भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के सवाल जो कि सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के के लिए जान ना जरूरी है
Ias General Knowledge | आईएएस सामान्य ज्ञान
191. भारत के राष्ट्रपति को दोषी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, लघुकरण, विराम या परिहार करने की शक्ति प्राप्त है। इस संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है ?
(A) राष्ट्रपति क्षमादान की याचिका को निरस्त कर सकते हैं लेकिन निरस्मत करने से पूर्व वे इस याचिका पर विचार अवश्य करेंगे।
(B) राष्ट्रपति को ऐसे मामलों में भी दोषी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, लघुकरण, विराम या परिहार करने की शक्ति प्राप्त है, जिसमें उसे मृत्युदंड दिया गया हो
(C) कोर्ट मार्शल से सजा प्राप्त मामलों में भी राष्ट्रपति ऐसा कर सकते हैं
(D) राष्ट्रपति को ऐसे मामलों में भी दोषी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, लघुकरण, विराम या परिहार करने की शक्ति प्राप्त है, जिसमें केंद्र की कार्यपालक शक्तियों का उल्लंघन हुआ हो
Solution:
भारत के राष्ट्रपति को दंडित व्यक्तियों को क्षमा प्रदान करने की शक्ति है, लेकिन यह शक्ति पूर्ण नहीं है। निम्नलिखित कथन में से जो सत्य नहीं है वह यह है:
* राष्ट्रपति केवल राज्य सरकारों द्वारा दी गई सजाओं को ही क्षमा कर सकते हैं।
192. आपातस्थिति की घोषणा से संबंधित संवैधानिक संशोधन (1978) के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति से निम्नानुसार कार्य करने की अपेक्षा करता है ?
(A) समस्त मंत्रिपरिषद के सामूहिक परामर्श के अनुसार
(B) केन्द्रीय मंत्रिमंडल के परामर्श के अनुसार
(C) भारत के महाधिवक्ता के परामर्श के अनुसार
(D) सर्वोच्च न्यायालय के परामर्श के अनुसार
Solution:
44वां संविधान संशोधन (1978) ने आपातकाल की घोषणा के आधार को सीमित कर दिया और राष्ट्रपति के लिए कुछ अतिरिक्त कानूनी सुरक्षा उपाय प्रदान किए:
1. राष्ट्रपति केवल "सशस्त्र विद्रोह" या "बाहरी आक्रमण" के कारण आपातकाल घोषित कर सकते हैं।
2. घोषणा को घोषित करने के 30 दिनों के भीतर संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
3. आपातकाल की अवधि एक बार में अधिकतम दो महीने तक हो सकती है, लेकिन इसे संसद द्वारा एक बार में अधिकतम छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है।
4. आपातकाल की अवधि के दौरान, राष्ट्रपति को कानून बनाने की शक्ति मिलती है, जो संसदीय अनुमोदन के बिना छह महीने तक वैध रहता है।
193. निम्न में से कौन राज्य नीति के निदेशक तत्वों में शामिल नहीं है ?
(A) कल्याणकारी राज्य की स्थापना (b)
(B) समाजार्थिक न्याय सुनिश्चित करना
(C) धार्मिक राज्य की स्थापना
(D) धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना
Solution:
राज्य नीति के निदेशक तत्वों में निम्नलिखित शामिल हैं, लेकिन इसमें निम्नलिखित शामिल नहीं है:
* **जंजीर तोड़ना**
* जीवन स्तर को ऊपर उठाना
* आर्थिक विपन्नता का समापन
* समान नागरिक संहिता की स्थापना
* पर्यावरण का संरक्षण
* लोक कल्याण की वृद्धि
194. निम्न में से कौन सरकार की संसदीय व्यवस्था का की एक प्रमुख विशेषता नहीं है ?
(A) विधायिका एवं कार्यपालिका का सामंजस्य
(B) राष्ट्रपति का नाममात्र का प्रमुख होना
(C) सामूहिक उत्तरदायित्व
(D) कार्यपालिका का निश्चित कार्यकाल
Solution:
सरकार की संसदीय व्यवस्था की एक प्रमुख विशेषता नहीं है:
**राष्ट्रपति शासन का अस्तित्व:** संसदीय व्यवस्था में, कार्यकारी शक्ति प्रधान मंत्री और मंत्रिपरिषद में निहित होती है, न कि राष्ट्रपति में। राष्ट्रपति का पद आमतौर पर प्रतीकात्मक होता है और उसे कोई महत्वपूर्ण कार्यकारी अधिकार नहीं होते हैं।
195. 1953 में, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किसकी अध्यक्षता में एक आयोग के गठन की घोषणा की, जिसे भाषायी आधार पर राज्यों के गठन के विषय पर विचार करना था ?
(A) टी.टी. कृष्णमाचारी
(B) जी.बी. पंत
(C) फजल अली
(D) वल्लभभाई पटेल
Solution:
1953 में, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राज्यों के पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) के गठन की घोषणा की, जिसकी अध्यक्षता फाजल अली, के.एम. पणिक्कर और एच.एन. कंज़्रू ने की थी। एसआरसी को भाषायी आधार पर भारत के राज्यों के पुनर्गठन की संभावनाओं पर विचार करने का कार्य सौंपा गया था।
196. निम्न में से कौन-सा जोड़ा सही सुमेलित है ?
