Teaching Aptitude - Teaching Aptitude In Hindi - Teaching Aptitude Question
शिक्षण अभिवृति एवं शिक्षण अभिरुचि से संबंधित समान्य ज्ञान के सवाल। शिक्षण अभिक्षमता को बढ़ाने के लिए सामान्य ज्ञान के सवाल का संग्रह जो सभी प्रतियोगिया जैसे CTET, UCG, CSIR, TET, TGT, BED, सेट, केंद्रीय विद्यालय, नबोदया विद्यालय, पीजीटी आदि के तयारी में सहयोग करेगी ।
शिक्षण अभिवृत्ति एवं शिक्षण अभिरुचि प्रश्नोत्तरी | Teacher Aptitude Test | Teaching Aptitude GK
101. सीखने के मुख्य नियमों के अतिरिक्त गौण नियम भी हैं जो मुख्य नियमों को विस्तार देते हैं। गौण नियम हैं ?
(A) अभ्यास का नियम
(B) प्रयत्न व भूल का नियम
(C) बहुप्रतिक्रिया नियम
(D) प्रभाव का नियम
Solution:
मुख्य सीखने के नियमों के अतिरिक्त, कई गौण नियम भी हैं जो उन्हें विस्तार से बताते हैं। ये गौण नियम हैं:
* **पुनरावृत्ति का नियम:** जानकारी को जितनी बार दोहराया जाता है, उतनी ही बेहतर तरीके से याद रखा जाता है।
* **स्मरण का नियम:** जानकारी को जितनी बार याद किया जाता है, उतनी ही बेहतर तरीके से याद रखा जाता है।
* **वितरण का नियम:** जानकारी को छोटे अंतराल पर वितरित करके सीखना अधिक प्रभावी होता है।
* **अंतरण का नियम:** नई जानकारी को पहले से सीखी गई जानकारी से जोड़ना सीखने को बढ़ाता है।
* **प्रतिपुष्टि का नियम:** सीखने को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिक्रिया और सुधार प्रदान करना आवश्यक है।
102. प्रोजेक्ट शिक्षण विधि छात्र को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती है क्योंकि ?
(A) यह व्यक्तिगत विभिन्नताओं को स्वीकार करती है
(B) यह तर्क विचार और वाद-विवाद का अवसर प्रदान करती है
(C) इसमें छात्र के ज्ञान का आधार उसका निजी अनुभव होता है
(D) यह छात्र की अंतर्निहित शक्तियों का विकास करती है
Solution:
प्रोजेक्ट शिक्षण विधि छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती है क्योंकि यह उन्हें वास्तविक दुनिया की समस्याओं या चुनौतियों को हल करने के लिए हाथों-हाथ अनुभव प्रदान करती है। छात्र अनुसंधान, डेटा संग्रह, समस्या-समाधान और टीम वर्क के माध्यम से सीखते हैं। इस व्यावहारिक दृष्टिकोण से छात्रों को सैद्धांतिक अवधारणाओं को लागू करने और विशिष्ट कौशल और ज्ञान विकसित करने की अनुमति मिलती है, जो कार्यक्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक हैं।
103. शिक्षा-मनोविज्ञान ?
(A) मनोविज्ञान का एक अंग है
(B) मनोविज्ञान का अंग नहीं है
(C) शिक्षा का एक अंग है
(D) उपरोक्त में से कोई
Solution:
शिक्षा-मनोविज्ञान शिक्षा और मनोविज्ञान के सिद्धांतों और अनुप्रयोगों का एक अंतःविषय क्षेत्र है। यह छात्रों की सीखने की प्रक्रियाओं, संज्ञानात्मक विकास, प्रेरणा और शिक्षण विधियों पर ध्यान केंद्रित करता है। शिक्षा-मनोवैज्ञानिक शिक्षकों और कक्षाओं में छात्रों के सीखने के अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए विकासात्मक, संज्ञानात्मक और भावनात्मक सिद्धांतों को लागू करते हैं। वे प्रभावी शिक्षण रणनीतियों को डिजाइन करने, छात्र व्यवहार को समझने और सीखने के वातावरण को अनुकूलित करने में शिक्षकों की सहायता करते हैं।
104. आपकी कक्षा के कुछ छात्र परिक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करना चाहते हैं। आपको क्या करना चाहिए ?
