Electronics Gk - Electronics Gk In Hindi - Electrical GK Questions
इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ और समान्य ज्ञान के सवाल, जो सभी तरह के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ना जरूरी है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान्य ज्ञान | इलेक्ट्रॉनिक जीके प्रश्नोत्तरी | Electronics Questions
71. लेमिनेशन के प्रयोग से ?
(A) भंवर धारा हानियॉं कम हो जाती है
(B) भंवर धारायें अधीक हो जाती है
(C) लोड धारा कम हो जाती है
(D) घर्षण हानियॉं कम हो जाती है
Solution:
लेमिनेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक सामग्रियों की पतली परतों को एक साथ चिपकाया जाता है, जो एक मजबूत और अधिक टिकाऊ मिश्रित सामग्री बनाता है। यह विभिन्न उद्योगों में उपयोग किया जाता है, जैसे:
* **पैकेजिंग:** खाद्य और पेय पदार्थों को ऑक्सीजन और नमी से बचाता है, जिससे शेल्फ जीवन बढ़ता है।
* **इलेक्ट्रॉनिक्स:** सर्किट बोर्डों में तांबे के निशानों को अलग करता है, विद्युत शॉर्ट सर्किट को रोकता है।
* **फर्नीचर:** फर्श और काउंटरटॉप को खरोंच, दाग और पानी के नुकसान से बचाता है।
* **ऑटोमोटिव:** कार निकास प्रणालियों को जंग से बचाता है, जिससे स्थायित्व बढ़ता है।
* **अंतरिक्ष अन्वेषण:** अंतरिक्ष यान की सुरक्षा के लिए गर्मी ढाल बनाता है।
72. लम्बी संचरण लाइन को फीड करने के लिए सबसे उपयुक्त जनरेटर है
(A) अंडर कम्पाउण्ड डी.सी. जनरेटर
(B) फ्लैट कम्पाउण्ड डी.सी. जनरेटर
(C) ओवर कम्पाउण्ड डी.सी. जनरेटर
(D) डिफ्रन्शियल कम्पाउण्ड डी.सी. जनरेटर
Solution:
लंबी संचरण लाइनों को फीड करने के लिए एक तुल्यकालिक जनरेटर सबसे उपयुक्त होता है। एक तुल्यकालिक जनरेटर ग्रिड की आवृत्ति और वोल्टेज को बनाए रखने के लिए लाइन पर लोड में बदलाव के जवाब में अपनी गति और उत्तेजना को समायोजित कर सकता है। यह ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने और लंबे समय तक विश्वसनीय विद्युत संचरण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
73. सैकण्डरी विद्युत यंत्र होते हैं ?
(A) डैम्फिंग टार्क वाले
(B) कन्ट्रोलिंग टार्क वाले
(C) डिफलेक्टिंग टार्क वाले
(D) उपर्युक्त सभी
Solution:
माध्यमिक विद्युत यंत्र, पारंपरिक विद्युत यंत्रों में पाए जाने वाले प्राथमिक घुमावदार के बिना विद्युत यंत्र होते हैं। इसके बजाय, वे विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का उपयोग करके एक प्रत्यावर्ती चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए एक विद्युत धारा का उपयोग करते हैं। यह क्षेत्र तब माध्यमिक घुमावदार में एक विद्युत धारा को प्रेरित करता है, जिससे विद्युत ऊर्जा का हस्तांतरण होता है। माध्यमिक विद्युत यंत्रों में ट्रांसफार्मर, इंडक्टर और इलेक्ट्रोमैग्नेट शामिल हैं।
74. सिन्क्रोनस मोटर की रोटर वाइन्डिंग किसके द्वारा उत्तेजित की जाती है
(A) उत्तेजक से प्राप्त d.c सप्लाई
(B) a.c सप्लाई
(C) स्टेटर धारा के प्रेरण
(D) परिभ्रमण करता हुआ क्षेत्र
Solution:
सिंक्रोनस मोटर की रोटर वाइंडिंग बाहरी डीसी स्रोत द्वारा उत्तेजित की जाती है। यह स्रोत आमतौर पर एक बैटरी या डीसी जनरेटर होता है। डीसी धारा रोटर वाइंडिंग्स में एक चुंबकीय क्षेत्र बनाती है, जो स्टेटर वाइंडिंग्स द्वारा उत्पन्न घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र के साथ इंटरैक्ट करके मोटर का रोटेशन उत्पन्न करता है। डीसी उत्तेजन रोटर चुंबकीय क्षेत्र की ताकत और मोटर की टॉर्क विशेषताओं को नियंत्रित करने की अनुमति देता है।
75. शिरोपरी लाइन में खम्भे काम में लेते हैं ?
(A) पाइप टाइप खम्भे
(B) टॉवर
(C) लकड़ी के खम्भे
(D) उपर्युक्त सभी
Solution:
शिरोपरी लाइनों में खंभे का उपयोग लाइनों को जमीन से ऊपर उठाने के लिए किया जाता है और उन्हें विद्युत प्रवाह को सुरक्षित और कुशलतापूर्वक प्रसारित करने की अनुमति दी जाती है। ये खंभे आमतौर पर लकड़ी, इस्पात या कंक्रीट से बने होते हैं और इन्हें जमीन में मजबूती से गाड़ा जाता है। वे विद्युत तारों को सहारा देते हैं, उन्हें हवा, बारिश और बर्फ जैसे पर्यावरणीय कारकों से बचाते हैं। खंभे सुनिश्चित करते हैं कि विद्युत प्रवाह निर्बाध रूप से प्रवाहित हो सके और लोगों और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए जमीन से ऊपर रहें।
76. जब एक पिंजरी प्रेरण मोटर को सीधे ही D.O.L. स्टार्टर से चालू किया जाता है तो प्रारम्भी धारा होगी ?
