भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के सवाल जो कि सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के के लिए जान ना जरूरी है
Ias General Knowledge | आईएएस सामान्य ज्ञान
131. ब्रिटिश काल में भारत में निम्नलिखित में से किस भू-राजस्व व्यवस्था को नहीं अपनाया गया ?
(A) स्थायी बंदोबस्त
(B) रैय्यतवाड़ी व्यवस्था
(C) महालवाड़ी व्यवस्था
(D) दहसाला व्यवस्था
Solution:
ब्रिटिश काल में भारत में निम्नलिखित सभी भू-राजस्व व्यवस्थाओं को अपनाया गया था:
* स्थायी बंदोबस्त
* रैयतवाड़ी बंदोबस्त
* महालवाड़ी बंदोबस्त
इसलिए, कोई भी भू-राजस्व व्यवस्था ऐसी नहीं है जिसे ब्रिटिश काल में भारत में नहीं अपनाया गया था।
132. भारत के संविधान के अनुसार निम्नलिखित में से किस अधिकार को आपातकाल के दौरान छीना नहीं जा सकता है ?
(A) बोलने का अधिकार
(B) घूमने-फिरने का अधिकार
(C) जीवन का अधिकार
(D) संगठन का अधिकार
Solution:
भारत के संविधान के अनुच्छेद 20 और 21 के तहत, आपातकाल के दौरान भी निम्नलिखित अधिकारों को निलंबित नहीं किया जा सकता है:
* जीवन का अधिकार
* व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
* अपराध और दंड के खिलाफ संरक्षण का अधिकार
* समानता का अधिकार
* न्यायिक उपचार का अधिकार
133. भारत के राष्ट्रपति को दोषी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, लघुकरण, विराम या परिहार करने की शक्ति प्राप्त है। इस संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है ?
(A) राष्ट्रपति क्षमादान की याचिका को निरस्त कर सकते हैं लेकिन निरस्मत करने से पूर्व वे इस याचिका पर विचार अवश्य करेंगे।
(B) राष्ट्रपति को ऐसे मामलों में भी दोषी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, लघुकरण, विराम या परिहार करने की शक्ति प्राप्त है, जिसमें उसे मृत्युदंड दिया गया हो
(C) कोर्ट मार्शल से सजा प्राप्त मामलों में भी राष्ट्रपति ऐसा कर सकते हैं
(D) राष्ट्रपति को ऐसे मामलों में भी दोषी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, लघुकरण, विराम या परिहार करने की शक्ति प्राप्त है, जिसमें केंद्र की कार्यपालक शक्तियों का उल्लंघन हुआ हो
Solution:
भारत के राष्ट्रपति को दंडित व्यक्तियों को क्षमा प्रदान करने की शक्ति है, लेकिन यह शक्ति पूर्ण नहीं है। निम्नलिखित कथन में से जो सत्य नहीं है वह यह है:
* राष्ट्रपति केवल राज्य सरकारों द्वारा दी गई सजाओं को ही क्षमा कर सकते हैं।
134. संसद कब राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बना सकती है ?
(A) यदि राष्ट्रीय हित के मद्देनजर संसद इस आशय का प्रस्ताव पारित करती है
(B) यदि सर्वोच्च न्यायालय, संसद को ऐसा करने के लिए कहे
(C) यदि राष्ट्रीय हित के मद्देनजर राज्यसभा दो-तिहाई बहुमत से इस आशय का प्रस्ताव पारित करती है
(D) यदि राष्ट्रपति इस तरह का कोई अध्
Solution:
संसद राज्य सूची के विषयों पर तब कानून बना सकती है जब:
* राष्ट्रीय हित आवश्यक हो, जैसे आतंकवाद या राष्ट्रीय आपातकाल।
* यह दो या अधिक राज्यों के हितों को प्रभावित करता हो।
* ऐसा विशिष्ट पूर्व अनुमति से हाउस ऑफ द पीपल द्वारा अनुरोध किया गया हो, जिसकी राज्य विधानमंडल द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
* सरकार ने राज्य सूची के विषय को राष्ट्रहित में स्थानांतरित करने की घोषणा की हो।
135. भारत का संविधान निम्न में से किसकी गारंटी नहीं प्रदान करता है ?
(A) संपत्ति के क्रय, अधिग्रहित या विक्रय करने का अधिकार
(B) देश में निर्बाध विचरण का अधिकार
(C) शांतिपूर्वक एवं निरायुध सम्मेलन का अधिकार
(D) किसी व्यवसाय या वृत्ति को अपनाने का अधिकार
Solution:
भारत का संविधान नागरिकों को निम्नलिखित में से गारंटी नहीं प्रदान करता है:
**पूर्ण स्वतंत्रता का अधिकार**
संविधान कुछ उचित प्रतिबंधों के साथ अभिव्यक्ति, विचार, धर्म और जीवन और स्वतंत्रता जैसे अधिकारों की गारंटी देता है। हालांकि, यह पूर्ण स्वतंत्रता की गारंटी नहीं देता है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और नैतिकता जैसे उद्देश्यों के लिए कुछ सीमाएं लगाता है।
136. संविधान का वह अनुच्छेद जो आपातकाल की घोषणा के साथ स्वतः निलंबित हो जाता है ?
