भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के सवाल जो कि सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के के लिए जान ना जरूरी है
Ias General Knowledge | आईएएस सामान्य ज्ञान
91. भारतीय संविधान की संरचना किस प्रकार की है ?
(A) विशुद्ध संघात्मक
(B) एकात्मक
(C) आकार एकात्मक एवं आत्मा संघात्मक
(D) आकार संघात्मक एवं आत्मा एकात्मक
Solution:
भारतीय संविधान एक संघीय संरचना है, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का वितरण किया गया है। यह एक लचीला संविधान है, जिसका अर्थ है कि इसे संशोधित किया जा सकता है। इसमें सर्वोच्चता का सिद्धांत है, जिसका अर्थ है कि संविधान सभी कानूनों से ऊपर है। संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की गारंटी है। यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की शक्तियाँ अलग-अलग हैं। संविधान संसदीय प्रणाली स्थापित करता है, जहां प्रधान मंत्री सरकार का प्रमुख होता है।
92. संविधान की किस अनुसूची में संसद सदस्यों, राज्यसभा के सभापति एवं लोकसभा के अध्यक्ष के वेतन-भत्तों का उल्लेख प्राप्त होता है ?
(A) दसवी अनुसूची
(B) नौंवी अनुसूची
(C) सातवीं अनुसूची
(D) पांचवीं अनुसूची
Solution:
दूसरी अनुसूची
93. निम्नलिखित में से कौन सा आंतरिक न्यायालयों अथवा न्यायाधिकरणों की कार्य पद्धतियों की जाँच करता है ?
(A) अधिकार-पृच्छा
(B) परमादेश
(C) निषेध
(D) उत्प्रेषण-लेख
Solution:
विधि आयोग भारत के आंतरिक न्यायालयों और न्यायाधिकरणों की कार्य पद्धतियों और उनकी दक्षता में सुधार के तरीकों की जांच करता है। यह कानूनों और प्रक्रियाओं में सुधार का सुझाव देता है, अदालतों के कामकाज में बाधाओं की पहचान करता है, और न्याय तक पहुंच में सुधार के तरीकों की सिफारिश करता है। इस प्रकार, विधि आयोग न्यायिक प्रणाली की दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है।
94. संविधान के अनुच्छेद 21 में उल्लिखित 'प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण' निम्न में से किससे संबंध नहीं रखता है ?
(A) अच्छे स्वास्थ्य का अधिकार
(B) बंधुआ मजदूरों की मुक्ति के बाद उनके पुनर्स्थापित करने का अधिकार
(C) बोनस या मंहगाई भत्ता मांगने का अधिकार
(D) ऐसे साधनों के अंतर्गत जीने का अधिकार, जो अवैध, अनैतिक या लोक नीति के विरुद्ध न हों
Solution:
**अनुच्छेद 21 में 'प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता'** का संरक्षण उन कार्रवाइयों से संबंधित नहीं है जो:
* कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार की जाती हैं।
इसका अर्थ है कि सरकार या अन्य प्राधिकरण उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने पर व्यक्तियों को बंदी बना या सीमित कर सकती है, जैसे गिरफ्तारी वारंट या न्यायिक आदेश। इसलिए, केवल मनमानी या अवैध हिरासत ही अनुच्छेद 21 के उल्लंघन का गठन करेगी।
95. संसद की संविधान में संशोधन की संवैधानिक शक्ति ?
(A) संविधानेत्तर है
(B) प्रक्रियागत रूप से सीमित तथा प्रतिबंधित नहीं है
(C) किसी भी अंतर्भूत अथवा विवक्षित सीमाओं से अप्रतिबंधित है
(D) के अंतर्गत संविधान के प्रावधान में योग, परिवर्तन एवं हटा लेना शामिल है
Solution:
भारतीय संविधान संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति देता है। यह शक्ति अनुच्छेद 368 में दी गई है। संशोधन दो प्रकार के होते हैं: सामान्य और संवैधानिक। सामान्य संशोधन साधारण बहुमत से पारित किए जा सकते हैं, जबकि संवैधानिक संशोधन को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में दो-तिहाई बहुमत और कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं के अनुमोदन की आवश्यकता होती है। संविधान में संशोधन की शक्ति संसद को गतिशील और अनुकूलनीय दस्तावेज़ बनाए रखने की अनुमति देती है जो बदलती सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों को पूरा कर सके।
96. द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध के समय गवर्नर-जनरल कौन था ?