(A) आपको प्रधानाचार्य से उनकी रिपोर्ट करनी चाहिए
(B) आपको चुप रहना चाहिए
(C) आपको उनकी सहायता करनी चाहिए
(D) आपको यह प्रयास करना चाहिए कि वे परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग न कर सकें
Solution:
यदि आपके सहपाठी परीक्षा में अनुचित साधनों का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं, तो तुरंत कार्रवाई करें। अपने शिक्षक को गुमनाम रूप से सूचित करें, या अपने सहपाठियों से बात करें और उन्हें नकल करने के नकारात्मक परिणामों के बारे में बताएं। इस बात पर ज़ोर दें कि यह न केवल अनैतिक है, बल्कि सज़ा और सीखने में बाधा भी डाल सकता है। अपने सहपाठियों को यह समझने में मदद करें कि ईमानदारी से दिया गया प्रयास लंबे समय में अधिक फायदेमंद है।
105. आप विद्यालय में नये है कक्षा में अध्यापन के समय छात्र और बाहर सहकर्मी आपसे सन्तुष्ट प्रतीत नहीं होते हैं आप ?
(A) प्रधानाचार्य से निर्देश लेंगे
(B) सोचेंगे कि शुरू में तो ऐसा होता ही है
(C) सहकर्मियों की सन्तुष्टि को प्राथमिकता देंगे
(D) विषय की तैयारी करके पढायेंगे
Solution:
एक नए शिक्षक के रूप में, आपकी क्षमताओं पर आपके छात्रों और सहकर्मियों की प्रतिक्रिया निराशाजनक हो सकती है। इसे समझने के लिए, मूल्यांकन करें:
* **शिक्षण पद्धतियां:** सुनिश्चित करें कि आपकी पद्धतियां छात्रों की सीखने की शैलियों के अनुरूप हैं।
* **संचार:** छात्रों और सहकर्मियों के साथ स्पष्ट और प्रभावी ढंग से संवाद करें।
* **व्यावसायिकता:** एक पेशेवर रवैया बनाए रखें, समय पर रहें और छात्रों और सहकर्मियों का सम्मान करें।
* **सहयोग:** अपने सहकर्मियों से प्रतिक्रिया मांगें और छात्रों की सहायता के लिए उनसे सहयोग करें।
* **आत्म-प्रतिबिंब:** अपनी शिक्षण शैली और छात्र प्रतिक्रिया पर नियमित रूप से विचार करें।
106. अध्यापक कार्य में एक अध्यापक को तब अधिक परेशानी होती है जब ?
(A) कक्षा में छात्रों की संख्या बहुत अधिक हो
(B) विद्यालय उसके घर से दूर हो
(C) कक्षा के अधिकांश छात्र गरीब परिवार के हों
(D) अभिभावकों का सहयोग न मिले
Solution:
एक शिक्षक को अपने कार्य में सबसे अधिक परेशानी का सामना तब होता है जब:
* **बड़ी कक्षा का आकार:** बड़ी संख्या में छात्रों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जो व्यक्तिगत ध्यान और समर्थन को सीमित करता है।
* **विविध छात्र आवश्यकताएँ:** विभिन्न सीखने की शैलियों, शैक्षणिक स्तरों और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करना कठिन है।
* **स्रोतों की कमी:** सीमित बजट और अपर्याप्त शैक्षिक संसाधनों के कारण शिक्षकों को रचनात्मक और कुशल होना पड़ता है।
* **समर्थन की कमी:** प्रशासन, सहकर्मियों और अभिभावकों से अपर्याप्त सहायता या मान्यता शिक्षकों को अलग-थलग और निराश महसूस करा सकती है।
* **निरंतर दबाव:** परीक्षा परिणाम, मानकीकृत परीक्षण और जवाबदेही उपाय शिक्षकों पर निरंतर दबाव डालते हैं, जिससे तनाव और चिंता हो सकती है।
107. आप विद्यालय के प्रधानाचार्य हैं, कुछ साथी आपकी दबी जुबान से आलोचना करते हैं, तो आप ?
