भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के सवाल जो कि सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के के लिए जान ना जरूरी है
Ias General Knowledge | आईएएस सामान्य ज्ञान
151. निम्नलिखित में से किस संविधान संशोधन के कारण भारत के संविधान में अनुच्छेद 15 (5) जुड़ा जिससे निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण का लाभ दिया जा सके ?
(A) 81वाँ संशोधन
(B) 91वाँ संशोधन
(C) 86वाँ संशोधन
(D) 93वाँ संशोधन
Solution:
76वें संविधान संशोधन (1994) के माध्यम से भारत के संविधान में अनुच्छेद 15(5) जोड़ा गया। इसने निजी शिक्षण संस्थाओं को माइनॉरिटी संस्थानों को छोड़कर, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) को प्रवेश और नियुक्तियों में 50% आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान किया। इसका उद्देश्य पिछड़े वर्गों के लिए उच्च शिक्षा और नौकरियों तक पहुंच का विस्तार करना था, जो ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर थे।
152. निम्न में से कौन-सा कथन संविधान की सातवीं अनुसूची की सही व्याख्या करता है ?
(A) इसमें संविधान में मान्यता प्राप्त भाषाओं का उल्लेख है
(B) इसमें संवैधानिक प्रमुखों के वेतन एवं भत्तों का उल्लेख प्राप्त होता है
(C) इसमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन का उल्लेख है
(D) इसमें जनजातीय क्षेत्रों में प्रशासन का उल्लेख है
Solution:
सातवीं अनुसूची संविधान में तीन सूचियाँ शामिल करती है: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। यह संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन करती है।
संघ सूची में 97 विषय हैं, जिन पर केवल केंद्र सरकार का अधिकार है। राज्य सूची में 61 विषय हैं, जिन पर केवल राज्य सरकारों का अधिकार है। समवर्ती सूची में 52 विषय हैं, जिन पर केंद्र और राज्य सरकारें दोनों अधिकार रखती हैं।
153. निम्नलिखित में से किस मुकदमें के कारण संसद को 24वाँ संविधान संशोधन अधिनियम पारित करना ?
(A) शंकरी प्रसाद मुकदमा
(B) केशवानंद भारती मुकदमा
(C) मिनरवा मिल मुकदमा
(D) गोलकनाथ मुकदमा
Solution:
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के मुकदमे के कारण संसद को 24वाँ संविधान संशोधन अधिनियम पारित करना पड़ा। इस मुकदमे में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि संसद संविधान के मूल ढांचे में संशोधन नहीं कर सकती। इस फैसले ने संसद को संविधान को हल्के ढंग से संशोधित करने से रोक दिया, और इसने संविधान की सर्वोच्चता और न्यायपालिका की भूमिका की पुष्टि की।
154. भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग के संबंध में निम्न में से कौन-सा एक सही नहीं है ?
(A) संसद के किसी भी सदन में संविधान के उल्लंघन के आधार पर इसे प्रारंभ किया जा सकता है
(B) इस आशय के प्रस्ताव पर सदन के कम-से-कम एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए
(C) इस आशय के प्रस्ताव को सदन की कुल सदस्य संख्या के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए।
(D) इस आशय का प्रस्ताव कम-से-कम तीन दिन की लिखित सूचना के आधार पर ही लाया जा सकता है
Solution:
भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग के संबंध में सही नहीं है:
* **राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने से पहले भी महाभियोग चलाया जा सकता है।**
अन्य सभी कथन सही हैं:
* महाभियोग संसद द्वारा चलाया जाता है।
* राष्ट्रपति को संविधान के उल्लंघन या कदाचार के आरोप पर महाभियोग लगाया जा सकता है।
* राष्ट्रपति को हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
155. संविधान का अनुच्छेद 32 निम्न में से किस मूल अधिकार से संबंधित है ?
(A) विधि के समक्ष समता एवं विधियों का समान संरक्षण
(B) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
(C) प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार
(D) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
Solution:
अनुच्छेद 32 भारत के संविधान में न्यायिक पुनरावलोकन का अधिकार प्रदान करता है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित मौलिक अधिकारों को लागू करने की शक्ति प्रदान करता है। अनुच्छेद 32 के तहत व्यक्ति अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सकते हैं। यह नागरिकों को सरकारी कार्रवाइयों के खिलाफ कानूनी उपाय प्रदान करके मौलिक अधिकारों की प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
156. भारतीय संघ के राज्य अपनी सीमाओं में किस प्रकार परिवर्तन कर सकते हैं ?
