Teaching Aptitude - Teaching Aptitude In Hindi - Teaching Aptitude Question
शिक्षण अभिवृति एवं शिक्षण अभिरुचि से संबंधित समान्य ज्ञान के सवाल। शिक्षण अभिक्षमता को बढ़ाने के लिए सामान्य ज्ञान के सवाल का संग्रह जो सभी प्रतियोगिया जैसे CTET, UCG, CSIR, TET, TGT, BED, सेट, केंद्रीय विद्यालय, नबोदया विद्यालय, पीजीटी आदि के तयारी में सहयोग करेगी ।
शिक्षण अभिवृत्ति एवं शिक्षण अभिरुचि प्रश्नोत्तरी | Teacher Aptitude Test | Teaching Aptitude GK
661. निःशुल्क और अनिवार्य प्राइमरी शिक्षा लागू होने के फलस्वरूप ?
(A) बालकों में साक्षरता बढ़ी है
(B) ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता बढ़ी है
(C) देश में साक्षरता बढ़ी है
(D) ये सभी
Solution:
निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के कार्यान्वयन से कई लाभ हुए हैं:
* **बढ़ी हुई नामांकन दर:** मुफ्त शिक्षा ने सभी बच्चों को स्कूल जाने का अवसर प्रदान किया, जिससे नामांकन दर में वृद्धि हुई।
* **साक्षरता और कौशल में सुधार:** शिक्षा तक पहुंच ने साक्षरता दरों और जीवन कौशल में सुधार किया है।
* **आर्थिक विकास:** शिक्षित आबादी आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है, उच्च आय और बेहतर जीवन स्तर की ओर ले जाती है।
* **सामाजिक समानता:** मुफ्त शिक्षा ने सभी बच्चों के लिए समान अवसर प्रदान किए हैं, सामाजिक असमानताओं को कम किया है।
* **गरीबी में कमी:** शिक्षा गरीबी के चक्र को तोड़ने में मदद करती है, जिससे लोगों को बेहतर नौकरी और आय प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके।
662. यदि शिक्षक यह कहे कि मैं जो कुछ करता हूं उस पर ध्यान न दो अपितु मैं जो कहता हूं उसका अनुसरण करो तो ?
(A) छात्र शिक्षक की विद्वता का गुण गायेंगे
(B) छात्र उसके कहने के अनुसार चलेंगे
(C) छात्रों पर इसका अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा
(D) छात्र शिक्षक का मजाक उड़ायेंगे
Solution:
यदि कोई शिक्षक कहता है, "ध्यान मत दो कि मैं क्या कर रहा हूं, ध्यान दो कि मैं क्या कह रहा हूं," तो इसका मतलब है कि उन्हें अपने कार्यों से अधिक अपने शब्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कह रहे हैं। शिक्षक को पता हो सकता है कि उनका व्यवहार हमेशा आदर्श नहीं होता है, और वे नहीं चाहते कि छात्र उनके नकारात्मक उदाहरण का अनुसरण करें। इसके बजाय, वे चाहते हैं कि छात्र उनके निर्देशों और ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करें, भले ही उनके कार्यों से हमेशा उनका समर्थन न हो।
663. जब आप पढ़ने के लिए बैठते हैं तो टेलीफोन आ जाता है जिससे आपके कार्य बाधित हो जाते हैं, तो आप ?
(A) टेलीफोन नहीं सुनेंगे
(B) टेलीफोन को दूसरे कमरे में लगा देंगे
(C) टेलीफोन सुनना पसन्द करेंगे, शायद कोई जरूरी बात हो
(D) रिसीवर नीचे रख देंगे
Solution:
इस स्थिति में, आप विचलन को न्यूनतम करने के लिए निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
1. विनम्रता से फोन करने वाले से अनुरोध करें कि वे आपको वापस बुलाएँ, यह बताते हुए कि आप एक महत्वपूर्ण कार्य पर काम कर रहे हैं।
2. फोन को साइलेंट मोड पर रखें या इसे दूसरे कमरे में ले जाएं।
3. दरवाजे या खिड़की बंद करें ताकि शोर को कम किया जा सके।
4. यदि संभव हो, तो ऐसी जगह पर जाएं जहां आप विकर्षणों से दूर रह सकें।
664. सच्चे मार्ग पर चलने के लिए आप किन-किन लोगों का अनुसरण करते हैं ?
