Electronics Gk - Electronics Gk In Hindi - Electrical GK Questions
इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ और समान्य ज्ञान के सवाल, जो सभी तरह के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ना जरूरी है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान्य ज्ञान | इलेक्ट्रॉनिक जीके प्रश्नोत्तरी | Electronics Questions
21. स्टेवायर व अर्थिंग हेतु तार लगाए जाते हैं?
(A) पीतल के तार के
(B) ताँम्बे के
(C) G.I. तार के
(D) एल्यूमिनियम तार के
Solution:
स्टेवायर (स्टैटिक वायर) और अर्थिंग तार बिजली प्रतिष्ठानों में उपयोग किए जाने वाले सुरक्षा उपकरण हैं।
स्टेवायर उपकरण या मशीनरी पर स्थैतिक बिजली को जमा होने से रोकता है, जिससे आग या विस्फोट हो सकता है। यह एक तार होता है जो उपकरण को ग्राउंड से जोड़ता है, अतिरिक्त चार्ज को पृथ्वी में स्थानांतरित करता है।
अर्थिंग तार बिजली की प्रणालियों में उपयोग किया जाता है ताकि उपकरण और बिजली के बाड़े किसी भी अनपेक्षित करंट को जमीन में प्रवाहित कर सकें, जिससे बिजली के झटके या आग लगने का खतरा कम हो जाता है।
22. तापन एलिमेंट के लिए अनुपयुक्त पदार्थ है ?
(A) निकिल
(B) क्रोमियम
(C) ताम्र
(D) लोहा
Solution:
तापन तत्वों के लिए अनुपयुक्त पदार्थ वे होते हैं जो उच्च तापमान पर आसानी से ऑक्सीकृत हो जाते हैं, जैसे कि एल्युमीनियम और मैग्नीशियम। ऑक्सीकरण धातु की सतह पर एक ऑक्साइड परत बनाता है जो तापीय चालकता को कम कर देता है और ताप तत्व की प्रभावशीलता को कम कर देता है। इसलिए, तापन तत्वों के लिए आमतौर पर निकल, क्रोमियम और लोहे जैसी धातुओं का उपयोग किया जाता है जो उच्च तापमान पर ऑक्सीकरण प्रतिरोधी होती हैं।
23. तुल्यकाली मोटर औद्योगिक कार्यों के लिए बहुत लाभदायक मशीन है, क्योंकि ?
(A) आवश्यक्ता पडने पर शक्ति गुणक इकाई किया जा सकता है
(B) यह सप्लाई आवृत्ति स्थिर हो तब मोटर सभी भार पर स्थिर गति से चलती है
(C) यह सम्पूर्ण प्रतिष्ठान का शक्ति गुणक सुधारती है
(D) उपर्युक्त सभी
Solution:
तुल्यकाली मोटरें औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए आदर्श हैं क्योंकि वे:
* स्थिर गति बनाए रखती हैं, भले ही लोड बदल जाए।
* उच्च दक्षता प्रदान करती हैं, ऊर्जा की बचत करती हैं।
* कम रखरखाव की आवश्यकता होती है क्योंकि उनमें ब्रश या कम्युटेटर नहीं होते हैं।
* सिंक्रोनस ऑपरेशन सटीक गति नियंत्रण की अनुमति देता है।
* पावर फैक्टर में सुधार कर सकते हैं, जो ऊर्जा लागत को कम करता है।
24. माइका की परावैद्युत सामर्थ्य होती है ?
(A) (20-60) KV/MM
(B) (15-20) KV/MM
(C) (2-6) KV/MM
(D) (12-17) KV/MM
Solution:
माइका की परावैद्युत सामर्थ्य बहुत अधिक होती है, लगभग 100 kV/mm। इसका अर्थ यह है कि माइका बिजली के क्षेत्र को बिना टूटे एक उच्च वोल्टेज तक सहन कर सकता है। यह उच्च ढांकता हुआ सामर्थ्य माइका को विद्युत उपकरणों में इन्सुलेटर के रूप में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाता है, जहां यह उच्च वोल्टेज को अलग करने और विद्युत धारा के प्रवाह को रोकने में मदद करता है।
25. ट्रांसफॉर्मर का शक्ति गुणक ?