(A) बंदी प्रत्यक्षीकरण : निजी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध
(B) अधिकार पृच्छा : केवल अधीनस्थ न्यायालयों के लिए उपलब्ध
(C) उत्प्रेषण : केवल स्वायत्त संस्थाओं के लिए उपलब्ध
(D) प्रतिषेध : केवल लोक सेवकों के लिए उपलब्ध
Solution:
**सही सुमेलित जोड़ा:**
* **आइंस्टीन-सापेक्षता का सिद्धांत**
**क्योंकि:**
* अल्बर्ट आइंस्टीन सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांतों को विकसित करने के लिए जाने जाते हैं, जो अंतरिक्ष, समय और गुरुत्वाकर्षण की हमारी समझ में क्रांति लाते हैं।
197. 'समान कार्य के लिए समान वेतन' है ?
(A) राज्य नीति के निदेशक तत्व
(B) मूल अधिकार
(C) संवैधानिक अधिकार
(D) मूल कर्तव्य
Solution:
"समान कार्य, समान वेतन" का सिद्धांत यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि समान कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों को, उनकी लिंग, जाति या अन्य पहचान कारकों की परवाह किए बिना, समान पारिश्रमिक प्राप्त हो। यह लैंगिक वेतन अंतर और अन्य प्रकार के वेतन भेदभाव को संबोधित करता है, जो सामाजिक अन्याय पैदा करता है और आर्थिक असमानता को बढ़ावा देता है। सिद्धांत कर्मचारियों के बीच निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा देता है, एक अधिक न्यायसंगत और समावेशी कार्यस्थल बनाता है।
198. मूल कर्तव्य किसकी याद दिलाते हैं ?
(A) लोकतांत्रिक पद्धति के पालन हेतु प्रत्येक नागरिक के दायित्वों की
(B) संविधान में उल्लिखित राज्य के कर्तव्यों की
(C) लोगों के कल्याण हेतु विधायिका द्वारा विधि के निर्माण की
(D) न्यायपालिका को भली प्रकार से न्याय प्रदान करने की
Solution:
मूल कर्तव्य एक नैतिक रूपरेखा प्रदान करते हैं, जो नागरिकों को उनके मौलिक दायित्वों की याद दिलाते हैं। वे इस बात पर जोर देते हैं कि नागरिकों को संविधान, कानून का पालन करना चाहिए, देश की एकता और अखंडता की रक्षा करनी चाहिए, पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए, करों का भुगतान करना चाहिए और समाज के कमजोर वर्गों की मदद करनी चाहिए। मूल कर्तव्य नागरिकों को अपने अधिकारों और स्वतंत्रता का जिम्मेदारी से उपयोग करने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
199. 3. संविधान का निम्न में से कौन- न-सा अनुच्छेद नागरिकता के बारे में बताता है ?
(A) अनुच्छेद 333 से 337
(B) अनुच्छेद 17 से 20
(C) अनुच्छेद 5 से 11
(D) अनुच्छेद 1 से 4
Solution:
अनुच्छेद 5 से 11 भारतीय संविधान में नागरिकता से संबंधित हैं।
* **अनुच्छेद 5:** नागरिकता का आधार और अधिग्रहण निर्धारित करता है।
* **अनुच्छेद 6:** संविधान लागू होने की तिथि को नागरिकता प्रदान करता है।
* **अनुच्छेद 7:** जन्म से नागरिकता प्राप्त करने के लिए शर्तें निर्धारित करता है।
* **अनुच्छेद 8:** वंश से नागरिकता प्राप्त करने के लिए शर्तें निर्धारित करता है।
* **अनुच्छेद 9:** प्राकृतिककरण से नागरिकता प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करता है।
* **अनुच्छेद 10:** संसद को नागरिकता के कानून बनाने की शक्ति देता है।
* **अनुच्छेद 11:** सरकार को दुश्मन देशों के नागरिकों की नागरिकता रद्द करने की शक्ति देता है।
200. वित्तीय आपातकाल की उद्घोषणा के मामले में ?
(A) सभी राज्य विधानसभाएं भंग हो जाती हैं तथा राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार संसद को प्राप्त हो जाता है
(B) राज्यों के सभी धन विधेयकों पर संसद ही विचार कर सकती है तथा वे संसद में ही पारित हो सकते हैं
(C) राष्ट्रपति देश हित में राज्यों को यह आदेश दे सकते हैं कि अपने अधिकारियों के वेतन में कटौती कर दें।
(D) सभी राज्य सरकारें भंग हो जाती हैं तथा अर्थव्यवस्था का प्रबंधन केंद्र सरकार अपने हाथों में ले लेती है
Solution:
वित्तीय आपातकाल की घोषणा के मामले में, सरकार निम्न कदम उठा सकती है:
* सार्वजनिक खर्च में कटौती करना
* कर बढ़ाना
* केंद्रीय बैंक से उधार लेना
* मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीति को कसना
* विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करना
* अंतरराष्ट्रीय संगठनों से सहायता लेना
ये उपाय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और वित्तीय संकट के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।