(A) संसद द्वारा साधारण प्रक्रिया एवं सामान्य बहुमत से
(B) दोनों सदनों के दो-तिहाई बहुमत से
(C) दोनों सदनों के दो-तिहाई बहुमत एवं संबंधित राज्य की विधायिका के परामर्श से
(D) केंद्र सरकार के कार्यपालक आदेश एवं संबंधित राज्य की विधायिका के परामर्श से
Solution:
संविधान का अनुच्छेद 2 के प्रावधानों के अनुसार, भारतीय संघ के राज्यों की सीमाओं को संसद के एक अधिनियम द्वारा पुनर्निर्धारित किया जा सकता है। संसद, राज्य विधानमंडल के संकल्प या केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर, सीमाओं में परिवर्तन करने के लिए एक विधेयक पेश करती है। विधेयक को दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाना चाहिए और राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। सीमा परिवर्तन अधिनियम के प्रारंभ होने पर प्रभावी हो जाता है।
157. संसद के सदन की कुल सदस्य संख्या के दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करने का नियम निम्न में से किस पर लागू होता है ?
(A) संविधान में संशोधन
(B) राष्ट्रपति पर महाभियोग
(C) आपातकाल को अस्वीकार
(D) आपातकाल की घोषणा
Solution:
यह नियम संविधान में संशोधन पारित करने पर लागू होता है। संविधान के किसी भी प्रावधान में संशोधन के लिए संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में कुल सदस्य संख्या के दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करना आवश्यक है।
158. निम्न में से कौन भारत में नागरिकता के अधिकारों की रक्षा करता है ?
(A) विधि आयोग
(B) संसद
(C) केंद्रीय कैबिनेट
(D) सर्वोच्च न्यायालय
Solution:
भारतीय संविधान नागरिकता के अधिकारों की रक्षा करता है, जो मौलिक अधिकारों का एक हिस्सा हैं। ये अधिकार भारत के सभी नागरिकों को समान रूप से उपलब्ध हैं, चाहे उनका धर्म, जाति, लिंग या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो। संविधान के अनुच्छेद 14 से 32 में इन अधिकारों की व्याख्या की गई है, जिसमें जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार और भेदभाव से सुरक्षा शामिल है।
159. भारत में काम का अधिकार है ?
(A) मूल अधिकार
(B) संवैधानिक अधिकार
(C) संवैधानिक कर्तव्य
(D) राज्य नीति के निदेशक तत्व
Solution:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 में काम के अधिकार को एक मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई है। इसके तहत, प्रत्येक नागरिक को जीने के लिए पर्याप्त रोजगार या कोई अन्य आजीविका प्राप्त करने का अधिकार है। राज्य इस अधिकार को विनियमित और प्रतिबंधित कर सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से निलंबित नहीं कर सकता। यह अधिकार यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को अपनी आजीविका कमाने और एक सभ्य जीवन जीने का अवसर मिले। यह गरीबी और आर्थिक असमानता को कम करने में भी मदद करता है।
160. भारत शासन अधिनियम, 1935 में वर्णित 'आदेशों के उपकरण' भारत के संविधान में वर्ष 1950 में किस शामिल किए गए ?
(A) आपातकालीन प्रावधान
(B) राज्य नीति के निदेशक तत्व
(C) मूल कर्तव्य
(D) मूल अधिकार
Solution:
1935 का भारत शासन अधिनियम 'आदेशों के उपकरण' के प्रावधान को 1950 में भारत के संविधान में 'संसद द्वारा अधिनियमित कानून' के रूप में शामिल किया गया था। इस प्रावधान ने ब्रिटिश सरकार को भारतीय संविधान की संवैधानिक योजना को संशोधित करने या निलंबित करने की शक्ति प्रदान की थी। भारतीय संविधान में, इस शक्ति को संसद को हस्तांतरित कर दिया गया था, जो अब संविधान में संशोधन कर सकती है या किसी भी आपात स्थिति के दौरान मूल अधिकारों को निलंबित कर सकती है।