(A) देश के नेताओं का
(B) सभी अच्छे व्यक्तियों का
(C) महापुरुषों के आदेशों का
(D) देश के शिक्षाविदों का
Solution:
सच्चे मार्ग पर चलने के लिए, मैं उन व्यक्तियों का अनुसरण करता हूं जो निम्नलिखित गुणों को प्रदर्शित करते हैं:
* **अखंडता:** वे अपने शब्दों और कार्यों में ईमानदार और विश्वसनीय होते हैं।
* **नैतिकता:** वे उच्च नैतिक मानकों को बनाए रखते हैं और सिद्धांतों से समझौता नहीं करते हैं।
* **निःस्वार्थता:** वे दूसरों की भलाई को अपने हितों से ऊपर रखते हैं।
* **ज्ञान:** उनके पास ज्ञान और समझ का खजाना होता है जो उन्हें बुद्धिमान निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
* **अनुभव:** उनके पास जीवन का एक विस्तृत अनुभव होता है जो उन्हें मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
इन गुणों वाले लोग मुझे मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, प्रेरणा देते हैं और मुझे सही दिशा में बने रहने में मदद करते हैं।
665. प्राचीन काल में औपचारिक शिक्षा का स्वरूप था ?
(A) बौद्धिक कौशल का विकास
(B) धार्मिक संस्कारों का ज्ञान
(C) मानव मूल्यों का संप्रेषण
(D) व्यावसायिक शिक्षा
Solution:
प्राचीन काल में औपचारिक शिक्षा गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित थी। गुरु जानकार और अनुभवी विद्वान होते थे जो अपने शिष्यों को विभिन्न विषयों में शिक्षा देते थे, जैसे धर्म, दर्शन, विज्ञान और कला। शिक्षा आश्रमों में दी जाती थी, जो शिक्षण और सीखने के लिए समर्पित निवासी विद्यालय थे। शिष्य गुरु से सीधे ज्ञान प्राप्त करते थे, प्रश्न पूछते थे और असाइनमेंट पूरा करते थे। औपचारिक शिक्षा की अवधि भिन्न होती थी, कुछ शिष्य कई वर्षों तक अध्ययन करते थे जबकि अन्य थोड़े समय के लिए।
666. विद्यालय से छात्रों के भागने का कारण है ?
(A) रुचिकर कक्षा शिक्षण न होना
(B) छात्रों की शिक्षा में रूचि न होना
(C) छत्रों को दण्ड न देना
(D) अध्यापकों की समस्या के प्रति उदासीनता
Solution:
विद्यालय से छात्रों के भागने के कारण जटिल और बहुआयामी हैं:
* **अकादमिक दबाव:** अत्यधिक गृहकार्य, परीक्षा का तनाव और सीखने में कठिनाइयाँ।
* **सामाजिक समस्याएँ:** सहकर्मी दबाव, उत्पीड़न या सामाजिक अलगाव।
* **पारिवारिक मुद्दे:** पारिवारिक संघर्ष, तलाक या घर पर उपेक्षा।
* **मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ:** अवसाद, चिंता या व्यवहार संबंधी समस्याएँ।
* **साहस की तलाश:** कुछ छात्र विद्यालय से भागकर जोखिम लेना चाहते हैं और स्वतंत्रता का अनुभव करना चाहते हैं।
* **दवाओं या शराब का दुरुपयोग:** नशे के आदी छात्र शांत क्षेत्र या नशीली दवाओं की तलाश में विद्यालय छोड़ सकते हैं।
* **शैक्षणिक मोहभंग:** छात्रों को विद्यालय की प्रासंगिकता या मूल्य में कमी महसूस होने पर भागने की संभावना अधिक होती है।
* **अनुशासन संबंधी समस्याएँ:** सख्त अनुशासनात्मक उपाय या अनुचित दंड छात्रों को विद्यालय के माहौल से अलग कर सकते हैं।
667. यदि आपकी कक्षा में बच्चों की संख्या के अनुरूप फर्नीचर कम है तो आप ?
