भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के सवाल जो कि सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के के लिए जान ना जरूरी है
Ias General Knowledge | आईएएस सामान्य ज्ञान
11. निम्न में से कौन-सा कथन संविधान की सातवीं अनुसूची की सही व्याख्या करता है ?
(A) इसमें संविधान में मान्यता प्राप्त भाषाओं का उल्लेख है
(B) इसमें संवैधानिक प्रमुखों के वेतन एवं भत्तों का उल्लेख प्राप्त होता है
(C) इसमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन का उल्लेख है
(D) इसमें जनजातीय क्षेत्रों में प्रशासन का उल्लेख है
Solution:
सातवीं अनुसूची संविधान में तीन सूचियाँ शामिल करती है: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। यह संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन करती है।
संघ सूची में 97 विषय हैं, जिन पर केवल केंद्र सरकार का अधिकार है। राज्य सूची में 61 विषय हैं, जिन पर केवल राज्य सरकारों का अधिकार है। समवर्ती सूची में 52 विषय हैं, जिन पर केंद्र और राज्य सरकारें दोनों अधिकार रखती हैं।
12. इलाहाबाद की द्वितीय संधि (16 अगस्त 1765) किनके बीच हुई ?
(A) मीर कासिम एवं क्लाइव
(B) शुजाउद्दौला एवं क्लाइव
(C) शाह आलम II एवं क्लाइव
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
इलाहाबाद की द्वितीय संधि 16 अगस्त, 1765 को अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी और अवध के नवाब शुजा-उद-दौला के बीच हुई। संधि के तहत, कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी (राजस्व एकत्र करने का अधिकार) प्रदान की गई। बदले में, कंपनी ने शुजा-उद-दौला को अवध के नवाब के रूप में मान्यता दी और उसे इलाहाबाद और कोड़ा का किला वापस कर दिया। इस संधि ने कंपनी की भारत में शक्ति और प्रभाव को काफी बढ़ा दिया और भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
13. ब्रिटिश काल में भारत में निम्नलिखित में से किस भू-राजस्व व्यवस्था को नहीं अपनाया गया ?
(A) स्थायी बंदोबस्त
(B) रैय्यतवाड़ी व्यवस्था
(C) महालवाड़ी व्यवस्था
(D) दहसाला व्यवस्था
Solution:
ब्रिटिश काल में भारत में निम्नलिखित सभी भू-राजस्व व्यवस्थाओं को अपनाया गया था:
* स्थायी बंदोबस्त
* रैयतवाड़ी बंदोबस्त
* महालवाड़ी बंदोबस्त
इसलिए, कोई भी भू-राजस्व व्यवस्था ऐसी नहीं है जिसे ब्रिटिश काल में भारत में नहीं अपनाया गया था।
14. वित्तीय आपातकाल की उद्घोषणा के मामले में ?
(A) सभी राज्य विधानसभाएं भंग हो जाती हैं तथा राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार संसद को प्राप्त हो जाता है
(B) राज्यों के सभी धन विधेयकों पर संसद ही विचार कर सकती है तथा वे संसद में ही पारित हो सकते हैं
(C) राष्ट्रपति देश हित में राज्यों को यह आदेश दे सकते हैं कि अपने अधिकारियों के वेतन में कटौती कर दें।
(D) सभी राज्य सरकारें भंग हो जाती हैं तथा अर्थव्यवस्था का प्रबंधन केंद्र सरकार अपने हाथों में ले लेती है
Solution:
वित्तीय आपातकाल की घोषणा के मामले में, सरकार निम्न कदम उठा सकती है:
* सार्वजनिक खर्च में कटौती करना
* कर बढ़ाना
* केंद्रीय बैंक से उधार लेना
* मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीति को कसना
* विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करना
* अंतरराष्ट्रीय संगठनों से सहायता लेना
ये उपाय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और वित्तीय संकट के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
15. संसद की संविधान में संशोधन की संवैधानिक शक्ति ?