(A) सदैव 0.8 रहता है
(B) सदैव इकाई होता है
(C) भार के शक्ति गुणक पर निर्भर करता है
(D) सदैव पश्चगामी होती है
Solution:
** ट्रांसफार्मर का शक्ति गुणक:**
ट्रांसफार्मर का शक्ति गुणक सक्रिय शक्ति (P) और स्पष्ट शक्ति (S) के अनुपात को इंगित करता है जो ट्रांसफार्मर द्वारा संभाला जाता है। यह एक आयामहीन मात्रा है जो 0 से 1 तक होती है।
एक आदर्श ट्रांसफार्मर में शक्ति गुणक 1 होता है, जिसका अर्थ है कि यह केवल सक्रिय शक्ति को स्थानांतरित करता है और कोई स्पष्ट शक्ति नहीं। वास्तविक ट्रांसफार्मरों में कोर हानियों और कॉइल प्रतिरोध के कारण शक्ति गुणक 1 से कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ स्पष्ट शक्ति होती है।
उच्च शक्ति गुणक वांछनीय है क्योंकि इससे ट्रांसफार्मर और वितरण प्रणाली की दक्षता में सुधार होता है। कम शक्ति गुणक नुकसान का कारण बन सकता है और उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता है।
26. एक डी. सी. जनरेटर में परिभ्रमण पर वोल्टता उत्पन्न नहीं होती। निम्नलिखित में से कौन सा कारण उत्तरदायी नहीं है ?
(A) क्षेत्र कनेक्शन का विपरीत होना
(B) निम्न गति
(C) अवशेष चुम्बकत्व समाप्त होना
(D) बुशों के ढीले सम्पर्क
Solution:
जब जनरेटर ध्रुवों के सापेक्ष परिभ्रमण करता है, तो कंडक्टर में विद्युत वाहक बल (EMF) प्रेरित होता है। यह EMF कंडक्टर के चुंबकीय क्षेत्र और उसके वेग के लम्बवत होता है।
परिभ्रमण के दौरान वोल्टता उत्पन्न न होने का कोई कारण नहीं है। यह दावा गलत है, क्योंकि जनरेटर में परिभ्रमण द्वारा ही वोल्टता उत्पन्न होती है।
27. पेंटोड का प्रवर्धन गुणांक है ?
(A) उच्च होता है
(B) निम्न होता है
(C) अनंत होता है
(D) शून्य होता है
Solution:
A pentode is a type of electron tube with five electrodes, including the anode, cathode, screen grid, control grid, and suppressor grid. The suppressor grid is located between the screen grid and the anode and serves to suppress secondary emission from the anode, which can improve the pentode's linearity and reduce distortion.
The amplification factor of a pentode is the ratio of the change in anode current to the change in control grid voltage, with all other electrode voltages held constant. The amplification factor of a pentode is typically higher than that of a triode, due to the presence of the suppressor grid.
28. एकल कलीय प्रेरण मोटर का प्रारम्भिक बलाघूर्ण ?
(A) शून्य गति से उच्चतम गति तक समान होता है
(B) उच्च होता है
(C) लगभग शून्य होता है
(D) निम्न होता है
Solution:
एकल-कलीय प्रेरण मोटर में प्रारंभिक बलाघूर्ण सहायक कली (auxiliary winding) द्वारा उत्पन्न होता है, जो मुख्य कली (main winding) से 90 डिग्री विस्थापित होती है। सहायक कली में एक प्रतिरोध या संधारित्र जोड़ा जाता है जो मुख्य कली के धारा प्रवाह के साथ एक चरण विस्थापन उत्पन्न करता है। यह चरण विस्थापन दो घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र बनाता है जो एक दूसरे के लंबवत होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक प्रारंभिक बलाघूर्ण उत्पन्न होता है जो मोटर को प्रारंभ करने की अनुमति देता है।
29. हिस्टॆरिसिस हानि कम करने के लिए आवश्यक है?
(A) उच्च प्रतिरोधकता
(B) निम्न प्रतिरोधकता
(C) B-H वक्र का अधिक क्षेत्रफल
(D) निम्न हिस्टेरिसिस गुणांक
Solution:
हिस्टीरिसिस हानि कम करने के लिए आवश्यक है, जो विद्युत या चुंबकीय प्रणालियों में ऊर्जा का व्यर्थ नुकसान है। इसे चुंबकीय या विद्युत क्षेत्र के उलटने पर सामग्री के चुंबकीयकरण या ध्रुवीकरण में देरी के कारण होता है।
हिस्टीरिसिस हानि को कम करने के लिए, सामग्रियों का उपयोग किया जाता है जिनमें कम हिस्टीरिसिस लूप होता है, जैसे नरम चुंबकीय सामग्री या नरम ढांकता हुआ सामग्री। यह ऊर्जा की हानि को कम करता है और प्रणालियों को अधिक कुशल बनाता है।
30. मर्करी दि टकारी में आर्क वोल्टपात निर्भर करता है ?
(A) आर्क के ताप पर
(B) आर्क की लम्बाई पर
(C) पारे की शुद्धता पर
(D) उपर्युक्त सभी पर
Solution:
आर्क वोल्टपात, मरकरी डायोड में आर्क की लंबाई पर निर्भर करता है। आर्क लंबाई जितनी कम होगी, आर्क वोल्टपात उतना ही कम होगा। यह इस तथ्य के कारण है कि छोटी आर्क लंबाई के लिए इलेक्ट्रॉनों को एनोड से कैथोड तक पार करने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे आर्क की लंबाई बढ़ती है, इलेक्ट्रॉनों को कैथोड तक पहुंचने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च आर्क वोल्टेज होता है।