भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के सवाल जो कि सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के के लिए जान ना जरूरी है
Ias General Knowledge | आईएएस सामान्य ज्ञान
81. किस मुकदमें में सर्वोच्च न्यायालय ने पहली बार यह निर्णय दिया कि संसद द्वारा संविधान के 'मूल ढाँचे' में कोई संशोधन नहीं किया जा सकता ?
(A) शंकरी प्रसाद मुकदमा
(B) मिनरवा मिल मुकदमा
(C) केशवानंद भारती मुकदमा
(D) गोलकनाथ मुकदमा
Solution:
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वप्रथम फैसला दिया कि संसद 'संविधान के मूल ढांचे' में संशोधन नहीं कर सकती है। मूल ढांचा उन सिद्धांतों और विशेषताओं को संदर्भित करता है जो संविधान की पहचान और चरित्र को परिभाषित करते हैं, जैसे लोकतंत्र, शक्ति पृथक्करण और मौलिक अधिकार। अदालत ने माना कि संसद संविधान के मूल ढांचे को नष्ट करने या बदलने वाले संशोधन पारित नहीं कर सकती है, भले ही संशोधन प्रक्रिया का पालन किया गया हो।
82. भारतीय संघ के राज्य अपनी सीमाओं में किस प्रकार परिवर्तन कर सकते हैं ?
(A) संसद द्वारा साधारण प्रक्रिया एवं सामान्य बहुमत से
(B) दोनों सदनों के दो-तिहाई बहुमत से
(C) दोनों सदनों के दो-तिहाई बहुमत एवं संबंधित राज्य की विधायिका के परामर्श से
(D) केंद्र सरकार के कार्यपालक आदेश एवं संबंधित राज्य की विधायिका के परामर्श से
Solution:
संविधान का अनुच्छेद 2 के प्रावधानों के अनुसार, भारतीय संघ के राज्यों की सीमाओं को संसद के एक अधिनियम द्वारा पुनर्निर्धारित किया जा सकता है। संसद, राज्य विधानमंडल के संकल्प या केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर, सीमाओं में परिवर्तन करने के लिए एक विधेयक पेश करती है। विधेयक को दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाना चाहिए और राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। सीमा परिवर्तन अधिनियम के प्रारंभ होने पर प्रभावी हो जाता है।
83. अस्पृश्यता का उन्मूलन भारत के संविधान के किस अनुच्छेद के द्वारा किया गया ?
(A) अनुच्छेद 14
(B) अनुच्छेद 15
(C) अनुच्छेद 16
(D) अनुच्छेद 17
Solution:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत अस्पृश्यता का उन्मूलन किया गया। इस अनुच्छेद ने अस्पृश्यता के अभ्यास को गैर-कानूनी और दंडनीय बना दिया। इससे जाति आधार पर भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समानता सुनिश्चित करने में मदद मिली। अनुच्छेद 17 ने ऐतिहासिक रूप से वंचित समुदायों के उत्थान और उन्हें मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
84. केरल के राजा मार्तड वर्मा के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा एक सत्य नहीं है ?
(A) उसने त्रावणकोर पर शासन किया
(B) उसने सामंतों का दमन किया
(C) उसने मजबूत एवं आधुनिक सेना संगठित की
(D) उसने शांति बनाये रखने के लिए यूरोपीय अधिकारियों को भारी रिश्वते दी
Solution:
मार्तंड वर्मा, 18वीं शताब्दी के त्रावणकोर के राजा थे, न कि केरल के। नीचे दिया गया कथन असत्य है:
* उन्होंने त्रावणकोर की सेना का आधुनिकीकरण किया और इसे यूरोपीय शैली में प्रशिक्षित किया।
85. भारत के संविधान का अनुच्छेद 30 संबंधित है ?
(A) अंत:करण की स्वाधीनता से
(B) धर्म प्रचार के अधिकार से
(C) अपनी शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना एवं प्रबंधन के अल्पसंख्यकों के अधिकार से
(D) बहुसंख्यक समुदाय के सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक अधिकारों से
Solution:
अनुच्छेद 30 भारत के संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) में शामिल है। यह अल्पसंख्यक वर्गों के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार प्रदान करता है। यह अल्पसंख्यकों द्वारा नियंत्रित और वित्त पोषित गैर-राज्य शैक्षणिक संस्थानों को सहायता देता है, जो अपनी विशिष्ट संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने का इच्छुक हैं। यह अधिकार शिक्षा के क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए है।
86. निम्नलिखित में से किस वर्ष मौलिक कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया ?