(A) संविधानेत्तर है
(B) प्रक्रियागत रूप से सीमित तथा प्रतिबंधित नहीं है
(C) किसी भी अंतर्भूत अथवा विवक्षित सीमाओं से अप्रतिबंधित है
(D) के अंतर्गत संविधान के प्रावधान में योग, परिवर्तन एवं हटा लेना शामिल है
Solution:
भारतीय संविधान संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति देता है। यह शक्ति अनुच्छेद 368 में दी गई है। संशोधन दो प्रकार के होते हैं: सामान्य और संवैधानिक। सामान्य संशोधन साधारण बहुमत से पारित किए जा सकते हैं, जबकि संवैधानिक संशोधन को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में दो-तिहाई बहुमत और कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं के अनुमोदन की आवश्यकता होती है। संविधान में संशोधन की शक्ति संसद को गतिशील और अनुकूलनीय दस्तावेज़ बनाए रखने की अनुमति देती है जो बदलती सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों को पूरा कर सके।
16. भारत का संविधान, अमेरिका, स्विट्जरलैंड एवं ऑस्ट्रेलिया की तरह एक परंपरागत संघीय व्यवस्था से भिन्न है तथा इसमें कई एकात्मक या गैर-संघीय विशेषताएं हैं। इस प्रकार इसकी प्रकृति अल्प संघीय है।' यह किसका कथन है ?
(A) आई. जेनिंग्स
(B) एच.जे. लास्की
(C) के.सी. व्हेयर
(D) जी. ऑस्टिन
Solution:
यह के.सी. व्हीयर का कथन है। भारत का संविधान संघीय और एकात्मक दोनों विशेषताओं को मिश्रित करता है। इसमें एक मजबूत केंद्र सरकार है, लेकिन राज्यों को भी कुछ स्वतंत्रता दी गई है। इस प्रकार, इसे "अल्प संघीय" माना जाता है क्योंकि यह पारंपरिक संघीय प्रणालियों की तुलना में केंद्र सरकार को अधिक शक्ति प्रदान करता है।
17. भारत में ब्रिटिश शासनकाल की अवधि में बनाए गए निम्न अधिनियमों में से किसे 'निक्षेपण अधिनियम' (Devolution Rule) के नाम से जाना जाता है ?
(A) भारतीय परिषद अधिनियम, 1909
(B) भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
(C) भारत शासन अधिनियम, 1919
(D) भारत शासन अधिनियम, 1935
Solution:
भारत सरकार अधिनियम, 1919 को 'निक्षेपण अधिनियम' के रूप में जाना जाता है। इस अधिनियम ने ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीयों को सीमित आत्म-शासन प्रदान किया। इसने प्रांतीय विधानसभाओं में द्विसदनीय व्यवस्था पेश की और भारतीयों को कुछ कार्यकारी शक्तियां दीं। इस अधिनियम को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपर्याप्त मानते हुए खारिज कर दिया था।
18. निम्नलिखित में से कौन भारत के प्रथम कानून मंत्री थे ?
(A) डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
(B) टी. कृष्णामचारी
(C) मौलाना अबुल कलाम आजाद
(D) जवाहर लाल नेहरु
Solution:
एंबेडकर, बी.आर.
डॉ. भीमराव अंबेडकर भारत के प्रथम कानून मंत्री थे। उन्हें भारत के संविधान का जनक भी माना जाता है। उन्होंने संविधान निर्माण समिति की अध्यक्षता की और अनुसूचित जाति और जनजातियों के अधिकारों और सामाजिक न्याय की वकालत की।
19. संसद राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बना सकती है, बशर्ते कि वहः ?
(A) राष्ट्रीय हित का हो
(B) अल्पसंख्यकों के हित का हो
(C) लोक हित का हो
(D) राज्य के हित का हो
Solution:
संसद राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बना सकती है, बशर्ते कि:
* **राष्ट्रीय हित में हो:** कानून पूरे देश या उसके किसी बड़े हिस्से में राष्ट्रीय हित को बढ़ावा देता हो।
* **दो या दो से अधिक राज्यों के हितों को प्रभावित करता हो:** कानून एक से अधिक राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है और वे स्वयं प्रभावी ढंग से कानून नहीं बना सकते हैं।
* **राज्य विधायिका द्वारा विधेयक पारित करने से पहले संसद का संकल्प पारित हो:** संसद द्वारा एक संकल्प पारित करके राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने की अपनी मंशा का संकेत देना चाहिए।
20. निम्न में से किस अधिनियम के द्वारा प्रांतों में आंशिक उत्तरदायी सरकार की स्थापना की गयी ?
(A) भारत शासन अधिनियम, 1919
(B) भारतीय परिषद अधिनियम, 1909
(C) भारत शासन अधिनियम, 1935
(D) भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
Solution:
भारत सरकार अधिनियम, 1919
इस अधिनियम ने प्रांतों में द्वैध शासन प्रणाली शुरू की, जिसमें कुछ विषयों के लिए प्रांतीय सरकारें जिम्मेदार थीं (उत्तरदायी शासन) और अन्य विषयों के लिए गवर्नर और उनकी कार्यकारी परिषद जिम्मेदार थी। इसने प्रांतों में आंशिक उत्तरदायी सरकार की शुरुआत को चिह्नित किया।