Hindi Grammar Gk - Hindi Vyakaran Gk - Hindi Grammar Quiz
Hindi Grammar Gk - Hindi Vyakaran Gk - Hindi Grammar Quiz
हिंदी व्याकरण, हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है । यह हिंदी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है ।
सभी तरह के प्रतियोगिता परीक्षा में जैसे SSC, IBPS Clerk, IBPS PO, RBI Assistant, IBPS SO, RRB, CTET, TET, BED, SCRA, UPSC में हिंदी व्याकरण से पूछे गए सामान्य ज्ञान के प्रश्न।
हिंदी व्याकरण सामान्य ज्ञान | Hindi Grammar Objective | Gk Hindi Grammar
91. पथभ्रष्ट में कोनसा समास है?
(A) द्विगु
(B) तत्पुरुष
(C) अधिकरण
(D) कर्मधारय
Solution:
पथभ्रष्ट में "षष्ठी तत्पुरुष" समास है। इसमें प्रथम पद "पथ" (पथ का) षष्ठी विभक्ति में है और द्वितीय पद "भ्रष्ट" (भ्रष्ट हो गया) प्रधान है। समास का शाब्दिक अर्थ "पथ से भटक गया" होता है। यानी ऐसा व्यक्ति जो सही रास्ते से भटक गया हो।
92. 'समुच्चय' का सही सन्धि-विच्छेद क्या है ?
(A) समु + च्चय
(B) सम् + उत् +आय
(C) सम् + उच्चय
(D) सम + उच्चय
Solution:
समुच्चय का सही सन्धि-विच्छेद है **सम + उच्चय**।
**सम** का अर्थ है 'समान' या 'एक समान'।
**उच्चय** का अर्थ है 'समूह' या 'संग्रह'।
इसलिए, "समुच्चय" का अर्थ है समान चीजों का समूह या संग्रह।
93. दो वर्णो के मेल से होनेवाले विकार को कहते है ?
(A) उपसर्ग
(B) प्रत्यय
(C) समास
(D) संधि
Solution:
संधि दो वर्णों के मिलने से होने वाला विकार है। जब दो वर्ण मिलते हैं, तो उनके उच्चारण में परिवर्तन होता है। यह परिवर्तन स्थायी या अस्थायी हो सकता है। स्थायी संधि में, दो वर्ण मिलकर एक नए वर्ण का निर्माण करते हैं, जबकि अस्थायी संधि में, दो वर्ण मिलकर एक नया उच्चारण बनाते हैं, जो केवल कुछ समय के लिए रहता है।
94. 'क्रोध' किस रस का स्थायीभाव है ?
(A) शांत
(B) वीर
(C) वीभत्स
(D) रौद्र
Solution:
क्रोध रौद्र रस का स्थायीभाव है। यह एक तीव्र, अल्पकालिक भावना है जो बाधा, हानि या अपमान का सामना करने पर उत्पन्न होती है। क्रोध व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से उत्तेजित करता है, जिससे आक्रामकता, विनाश या बदला लेने की इच्छा पैदा होती है। यह रस साहित्य में पात्रों के संघर्ष, संघर्ष और हिंसा को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है।
95. निम्न मे से कंठ्य ध्वनि कौन सी है ?
(A) ढ़, ण
(B) ग, घ
(C) ब, भ
(D) द, ध
Solution:
कंठ्य ध्वनियाँ वे ध्वनियाँ होती हैं जिनके उच्चारण में जीभ पीछे की ओर मुड़ जाती है और कंठ की दीवारों से स्पर्श करती है। इनमें से कंठ्य ध्वनि "ह" है। इसे उच्चारित करने के लिए, जीभ पीछे की ओर मुड़ती है और कंठ को स्पर्श करती है, जिससे एक कर्कश ध्वनि उत्पन्न होती है।
96. श, ष, स और ह व्यंजन है ?
(A) उत्क्षिप्त
(B) स्पर्श
(C) संयुक्त
(D) उष्म
Solution:
श, ष, स और ह व्यंजन हैं क्योंकि वे ध्वनि करते समय हवा को मुंह से निकलने से बाधित करते हैं।
* श: तालु और दांतों के पीछे की सतह के बीच एक संकीर्ण मार्ग बनाया जाता है, जिससे हवा एक तेज, फुफकारती ध्वनि निकालती है।
* ष: श के समान, लेकिन तालु और दांतों के बीच मार्ग छोटा होता है, जिससे एक तेज, कानाफूसी वाली ध्वनि निकलती है।
* स: दांतों को थोड़ा अलग रखा जाता है और जीभ की नोक तालु को हल्के से छूती है, जिससे एक हल्की, फुफकारती ध्वनि निकलती है।
* ह: यह एक श्वास व्यंजन है जहां हवा बिना किसी रुकावट के मुंह से निकलती है, जिससे एक हल्की, सांस लेने जैसी ध्वनि निकलती है।
97. आकीर्ण का विलोम होगा?
(A) विस्त्रित्त
(B) संकीर्ण
(C) प्रकीर्ण
(D) विकीर्ण
Solution:
**विलोम:** रिक्त
**आकीर्ण** का अर्थ है "भरा हुआ" या "अति भीड़भाड़ वाला"। इसका विलोम शब्द "रिक्त" है, जिसका अर्थ है "खाली" या "कुछ भी नहीं से भरा हुआ"। इसलिए, आकीर्ण का विलोम रिक्त होगा।
98. हिन्दी में ‘कृत’ प्रत्ययों की संख्या कितनी है ?
(A) 42
(B) 50
(C) 28
(D) 30
Solution:
हिंदी में 'कृत' प्रत्ययों की संख्या कुल 14 है। ये प्रत्यय हैं:
- त
- इ
- आ
- ई
- य
- व
- ण
- न
- ल
- ल्य
- ण्य
- अन
- यन
- इन
99. संस्कृत के ऐसे शब्द जिन्हें हम ज्यों-का-त्यों प्रयोग में लाते हैं, कहलाते हैं ?
(A) तत्सम
(B) तद्भव
(C) देशज
(D) विदेशज
Solution:
तद्भव शब्द संस्कृत शब्द होते हैं जिन्हें समय के साथ हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में आत्मसात किया गया है। इन शब्दों को उनके मूल संस्कृत रूप में ही प्रयोग किया जाता है, बिना किसी महत्वपूर्ण ध्वन्यात्मक या व्याकरणिक परिवर्तन के। तद्भव शब्द भारतीय भाषाओं की शब्दावली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और अक्सर दैनिक बातचीत और साहित्य में उपयोग किए जाते हैं।
100. किस शब्द में उपसर्ग नहीं है ?
(A) पराजय
(B) ओढ़ना
(C) अपवाद
(D) प्रभाव
Solution:
उपसर्ग शब्द के आरंभ में जुड़ने वाला वह शब्दांश या व्यंजन होता है जो शब्द के मूल अर्थ में कुछ परिवर्तन या वृद्धि करता है। बिना उपसर्ग वाले शब्दों को मूल शब्द या आदि-शब्द कहते हैं।
उदाहरण के लिए, "उपसर्ग" शब्द में "उप" उपसर्ग है। लेकिन "शब्द" शब्द में कोई उपसर्ग नहीं है। इसलिए, "शब्द" वह शब्द है जिसमें उपसर्ग नहीं है।