(A) कुछ छात्रों से खड़े होकर पढने के लिए कहेंगे
(B) प्रधानाचार्य से इसके प्रबंध करने के लिए कहेंगे
(C) छात्रों को कम फर्नीचर पर ही समायोजित करने का प्रयास करेंगे
(D) उपरोक्त सभी
Solution:
यदि कक्षा में फर्नीचर बच्चों की संख्या के लिए अपर्याप्त है, तो छात्रों को सीखने और सहजता से बैठने में कठिनाई हो सकती है।
ऐसी स्थिति में, शिक्षक को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
* अतिरिक्त फर्नीचर प्राप्त करने के लिए स्कूल प्रशासन से अनुरोध करें।
* छात्रों को फर्श पर बैठने या साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
* सीखने के लिए लचीली बैठने की व्यवस्थाओं का पता लगाएँ, जैसे कि बैठे हुए बॉल या योगा मैट।
* माता-पिता से अतिरिक्त फर्नीचर दान करने का अनुरोध करें।
* कक्षा को पुनर्व्यवस्थित करने और अंतरिक्ष का अधिकतम लाभ उठाने पर विचार करें।
668. छात्रों को गृह-कार्य दिया जाए, वह ?
(A) पढ़ाए गए पाठ पर आधारित होना चाहिए
(B) पहले पढ़े गए पाठ पर आधारित ज्ञान को बढ़ाने वाला होना चाहिए
(C) पूर्व ज्ञान पर आधारित और उसे दोहराने वाला होना चाहिए
(D) ये सभी
Solution:
गृह-कार्य छात्रों को कक्षा में सीखी गई अवधारणाओं को मजबूत करने और उनका अभ्यास करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करता है। यह स्वतंत्र सोच और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देता है। गृह-कार्य से समय प्रबंधन और जिम्मेदारी सीखने में भी मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद की सुविधा प्रदान करता है, जिससे शिक्षक छात्रों की प्रगति की निगरानी कर सकते हैं और उन्हें अतिरिक्त समर्थन दे सकते हैं। गृह-कार्य छात्रों को अपनी शैक्षणिक क्षमता तक पहुंचने और आजीवन सीखने वालों बनने में सक्षम बनाता है।
669. शैल्डन ने शारीरिक गुणॊं के आधार पर व्यक्तित्व को कितने भागों में बांटा है ?
(A) कोमल एवं गोलाकार
(B) गोलाकार व आयताकार
(C) लम्बाकार व कोमल
(D) उपरोक्त सभी
Solution:
शेल्डन ने शारीरिक गुणों के आधार पर व्यक्तित्व को तीन भागों में विभाजित किया:
1. **एंडोमोर्फ:** गोल शरीर, चौड़े कंधे और मोटा शरीर। वे सामाजिक, मिलनसार और सुखद प्रकृति वाले होते हैं।
2. **मेसोमॉर्फ:** मांसल शरीर, मजबूत हड्डियां और अच्छी तरह से विकसित शरीर। वे सक्रिय, साहसी और प्रतिस्पर्धी होते हैं।
3. **एक्टोमोर्फ:** पतला शरीर, लंबे अंग और नाजुक हड्डियां। वे अंतर्मुखी, कलात्मक और संवेदनशील होते हैं।
670. मनोविश्लेषात्मक प्रणाली के जन्मदाता हैं ?
(A) सी. एच. जुड
(B) सिंगमंड फ्रायड
(C) जी. लेसर ऎण्डरसन
(D) स्टाउड
Solution:
सिग्मंड फ्रायड मनोविश्लेषणात्मक प्रणाली के जन्मदाता हैं। उन्होंने अचेतन मन के सिद्धांत को विकसित किया, जो मानता है कि मानवीय व्यवहार और भावनाएं अचेतन विचारों, भावनाओं और यादों से प्रेरित होती हैं। फ्रायड का मानना था कि ये अचेतन प्रक्रियाएं बचपन के अनुभवों और संघर्षों से उत्पन्न होती हैं जो व्यक्ति सचेत रूप से याद नहीं रख सकता है।