(A) 1965
(B) 1976
(C) 1979
(D) 1982
Solution:
1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से मौलिक कर्तव्यों को भारतीय संविधान में जोड़ा गया था। ये कर्तव्य नागरिकों को एक लोकतांत्रिक समाज में जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और उनमें राष्ट्र की एकता और अखंडता, राज्य का सम्मान, राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान और पर्यावरण की रक्षा जैसे दायित्व शामिल हैं।
87. निम्न में से किस अधिनियम के द्वारा अंग्रेजों ने भारत में पहली बार सांप्रदायिक निर्वाचन व्यवस्था की शुरुआत की ?
(A) भारत शासन अधिनियम, 1909
(B) भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
(C) भारत शासन अधिनियम, 1892
(D) भारतीय परिषद अधिनियम, 1919
Solution:
भारत सरकार अधिनियम, 1909 (मॉर्ले-मिंटो सुधार) ने पहली बार भारत में सांप्रदायिक निर्वाचन व्यवस्था की शुरुआत की। इस अधिनियम ने मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों का निर्माण किया, जिससे उन्हें मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने की अनुमति मिली। यह सांप्रदायिक तनाव को कम करने और मुस्लिम समुदाय को राजनीतिक व्यवस्था में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया था।
88. राज्य कोई भी ऐसा कानून नहीं बना सकता जो मूल अधिकारों का उल्लंघन करता हो। निम्न में से किसे इस हेतु प्रयुक्त नहीं किया जा सकता ?
(A) अध्यादेश
(B) उप-नियम
(C) नियम
(D) संवैधानिक संशोधन
Solution:
संविधान के अनुच्छेद 13 में निहित मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य को कोई भी कानून बनाने से रोकता है जो इन अधिकारों का उल्लंघन करता हो। इस प्रयास के लिए निम्नलिखित का उपयोग नहीं किया जा सकता है:
* **संवैधानिक संशोधन:** संविधान में संशोधन करने से मौलिक अधिकारों में बदलाव हो सकता है, लेकिन यह राज्य को ऐसे कानून बनाने की अनुमति नहीं देता जो इन अधिकारों का उल्लंघन करते हों।
89. 5. संविधान का निम्न में से कौन-सा अनुच्छेद ऐसे भारतीय नागरिक के अधिकारों को बताता है, जो भारत से बाहर रहता है ?
(A) अनुच्छेद 10
(B) अनुच्छेद 9
(C) अनुच्छेद 8
(D) अनुच्छेद 8
Solution:
अनुच्छेद 9 संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों से संबंधित है। यह ऐसे भारतीय नागरिकों को भी समान संरक्षण प्रदान करता है जो भारत से बाहर रह रहे हों। यह अनुच्छेद यह सुनिश्चित करता है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार, यातना या क्रूर, असामान्य या गरिमा के विरुद्ध दंड से संरक्षण, और कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के उचित पालन का अधिकार प्राप्त है।
90. संविधान के अनुच्छेद 21 में उल्लिखित 'प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण' निम्न में से किससे संबंध नहीं रखता है ?
(A) अच्छे स्वास्थ्य का अधिकार
(B) बंधुआ मजदूरों की मुक्ति के बाद उनके पुनर्स्थापित करने का अधिकार
(C) बोनस या मंहगाई भत्ता मांगने का अधिकार
(D) ऐसे साधनों के अंतर्गत जीने का अधिकार, जो अवैध, अनैतिक या लोक नीति के विरुद्ध न हों
Solution:
**अनुच्छेद 21 में 'प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता'** का संरक्षण उन कार्रवाइयों से संबंधित नहीं है जो:
* कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार की जाती हैं।
इसका अर्थ है कि सरकार या अन्य प्राधिकरण उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने पर व्यक्तियों को बंदी बना या सीमित कर सकती है, जैसे गिरफ्तारी वारंट या न्यायिक आदेश। इसलिए, केवल मनमानी या अवैध हिरासत ही अनुच्छेद 21 के उल्लंघन का गठन करेगी।