(A) अनुच्छेद 14
(B) अनुच्छेद 19
(C) अनुच्छेद 32
(D) अनुच्छेद 21
Solution:
अनुच्छेद 19 में दिए गए मौलिक अधिकार आपातकाल की घोषणा के साथ स्वतः ही निलंबित हो जाते हैं। यह अनुच्छेद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा, बिना हथियार के जुलूस निकालने, निवास स्थान पर रहने और देश के किसी भी हिस्से में स्वतंत्र रूप से घूमने-फिरने के अधिकार सहित कई मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है। ये अधिकार राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा होने पर निलंबित किए जा सकते हैं।
137. इलाहाबाद की द्वितीय संधि (16 अगस्त 1765) किनके बीच हुई ?
(A) मीर कासिम एवं क्लाइव
(B) शुजाउद्दौला एवं क्लाइव
(C) शाह आलम II एवं क्लाइव
(D) इनमें से कोई नहीं
Solution:
इलाहाबाद की द्वितीय संधि 16 अगस्त, 1765 को अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी और अवध के नवाब शुजा-उद-दौला के बीच हुई। संधि के तहत, कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी (राजस्व एकत्र करने का अधिकार) प्रदान की गई। बदले में, कंपनी ने शुजा-उद-दौला को अवध के नवाब के रूप में मान्यता दी और उसे इलाहाबाद और कोड़ा का किला वापस कर दिया। इस संधि ने कंपनी की भारत में शक्ति और प्रभाव को काफी बढ़ा दिया और भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
138. निम्न में से कौन केंद्र के गैर-कर राजस्व स्रोत का एक मुख्य घटक नहीं है ?
(A) पोस्ट एवं टेलीग्राफ
(B) प्रसारण
(C) अफीम
(D) वन
Solution:
केंद्र का गैर-कर राजस्व स्रोत उन आय स्रोतों से प्राप्त होता है जो कराधान के माध्यम से नहीं होते हैं।
मुख्य घटक शामिल नहीं है:
* **सीमा शुल्क:** आयातित वस्तुओं पर शुल्क
* **केन्द्रीय जीएसटी:** वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया गया अप्रत्यक्ष कर
* **पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क:** पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन पर कर
* **प्रविधिक भुगतान और जुर्माना:** सरकारी नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना
* **मंडलियों और राज्य सरकारों द्वारा लाभांश:** सार्वजनिक उपक्रमों और राज्य सरकारों से प्राप्त लाभ
इसके बजाय, केंद्र का गैर-कर राजस्व स्रोत मुख्य रूप से **लॉटरी और जुआ कर** से प्राप्त होता है, जो कराधान का एक रूप है और इसलिए एक गैर-कर राजस्व स्रोत नहीं है।
139. हैदर अली की मृत्यु (1782 ई०) किस युद्ध के दौरान हुई थी ?
(A) प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध
(B) चतुर्थ आंग्ल मैसूर युद्ध
(C) तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध
(D) द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध
Solution:
हैदर अली की मृत्यु 1782 ई० में द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध के दौरान हुई। इस युद्ध में, मैसूर साम्राज्य ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का सामना किया। हैदर अली को इस युद्ध में चित्तूर की घेराबंदी के दौरान 7 दिसंबर, 1782 को कैंसर से मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु ने मैसूर साम्राज्य को एक बड़ा झटका दिया और युद्ध के परिणाम को प्रभावित किया।
140. मूल कर्तव्य किसकी याद दिलाते हैं ?
(A) लोकतांत्रिक पद्धति के पालन हेतु प्रत्येक नागरिक के दायित्वों की
(B) संविधान में उल्लिखित राज्य के कर्तव्यों की
(C) लोगों के कल्याण हेतु विधायिका द्वारा विधि के निर्माण की
(D) न्यायपालिका को भली प्रकार से न्याय प्रदान करने की
Solution:
मूल कर्तव्य एक नैतिक रूपरेखा प्रदान करते हैं, जो नागरिकों को उनके मौलिक दायित्वों की याद दिलाते हैं। वे इस बात पर जोर देते हैं कि नागरिकों को संविधान, कानून का पालन करना चाहिए, देश की एकता और अखंडता की रक्षा करनी चाहिए, पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए, करों का भुगतान करना चाहिए और समाज के कमजोर वर्गों की मदद करनी चाहिए। मूल कर्तव्य नागरिकों को अपने अधिकारों और स्वतंत्रता का जिम्मेदारी से उपयोग करने के लिए भी प्रेरित करते हैं।