(A) आत्म निरीक्षण करेंगे
(B) आलोचना करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे
(C) अपने कुछ साथियों से खिलाफत करने वालों को जवाब देने को कहेंगे
(D) चुपचाप अपना काम करेंगे
Solution:
प्रधानाचार्य के रूप में, यदि मैं सहकर्मियों द्वारा दबी जुबान से आलोचना का सामना करूँ, तो मैं निम्नलिखित कदम उठाऊँगा:
* **प्रतिबिंबित करें और आत्म-मूल्यांकन करें:** अपनी ताकत और कमजोरियों पर विचार करें, और पता करें कि आलोचना कहाँ उचित हो सकती है।
* **स्पष्टता और समझ की तलाश करें:** आलोचकों से निजी तौर पर आलोचना के विवरणों के बारे में बात करें। उनकी चिंताओं को सुनें और उनके दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करें।
* **रचनात्मक संवाद को बढ़ावा दें:** आलोचना को सुधार और विकास के अवसर के रूप में देखें। खुले और ईमानदार संवाद को प्रोत्साहित करें।
* **समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाएँ:** आलोचना में निहित समस्याओं को पहचानें और उनका समाधान खोजने के लिए सहयोग करें।
* **पेशेवरवाद और सम्मान बनाए रखें:** सभी संवादों में विनम्र और सम्मानजनक बने रहें, भले ही आप असहमत हों।
108. शिक्षण की समस्याओं को हल करने का दायित्व किसका है ?
(A) प्रधानाचार्य का
(B) शिक्षकों का
(C) सरकार का
(D) शिक्षाविदों का
Solution:
शिक्षा से संबंधित समस्याओं को हल करने की जिम्मेदारी एक साझा प्रयास है जिसमें कई हितधारक शामिल होते हैं। इसमें सरकार, शैक्षणिक संस्थान, शिक्षक, अभिभावक और छात्र शामिल हैं। सरकार को शिक्षा नीतियों को विकसित करने और वित्त पोषण प्रदान करने की ज़िम्मेदारी है। शैक्षणिक संस्थानों को एक प्रभावी सीखने का माहौल बनाने और उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने की ज़िम्मेदारी है। शिक्षकों पर छात्रों को शिक्षित और प्रेरित करने का दायित्व है। अभिभावकों को अपने बच्चों की शिक्षा में शामिल होना चाहिए और घरेलू समर्थन प्रदान करना चाहिए। छात्रों को सीखने में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और अपने स्वयं के शैक्षणिक विकास के लिए ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए।
109. अर्जित प्रेरक के अन्तर्गत आते हैं ?
(A) आदत की विवशता
(B) जीवन लक्ष्य व मनोवृत्तियां
(C) मद-व्यसन
(D) उपरोक्त सभी
Solution:
**अर्जित प्रेरक:**
अर्जित प्रेरक वे प्रेरक होते हैं जो सीखने या अनुभव के माध्यम से प्राप्त किए जाते हैं। इसमें शामिल हैं:
* **आंतरिक प्रेरक:** आंतरिक संतुष्टि और विकास की इच्छा, जैसे जिज्ञासा, उपलब्धि की आवश्यकता और दक्षता।
* **बाह्य प्रेरक:** पुरस्कार या परिणामों पर आधारित, जैसे ग्रेड, अनुमोदन और सजा।
* **संबद्ध प्रेरक:** किसी कार्य को दूसरों के साथ जोड़ना, जैसे सामाजिक मान्यता या प्रतिस्पर्धा।
* **अभिकाम प्रेरक:** एक विशिष्ट लक्ष्य या परिणाम की ओर निर्देशित, जैसे परीक्षा उत्तीर्ण करना या प्रतियोगिता जीतना।
110. अध्यापक की जीवन शैली किस आदर्श के अनुरूप होना चाहिए ?
(A) सादा जीवन उच्च विचार
(B) एकान्तप्रिय जीवन
(C) खाओ, पियो मौज उड़ाओं
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
एक आदर्श अध्यापक की जीवन शैली निम्नलिखित मानकों पर आधारित होनी चाहिए:
* **अखंडता और ईमानदारी:** नैतिक सिद्धांतों का पालन करना और छात्रों के साथ पारदर्शी और भरोसेमंद होना।
* **पेशेवरता:** समयनिष्ठता, तैयारी और कक्षा में उचित व्यवहार प्रदर्शित करना।
* **सहानुभूति और समझ:** छात्रों की ज़रूरतों और भावनाओं को समझना और उनकी सफलता का समर्थन करना।
* **ज्ञान की प्यास:** विषय ज्ञान और शिक्षण पद्धतियों से लगातार अवगत रहना।
* **जीवन भर सीखने की मानसिकता:** व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए खुला रहना और नई चीजों को सीखने की इच्छा रखना।