर्ति होती है।
* **अधिक रिवर्स करंट:** कमजोर सेल का रिवर्स करंट बढ़ जाता है, जिससे अधिक शक्ति नुकसान और हीटिंग होती है।
* **अस्थिर आउटपुट:** रेक्टीफायर का आउटपुट वोल्टेज उतार-चढ़ाव करता है, जिससे घटकों को नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है।
* **ओपन सर्किट:** कमजोर सेल स्थायी रूप से खुले सर्किट में विकसित हो सकते हैं, जिससे डीसी आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो जाती है।
207. हिस्टेरिसिस हानि निर्भर करती है ?
(A) आवृत्ति पर
(B) पदार्थ के तापमान पर
(C) पदार्थ के आयतन पर
(D) उपर्युक्त सभी
Solution:
Hysteresis losses depend on the following factors:
- **Material:** Magnetic materials with high coercivity exhibit greater hysteresis losses.
- **Frequency:** Losses increase with increasing frequency due to the time required for domain wall movement.
- **Amplitude:** Higher magnetic field amplitudes lead to increased domain wall movement and hence higher losses.
- **Temperature:** Losses generally decrease with increasing temperature as thermal energy helps overcome domain wall pinning.
- **Grain size:** Smaller grain sizes reduce hysteresis losses by providing easier paths for domain wall movement.
208. जीनर डायोड की ब्रेक डाउन वोल्टॆज होती है ?
(A) 500 से 1100V
(B) 50 से 500V
(C) 2 से 200V
(D) 100 से 1000V
Solution:
**जेनर डायोड का ब्रेक डाउन वोल्टेज**
जेनर डायोड एक विशेष प्रकार का डायोड होता है जो एक निश्चित वोल्टेज पर रिवर्स ब्रेकडाउन कर जाता है, जिसे ब्रेक डाउन वोल्टेज कहा जाता है। यह वोल्टेज उस समय लागू किया जाता है जब डायोड विपरीत दिशा में पक्षपाती होता है। ब्रेक डाउन वोल्टेज एक विशिष्ट मान होता है जो जेनर डायोड की सामग्री और डोपिंग स्तर पर निर्भर करता है। जब यह वोल्टेज पहुंच जाता है, तो डायोड तेजी से धारा का संचालन करना शुरू कर देता है, जिससे रिवर्स ब्रेकडाउन हो जाता है। इस वोल्टेज के पार डायोड एक लगभग स्थिर वोल्टेज बनाए रखता है, जो विभिन्न अनुप्रयोगों में उपयोगी है, जैसे वोल्टेज विनियमन और संदर्भ वोल्टेज प्रदान करना।
209. लम्बे समय तक बैटरियों को चार्जिंग के लिए लगाने की प्रक्रिया कहलाती है ?
(A) क्विक चार्जिंग
(B) रेपिड चार्जिंग
(C) त्रिकाल चार्जिंग
(D) हाई चार्जिंग
Solution:
**ट्रिकल चार्जिंग**
ट्रिकल चार्जिंग बैटरी को लंबे समय तक चार्ज पर रखने की प्रक्रिया है, जिसमें कम करंट का उपयोग करके बैटरी को पूरी तरह चार्ज रखा जाता है। इसका उपयोग बैटरी को इष्टतम स्थिति में बनाए रखने के लिए किया जाता है, भले ही वे उपयोग में न हों। ट्रिकल चार्जर बैटरी के वोल्टेज की निगरानी करते हैं और जब वोल्टेज गिरता है, तो वे बैटरी को चार्ज करने के लिए एक छोटा करंट प्रदान करते हैं। यह बैटरी को सल्फेशन से रोकता है, जो बैटरी लाइफ को कम कर सकता है।
210. अर्द्धचालकों में परमाणु परस्पर बद्ध होते हैं ?
(A) धात्विक बंध द्वारा
(B) सहसंयोजी बन्ध द्वारा
(C) आयनिक बंध द्वारा
(D) उपयुक्त में कोई नहीं
Solution:
**अर्धचालकों में परमाणुओं का बंधन:**
अर्धचालक पदार्थों में, परमाणु सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़े होते हैं। इस प्रकार के बंधन में, परमाणु अपने संयोजकता इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं, जिससे एक मजबूत इलेक्ट्रॉन युग्म बनता है और उनके चारों ओर एक स्थिर इलेक्ट्रॉन क्लाउड बनता है। यह सहसंयोजक बंधन संरचना अर्धचालकों को धातुओं और विद्युतरोधकों के बीच मध्यवर्ती विद्युत चालकता गुण प्रदान करती है।