(A) सर जान शोर
(B) लार्ड कार्नवालिस
(C) लार्ड वेलेस्ली
(D) वारेन हेस्टिंग्स
Solution:
द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध के समय गवर्नर-जनरल **वॉरन हेस्टिंग्स** थे। वह 1774 से 1785 तक बंगाल प्रेसीडेंसी के गवर्नर-जनरल और पहले ब्रिटिश भारत के गवर्नर-जनरल थे। हेस्टिंग्स की नीतियों ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन उनकी आक्रामक विस्तारवादी नीतियां विवाद का कारण भी बनीं।
97. भारत के संविधान के अनुसार निम्नलिखित में से किस अधिकार को आपातकाल के दौरान छीना नहीं जा सकता है ?
(A) बोलने का अधिकार
(B) घूमने-फिरने का अधिकार
(C) जीवन का अधिकार
(D) संगठन का अधिकार
Solution:
भारत के संविधान के अनुच्छेद 20 और 21 के तहत, आपातकाल के दौरान भी निम्नलिखित अधिकारों को निलंबित नहीं किया जा सकता है:
* जीवन का अधिकार
* व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
* अपराध और दंड के खिलाफ संरक्षण का अधिकार
* समानता का अधिकार
* न्यायिक उपचार का अधिकार
98. 42वें संविधान संशोधन द्वारा मूल कर्तव्यों को किस समिति की सिफारिशों के बाद जोड़ा गया ?
(A) संथानम समिति
(B) सरकारिया समिति
(C) इंदिरा गांधी-नेहरू समिति
(D) स्वर्ण सिंह समिति
Solution:
42वां संविधान संशोधन (1976) ने मूल कर्तव्यों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51-A में जोड़ा। यह सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया था, जिसका गठन 1975 में आपातकाल के दौरान नागरिक कर्तव्यों को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। समिति ने नागरिकों के 10 कर्तव्यों की सिफारिश की, जिनमें राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा करना, सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करना और पर्यावरण की रक्षा करना शामिल था।
99. निम्न में से कौन-सा कथन संविधान की सातवीं अनुसूची की सही व्याख्या करता है ?
(A) इसमें संविधान में मान्यता प्राप्त भाषाओं का उल्लेख है
(B) इसमें संवैधानिक प्रमुखों के वेतन एवं भत्तों का उल्लेख प्राप्त होता है
(C) इसमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन का उल्लेख है
(D) इसमें जनजातीय क्षेत्रों में प्रशासन का उल्लेख है
Solution:
सातवीं अनुसूची संविधान में तीन सूचियाँ शामिल करती है: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। यह संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन करती है।
संघ सूची में 97 विषय हैं, जिन पर केवल केंद्र सरकार का अधिकार है। राज्य सूची में 61 विषय हैं, जिन पर केवल राज्य सरकारों का अधिकार है। समवर्ती सूची में 52 विषय हैं, जिन पर केंद्र और राज्य सरकारें दोनों अधिकार रखती हैं।
100. किस मुकदमें में सर्वोच्च न्यायालय ने पहली बार यह निर्णय दिया कि संसद द्वारा संविधान के 'मूल ढाँचे' में कोई संशोधन नहीं किया जा सकता ?
(A) शंकरी प्रसाद मुकदमा
(B) मिनरवा मिल मुकदमा
(C) केशवानंद भारती मुकदमा
(D) गोलकनाथ मुकदमा
Solution:
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वप्रथम फैसला दिया कि संसद 'संविधान के मूल ढांचे' में संशोधन नहीं कर सकती है। मूल ढांचा उन सिद्धांतों और विशेषताओं को संदर्भित करता है जो संविधान की पहचान और चरित्र को परिभाषित करते हैं, जैसे लोकतंत्र, शक्ति पृथक्करण और मौलिक अधिकार। अदालत ने माना कि संसद संविधान के मूल ढांचे को नष्ट करने या बदलने वाले संशोधन पारित नहीं कर सकती है, भले ही संशोधन प्रक्रिया का पालन किया गया हो।