(A) पूर्ण-भार धारा की 5 से 7 गुनी
(B) पूर्ण-भार धारा की तिगुनी
(C) पूर्ण-भार धारा की दुगुनी
(D) पूर्ण-भार धारा के बराबर
Solution:
डीओएल (डायरेक्ट-ऑन-लाइन) स्टार्टर से सीधे चालू करने पर, एक पिंजरी प्रेरण मोटर बहुत अधिक प्रारंभिक धारा खींचती है। यह प्रारंभिक धारा सामान्य पूर्ण भार धारा से 5-8 गुना अधिक हो सकती है।
यह उच्च धारा निम्न प्रतिबाधा के कारण होती है जो स्टेटर वाइंडिंग में मोटर को चालू करने से पहले प्रस्तुत करती है। लॉक रोटर धारा के रूप में भी जानी जाती है, यह उच्च प्रारंभिक धारा मोटर के यांत्रिक जड़त्व को दूर करने और इसे रोटेशन तक लाने के लिए आवश्यक उच्च टॉर्क प्रदान करती है।
77. धातु सुपर कंडक्टिविटी का गुण प्रदर्शित करती है ?
(A) उच्चतम ताप व दाब की स्थिति में
(B) त्रिक बिंदु के समीप
(C) क्रांतिक ताप के समीप
(D) परम शून्य ताप के समीप
Solution:
धातुएं सुपरकंडक्टिविटी का गुण प्रदर्शित कर सकती हैं, जो अत्यंत कम तापमान पर विद्युत प्रतिरोध का पूर्ण रूप से गायब होना है। जब धातुओं को एक महत्वपूर्ण तापमान (Tc) से नीचे ठंडा किया जाता है, तो इलेक्ट्रॉन युग्म बनाते हैं जिन्हें कूपर जोड़े कहा जाता है। ये जोड़े सामंजस्यपूर्ण ढंग से चलते हैं, जिससे विद्युत प्रतिरोध शून्य हो जाता है और विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है। सुपरकंडक्टिविटी बिजली के कुशल संचरण, एमआरआई मशीन और उच्च-ऊर्जा भौतिकी प्रयोगों जैसे अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
78. संचरण लाइन के ए.सी. एवं डी.सी. प्रतिरोध समान नहीं होते। इसका कारण है ?
(A) चालकों की भिन्न प्रतिरोधकता
(B) ओम का नियम
(C) त्वचिक प्रभाव
(D) उपयुक्त सभी
Solution:
AC और DC लाइनों का प्रतिरोध भिन्न होता है क्योंकि AC में स्किन इफेक्ट होता है, जो तारों की परिधि के पास करंट प्रवाह को केंद्रित करता है। इससे तारों का प्रभावी क्रॉस-सेक्शनल क्षेत्र कम हो जाता है और प्रतिरोध बढ़ जाता है। DC में यह प्रभाव नहीं होता है, इसलिए प्रतिरोध स्थिर रहता है। इसके अतिरिक्त, AC लाइनों में प्रेरणिक और कैपेसिटिव प्रतिघात होता है जो DC लाइनों में अनुपस्थित होता है।
79. डी.सी. जनरेटर मे वेव बाइन्डिग की जाती है ?
(A) कम करंट तथा कम वोल;टेज हेतु
(B) अधीक वोल्टेज तथा अधिक करंट हेतु
(C) कम करंट तथा अधिक वोल्टेज हेतु
(D) उपर्युक्त सभी
Solution:
वेव वाइंडिंग एक जनरेटर आर्मेचर में कॉइल को व्यवस्थित करने की एक विधि है, जहाँ कॉइल समान रूप से आर्मेचर की परिधि के चारों ओर वितरित होते हैं। डीसी जनरेटर में, वेव वाइंडिंग का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह एक समानांतर पथ प्रदान करता है, जो आर्मेचर में कॉइल से करंट को आसानी से प्रवाहित करने की अनुमति देता है। इससे कम आर्मेचर प्रतिरोध और उच्च धारा क्षमता प्राप्त होती है, जिससे जनरेटर अधिक कुशलता से काम कर सकता है।
80. दो बल्बों पर 100W/220V तथा 40W/220V अंकित है। किस बल्ब का प्रतिरोध अधिक होगा ?
(A) 40W बल्ब
(B) 100W बल्ब
(C) दोनों का प्रतिरोध समान होगा
(D) उपयुक्त में से कोई नही
Solution:
बल्ब का प्रतिरोध वोल्टेज (V) और वाट क्षमता (P) के व्युत्क्रमानुपाती होता है: R = V^2 / P। इस प्रकार, प्रतिरोध अधिक होगा जब वाट क्षमता कम होगी। दिए गए बल्बों के लिए, 40W/220V बल्ब की 100W/220V बल्ब की तुलना में कम वाट क्षमता है। इसलिए, **40W/220V बल्ब का प्रतिरोध अधिक होगा**।